AIN NEWS 1 | अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को दी जाने वाली USAID (United States Agency for International Development) फंडिंग पर सवाल उठाया है। उन्होंने भारत को चुनावी मदद के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता को अनावश्यक बताया और कहा कि भारत को पैसों की जरूरत नहीं है।
#WATCH | Addressing the Conservative Political Action Conference (CPAC) in Washington, US President Donald Trump says, “$29 million goes to strengthen the political landscape and help them out so that they can vote for a radical left communist in Bangladesh. You got to see who… pic.twitter.com/IzgE6NMDiP
— ANI (@ANI) February 22, 2025
ट्रंप ने क्यों कहा कि भारत अमेरिका का फायदा उठाता है?
🔴 1. चुनावी फंडिंग पर उठाए सवाल
- ट्रंप ने CPAC (Conservative Political Action Conference) में कहा कि भारत को उसके चुनावों में मदद के लिए $18 मिलियन (लगभग 150 करोड़ रुपये) दिए जा रहे हैं।
- उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “क्यों न हम पुराने पेपर बैलेट का इस्तेमाल करें और उन्हें खुद अपने चुनावों में मदद करने दें?”
- ट्रंप के मुताबिक, अमेरिका को भारत को चुनावी मदद नहीं देनी चाहिए।
🔴 2. टैरिफ को लेकर जताई नाराजगी
- ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी व्यापार का फायदा उठाता है।
- उन्होंने कहा, “भारत दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। जब हम उन्हें कुछ बेचने की कोशिश करते हैं, तो वे 200% टैरिफ लगाते हैं। लेकिन हम फिर भी उन्हें चुनावों में मदद के लिए पैसा दे रहे हैं।”
जयशंकर का जवाब: ‘सरकार जांच कर रही है’
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि USAID फंडिंग को लेकर दी गई जानकारी चिंताजनक है।
- जयशंकर ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
- उन्होंने कहा, “ऐसे संगठनों का दायित्व है कि वे पारदर्शिता बनाए रखें। हमें इस पर तथ्य जल्द ही मिल जाएंगे।”
क्या भारत को सच में USAID की जरूरत है?
- USAID एक अमेरिकी एजेंसी है, जो विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
- भारत में स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए यह फंडिंग दी जाती है।
- हालांकि, भारत अब एक मजबूत अर्थव्यवस्था है, इसलिए कई लोग मानते हैं कि अमेरिका से इस तरह की आर्थिक मदद की जरूरत नहीं है।