भोपाल में भिक्षावृत्ति पर सख्ती, पहली FIR दर्ज
AIN NEWS 1: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की मुहिम तेज हो गई है। प्रशासन द्वारा सख्त आदेश जारी करने के बाद पहली बार भीख देने और लेने पर FIR दर्ज की गई है। यह कार्रवाई समाजसेवी मोहन सोनी की शिकायत पर की गई, जिन्होंने एक वीडियो पुलिस को सौंपा था। इस वीडियो में एक ट्रक ड्राइवर को भिखारी को भीख देते हुए देखा गया था। इसके आधार पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
भिखारी मुक्त अभियान और प्रशासन की सख्ती
भोपाल प्रशासन ने इंदौर की तर्ज पर भिखारी मुक्त अभियान शुरू किया है। कलेक्टर के आदेश के बाद इस अभियान को और तेज कर दिया गया है। अब शहर में भीख मांगना और देना दोनों ही अपराध माने जाएंगे। इसके लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो शहर में घूमकर भिखारियों को आश्रय स्थल भेज रही हैं।
समाजसेवी ने पुलिस को दिया वीडियो सबूत
समाजसेवी मोहन सोनी ने पुलिस को बताया कि वह एमपी नगर इलाके से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि एक ट्रक ड्राइवर एक भिखारी को भीख दे रहा था। उन्होंने इस घटना का वीडियो बनाया और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए बीएनएस (BNS) की धारा 223 के तहत ट्रक ड्राइवर और भिखारी दोनों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली।
बीएनएस की धारा 223 के तहत क्या सजा होगी?
बीएनएस की धारा 223 के तहत भीख देने या लेने पर सख्त सजा का प्रावधान है। इसमें छह महीने तक की जेल, 2500 रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। पुलिस का कहना है कि इस धारा के तहत आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
पुलिस ने शुरू की जांच
FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने भिखारी और ट्रक ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में भी अगर कोई व्यक्ति भीख देता या लेता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शहर में विशेष टीमें तैनात
भोपाल में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए प्रशासन ने कई टीमों को तैनात किया है। ये टीमें भिखारियों की पहचान कर उन्हें आश्रय स्थल भेज रही हैं। हालांकि, कई भिखारी आश्रय स्थल जाने से इनकार कर रहे हैं। इस अभियान के तहत भोपाल एयरपोर्ट से रोशनपुरा चौराहा तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
भोपाल प्रशासन ने भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब भीख मांगने और देने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान भिखारियों के पुनर्वास और शहर को स्वच्छ व सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
Bhopal administration has launched a strict campaign to make the city beggar-free. The first FIR has been registered under BNS Section 223 for both giving and taking alms. A social worker filed a complaint with video evidence, leading to legal action against a truck driver and a beggar. The law states that anyone involved in begging activities can face six months in jail or a fine of ₹2500. Special teams have been deployed to remove beggars and send them to shelters. This initiative is part of a broader effort to keep Bhopal clean and safe.