AIN NEWS 1:महा कुंभ 2025 के दौरान भगदड़ की घटना पर समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में सवाल उठाए, जिस पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस आयोजन के लिए पूरी तरह सतर्क है और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना
रामदास अठावले ने कहा कि महा कुंभ में हर दिन अनुमान से अधिक श्रद्धालु आ रहे हैं। सरकार के अनुसार, 26 फरवरी तक 50 करोड़ से अधिक लोग इस पवित्र आयोजन में हिस्सा लेंगे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति के कारण प्रशासन पर भारी दबाव पड़ता है, लेकिन सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि कोई अप्रिय घटना न हो।
भगदड़ पर सरकार की प्रतिक्रिया
भगदड़ जैसी घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अठावले ने कहा, “हमारी संवेदनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया है। लेकिन यह भी सच है कि जब इतनी बड़ी भीड़ एकत्रित होती है, तो इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार लगातार भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने पर काम कर रही है।
अखिलेश यादव के आरोपों पर जवाब
रामदास अठावले ने कहा कि अखिलेश यादव विपक्ष में हैं और ऐसे आरोप लगाना उनका राजनीतिक दायित्व है। हालांकि, उन्होंने याद दिलाया कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब भी इस तरह की घटनाएं हुई थीं। उन्होंने कहा, “यह सच है कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और कुंभ मेले को सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।”
सरकार की तैयारियां और सुरक्षा उपाय
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार कुंभ मेले के लिए कई आधुनिक तकनीकों और सुरक्षा उपायों को लागू किया है:
CCTV कैमरों से निगरानी: पूरे कुंभ क्षेत्र में हाई-टेक CCTV कैमरे लगाए गए हैं ताकि भीड़ की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष टीमें: कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष पुलिस बल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को तैनात किया गया है।
आपातकालीन सेवाएं: किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर और तेज़ मेडिकल सेवाएं सक्रिय की गई हैं।
डिजिटल तकनीक का उपयोग: श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए RFID बैंड्स और मोबाइल ऐप जैसी डिजिटल तकनीकों को लागू किया गया है।
महा कुंभ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता
महा कुंभ हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। इस आयोजन में दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं, जिससे यह मानवता का सबसे बड़ा समागम बन जाता है। सरकार और प्रशासन की ज़िम्मेदारी होती है कि इस आयोजन को सुचारू रूप से संचालित किया जाए ताकि किसी भी तरह की भगदड़ या अन्य अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि महा कुंभ 2025 पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो। उन्होंने अखिलेश यादव को अपने मित्र बताते हुए कहा कि वह विपक्ष में हैं, इसलिए आरोप लगाना उनकी राजनीतिक भूमिका का हिस्सा है, लेकिन योगी सरकार ने कुंभ मेले के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। प्रशासन की कोशिश यही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
The Maha Kumbh stampede has become a major political issue, with Akhilesh Yadav questioning the crowd management strategies of the Yogi Adityanath-led UP government. Union Minister Ramdas Athawale defended the administration, stating that despite all precautions, such incidents can happen due to the overwhelming number of devotees. The government is making all efforts to ensure the safety of the pilgrims attending Maha Kumbh 2025 in Prayagraj, which is expected to witness over 50 crore visitors by February 26. Athawale also reminded that similar incidents occurred during Akhilesh Yadav’s tenure, making this a recurring challenge in Kumbh Mela safety measures.