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मेरठ में 178 साल पुरानी मस्जिद हटाई जा रही: मेट्रो और रैपिड रेल कॉरिडोर निर्माण में बाधा
AIN NEWS 1: मेरठ के दिल्ली रोड पर स्थित 178 साल पुरानी मस्जिद को रैपिड रेल कॉरिडोर और मेट्रो प्रोजेक्ट के रास्ते से हटाने का कार्य शुरू हो गया है। प्रशासन और मस्जिद प्रबंधन के बीच बातचीत के बाद इस पर सहमति बनी। शुक्रवार को मस्जिद से जुड़े लोगों ने खुद ही मस्जिद को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
मस्जिद को हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?
यह मस्जिद शारदा रोड के पास स्थित है और मेट्रो व रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में बाधा बन रही थी। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) के अधिकारी काफी समय से इसे हटाने की मांग कर रहे थे। प्रशासन ने मस्जिद प्रबंधन से इस संबंध में बातचीत की, जिसके बाद इसे स्वेच्छा से हटाने का फैसला लिया गया।
प्रशासन और मस्जिद प्रबंधन के बीच सहमति कैसे बनी?
गुरुवार रात को एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह और एसपी सिटी, एनसीआरटीसी अधिकारियों के साथ मस्जिद स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मस्जिद के इमाम और अन्य जिम्मेदारों को बुलाकर समझाया कि निर्माण कार्य के लिए मस्जिद को हटाना जरूरी है। कई घंटों तक चली बातचीत के बाद मस्जिद प्रशासन ने सहमति जताई कि वे स्वयं इसे हटाएंगे।
जुमे की नमाज नहीं हो सकी, बिजली कनेक्शन भी काटा गया
मस्जिद को हटाने की प्रक्रिया शुरू होने के कारण पहली बार जुमे की नमाज नहीं हो सकी। प्रशासन ने पहले ही मस्जिद का गेट हटा दिया था और बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया था।
क्या कहा मस्जिद प्रबंधन ने?
मस्जिद से जुड़े हाजी स्वाले हीन ने बताया कि मस्जिद के मुतव्वली को प्रशासन से नोटिस मिला था, जिससे उनकी तबीयत भी बिगड़ गई। एसपी सिटी ने बताया कि यह आदेश ऊपर से आया है और इसे हटाना आवश्यक है।
हाजी स्वाले हीन ने आगे कहा, “हमारे पास 1857 के कागजात मौजूद हैं। हम चाहते हैं कि प्रशासन हमें इस मस्जिद के बदले दूसरी मस्जिद दे या फिर दूसरी जगह उपलब्ध कराई जाए। हम इसे स्वेच्छा से हटा रहे हैं।”
एनसीआरटीसी की मांग और प्रशासन की कार्रवाई
एनसीआरटीसी अधिकारी लंबे समय से मस्जिद को हटाने की मांग कर रहे थे क्योंकि यह रैपिड रेल प्रोजेक्ट के बीच में आ रही थी। अधिकारियों ने प्रशासन के साथ मिलकर कई बैठकें कीं और आखिरकार मस्जिद को सहमति के आधार पर हटाने का फैसला लिया गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोग इसे विकास कार्य के लिए जरूरी मान रहे हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन को मस्जिद के बदले उचित स्थान देना चाहिए।
The demolition of the 178-year-old mosque in Meerut has started as it obstructs the construction of the Metro and Rapid Rail Corridor. The NCRTC officials had been requesting its removal, and after discussions with the administration and mosque management, an agreement was reached. The mosque authorities have voluntarily begun the process. Due to this, Friday prayers were not held for the first time. The electrical connection was cut off, and the main gate was removed before demolition started. Local representatives have requested alternative land or a new mosque in exchange. This decision is significant for the Meerut Metro and Rapid Rail Project, ensuring smooth construction progress.