यूपी के गोरखपुर जेल में 17 साल तक कैद रहने के बाद पाकिस्तानी नागरिक मशरूफ को रिहा कर दिया गया। बुधवार, 5 फरवरी को जेल प्रशासन ने उसे दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास भेज दिया, जहां से उसे अटारी बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान भेजा जाएगा। मशरूफ को 2008 में बहराइच पुलिस ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
2008 में हुआ था गिरफ्तार
बहराइच पुलिस ने 2008 में मशरूफ को देशद्रोह, जासूसी, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सुरक्षा एजेंसियों को शक था कि वह भारत में आतंकी संगठनों के लिए खुफिया जानकारी जुटा रहा था। जांच के बाद उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और 2013 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
जेल में बर्ताव और स्थानांतरण
- 2015 में मशरूफ को वाराणसी सेंट्रल जेल भेजा गया, जहां उसने कैदियों को उकसाने और विद्रोह की कोशिश की।
- 2019 में उसे गोरखपुर जेल लाया गया और हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया।
- 17 साल की सजा पूरी होने के बाद भारत सरकार ने उसे रिहा करने का फैसला किया।
कानूनी प्रक्रिया और रिहाई
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश के तहत, मशरूफ को गोरखपुर से दिल्ली के पाकिस्तानी दूतावास भेजा गया। वहां कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, 7 फरवरी को उसे अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
जेल प्रशासन का बयान
गोरखपुर जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय ने बताया कि पाकिस्तानी कैदी की आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा कर दिया गया है। बुधवार सुबह 9:30 बजे उसे दिल्ली के लिए रवाना किया गया।
निष्कर्ष
साल 2008 से भारतीय जेल में सजा काटने के बाद, अब मशरूफ अपने वतन पाकिस्तान लौटेगा। यह मामला भारत-पाकिस्तान के बीच कैदियों के आदान-प्रदान और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों को उजागर करता है।