भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है, जिससे होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में कमी आने की संभावना है। अब रेपो रेट 6.50% से घटकर 6.25% हो जाएगा।
5 साल बाद हुआ कटौती का फैसला
यह फैसला RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक में लिया गया, जिसकी घोषणा नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। पिछली बार मई 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ब्याज दरों में कटौती की गई थी, यानी 5 सालों के बाद फिर से RBI ने यह कदम उठाया है।
लोन लेने वालों को मिलेगी राहत
बैंकों को अब होमलोन, कारलोन और अन्य लोन पर ब्याज दरें कम करने का रास्ता साफ हो गया है। इससे लोन लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी, जिससे उनके मासिक खर्च में भी कमी आएगी।
महंगाई और अर्थव्यवस्था पर असर
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि जब से महंगाई दर का टोलरेंस बैंड तय किया गया है, तब से औसत महंगाई दर नियंत्रित रही है। हालांकि, कुछ मौकों पर खुदरा महंगाई दर बढ़ी, लेकिन ज्यादातर समय यह संतुलित रही। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बनी हुई है, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा है।
क्या होगा असर?
- होमलोन और कारलोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं।
- पर्सनल लोन और बिजनेस लोन लेना सस्ता हो सकता है।
- बैंकिंग सेक्टर में लोन देने की क्षमता बढ़ेगी।
- भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष
RBI के इस फैसले से लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी और भारतीय बाजार में आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी। ब्याज दरों में कटौती का फायदा आम लोगों को मिलेगा, जिससे उनकी ईएमआई कम होगी और वित्तीय बोझ घटेगा।
The RBI repo rate cut of 0.25% announced in the RBI MPC Meeting will provide relief to borrowers as home loan, car loan, and personal loan interest rates are expected to drop. RBI Governor Sanjay Malhotra stated that this is the first repo rate reduction in five years, which will help boost the Indian economy. Lower EMIs will benefit individuals taking loans for homes, vehicles, and businesses. Stay updated with the latest RBI monetary policy changes.