AIN NEWS 1: आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने दिल्ली आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जमानत की शर्तों में संशोधन और कूटनीतिक पासपोर्ट की वापसी के लिए एक याचिका दायर की थी। इस याचिका पर मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। अब इस मामले में फैसला 18 फरवरी को सुनाया जाएगा।
ईडी ने याचिका का किया विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने संजय सिंह की इस याचिका का कड़ा विरोध किया। ईडी ने अदालत में दलील दी कि आरोपी के पिछले आचरण को देखते हुए उसे कोई विशेष रियायत नहीं दी जानी चाहिए। जांच एजेंसी ने दावा किया कि संजय सिंह के पास जांच से जुड़े गोपनीय दस्तावेज मिले थे, जिससे मामले की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है।
अदालत का फैसला 18 फरवरी को
राउज एवेन्यू कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई और आदेश की घोषणा 18 फरवरी को की जाएगी। इस दिन अदालत तय करेगी कि संजय सिंह की जमानत की शर्तों में बदलाव किया जाएगा या नहीं और क्या उन्हें कूटनीतिक पासपोर्ट वापस मिलेगा।
मामले की पृष्ठभूमि
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की थी। इस मामले में ईडी ने आप नेता संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन कुछ शर्तें लागू की गई थीं। अब उन्होंने उन शर्तों में संशोधन और पासपोर्ट वापसी की मांग की है।
क्या है कूटनीतिक पासपोर्ट?
कूटनीतिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) भारत सरकार द्वारा उन व्यक्तियों को जारी किया जाता है, जिन्हें आधिकारिक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा करनी होती है। सांसदों को भी यह पासपोर्ट मिलता है। गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह का यह पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था, जिसे अब वे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
अगली सुनवाई पर नजरें टिकीं
अब सबकी निगाहें 18 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं। देखना होगा कि अदालत संजय सिंह की याचिका को स्वीकार करती है या प्रवर्तन निदेशालय की आपत्तियों को सही मानते हुए याचिका खारिज कर देती है।
The Delhi excise policy case has taken another turn as AAP MP Sanjay Singh seeks modification of his bail conditions and the return of his diplomatic passport. The Rouse Avenue Court has reserved its order on this plea and will announce its decision on February 18. Meanwhile, the Enforcement Directorate (ED) strongly opposed the request, citing concerns over money laundering and the accused’s past conduct. This high-profile case remains a key legal battle in Delhi politics, with significant implications for AAP leaders and the broader investigation into the Delhi liquor policy scandal.