AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वर्ष 2010 में हुई एक गंभीर घटना में एसपी (यातायात) कल्पना सक्सेना पर जानलेवा हमला हुआ था। अवैध वसूली की जांच करने पहुंचीं एसपी पर पुलिसकर्मियों ने कार चढ़ाने की कोशिश की थी और उन्हें 200 मीटर तक घसीटा था। इस मामले में अदालत ने तीन सिपाहियों और एक अन्य व्यक्ति को दोषी करार दिया है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना 2 सितंबर 2010 को बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में बरेली-शाहजहांपुर रोड स्थित एक मजार के पास हुई थी। एसपी कल्पना सक्सेना को सूचना मिली थी कि यातायात पुलिसकर्मी ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। सूचना मिलते ही वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गईं।
जब उन्होंने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की, तो सिपाही मनोज, जो कार चालक की सीट पर बैठा था, ने गाड़ी स्टार्ट कर दी और एसपी को कुचलने की कोशिश की। हालांकि, वह तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कार के दरवाजे को पकड़ने में सफल रहीं। इसी दौरान कार की पिछली सीट पर बैठे सिपाही रविंद्र और रावेंद्र ने उनका हाथ पकड़ लिया और सिर पर वार किया।
आरोपियों ने एसपी को 200 मीटर तक घसीटा और बार-बार कार को तिरछा चलाकर उन्हें कुचलने की कोशिश की। जब वे अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सके, तो अंततः उन्होंने एसपी को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और वहां से फरार हो गए।
हमले के बाद मचा था हड़कंप
इस घटना के बाद पुलिस महकमे सहित अन्य सरकारी विभागों में भय का माहौल बन गया था। अधिकारियों के बीच चर्चा होने लगी कि अगर एक आईपीएस अधिकारी पर इस तरह का हमला हो सकता है, तो अन्य अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं।
जांच और कोर्ट का फैसला
हमले के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू हुई। इस केस में 14 गवाह और 22 साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किए गए। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 23 फरवरी 2025 को चारों आरोपियों को दोषी करार दिया।
कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है, और 24 फरवरी को सजा पर सुनवाई होगी।
वर्तमान में कहां हैं आईपीएस कल्पना सक्सेना?
घटना के समय एसपी (यातायात) कल्पना सक्सेना वर्तमान में गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। इस फैसले को पुलिस प्रशासन और न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यह मामला सिर्फ एक अधिकारी पर हमला नहीं था, बल्कि कानून-व्यवस्था की एक बड़ी चुनौती को उजागर करता है। इस फैसले से यह संदेश गया है कि अपराधी चाहे कोई भी हो, कानून से बच नहीं सकता।
In a shocking case of police brutality, a Bareilly court has convicted four accused, including three traffic policemen, for attempting to kill SP Kalpana Saxena in 2010. The officer was investigating police extortion when the accused tried to crush her under a car and dragged her for 200 meters. This verdict brings justice to the case, highlighting the dangers faced by honest IPS officers fighting corruption in India.