प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आयोजित महाकुंभ 2025 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण देश-विदेश से श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। इस मेले की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को हुई और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा।
कुंभ मेला क्यों महत्वपूर्ण है?
कुंभ मेले का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के माध्यम से आत्म-शुद्धि का अवसर प्रदान करना है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दौरान गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी और शिप्रा नदियों का जल अमृत तुल्य हो जाता है। कुंभ मेला साधु-संतों, नागा साधुओं, गुरुओं और भक्तों के मिलन का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है, जहां भक्ति, सेवा और आध्यात्मिक ज्ञान का आदान-प्रदान होता है।
कुंभ मेला कहां-कहां आयोजित होता है?
भारत में कुंभ मेला चार पवित्र स्थानों पर आयोजित किया जाता है:
- प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – त्रिवेणी संगम पर
- हरिद्वार (उत्तराखंड) – गंगा नदी के तट पर
- उज्जैन (मध्य प्रदेश) – क्षिप्रा नदी के तट पर
- नासिक (महाराष्ट्र) – गोदावरी नदी के तट पर
महाकुंभ कब होगा?
शास्त्रों के अनुसार, महाकुंभ 144 वर्षों में केवल एक बार होता है। 2025 में आयोजित महाकुंभ के बाद अगला महाकुंभ वर्ष 2169 में प्रयागराज में होगा।
अगला कुंभ मेला कब और कहां होगा?
महाकुंभ के अलावा हर 12 वर्षों में पूर्ण कुंभ और हर 6 वर्षों में अर्धकुंभ का आयोजन होता है। प्रयागराज कुंभ 2025 के बाद अगले कुंभ मेले का आयोजन इस प्रकार होगा:
- 2027 में नासिक (महाराष्ट्र) – त्र्यंबकेश्वर में कुंभ मेला
- 2028 में उज्जैन (मध्य प्रदेश) – सिंहस्थ महाकुंभ
- 2030 में प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – अर्धकुंभ
निष्कर्ष
कुंभ मेला भारतीय संस्कृति, आस्था और अध्यात्म का प्रतीक है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। श्रद्धालु इन पवित्र स्नानों के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खोजते हैं।
The Kumbh Mela 2025 in Prayagraj is a grand religious festival that attracts millions of devotees. After this event, the next Kumbh Mela will be held in Nashik in 2027, followed by Ujjain Kumbh 2028 and Ardh Kumbh in Prayagraj in 2030. The Maha Kumbh Mela occurs once every 144 years, with the next one scheduled in 2169. This sacred gathering offers a chance for spiritual cleansing and devotion.