Scientists Warn About Deadly Heat: Extreme Temperatures Could Triple This Century
वैज्ञानिकों की चेतावनी: इस सदी में तीन गुना बढ़ सकती है जानलेवा गर्मी
AIN NEWS 1: गर्मी और तापमान में वृद्धि आज की सबसे बड़ी वैश्विक समस्याओं में से एक बन गई है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस सदी के अंत तक अत्यधिक गर्म क्षेत्रों की संख्या तीन गुना तक बढ़ सकती है। इसका प्रभाव मानव जीवन के लिए गंभीर हो सकता है, खासकर वृद्ध लोगों के लिए। इस लेख में हम समझेंगे कि यह स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही है और इससे बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं।
गर्मी बढ़ने के मुख्य कारण
वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
1. जलवायु परिवर्तन: ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण है। कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसें वातावरण में गर्मी को रोककर तापमान को बढ़ा रही हैं।
2. वनों की कटाई: पेड़-पौधे प्राकृतिक रूप से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण यह प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है।
3. औद्योगीकरण और शहरीकरण: बढ़ते उद्योग और शहरीकरण के कारण ऊर्जा की खपत बढ़ी है, जिससे गर्मी में वृद्धि हो रही है।
4. जीवाश्म ईंधन का उपयोग: कोयला, पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों का उपयोग वायुमंडल में कार्बन उत्सर्जन बढ़ाता है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।
भविष्य की संभावित स्थिति
अगर पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा नहीं किया गया तो पृथ्वी का औसत तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार:
अत्यधिक गर्मी वाले स्थानों का क्षेत्रफल तीन गुना हो जाएगा।
अमेरिका के आकार का एक भूभाग अत्यधिक गर्मी के कारण रहने लायक नहीं रहेगा।
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए खतरा 21% से बढ़कर 35% हो जाएगा।
अगर तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा, तो पृथ्वी की 40% भूमि असहनीय गर्मी से प्रभावित होगी।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां अत्यधिक गर्मी का प्रभाव ज्यादा होगा, जैसे:
फारस/अरब की खाड़ी: पहले ही यहां भीषण गर्मी देखी गई है।
भारत-गंगा का मैदानी क्षेत्र: गंगा के किनारे बसे शहरों में गर्मी का प्रभाव तेज होगा।
दक्षिणी अमेरिका और मैक्सिको: यह क्षेत्र भीषण गर्मी की चपेट में आ सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया: यहां के रेगिस्तानी इलाके असहनीय गर्मी की चपेट में आ सकते हैं।
गर्मी के स्वास्थ्य पर प्रभाव
1. गर्मी से होने वाली बीमारियां: हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू लगने का खतरा बढ़ जाता है।
2. हृदय रोगियों के लिए खतरा: अत्यधिक गर्मी से हृदय की धड़कन बढ़ सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
3. बुजुर्गों और बच्चों के लिए अधिक खतरा: उनका शरीर तापमान को नियंत्रित करने में कम सक्षम होता है।
4. मनोवैज्ञानिक प्रभाव: लगातार बढ़ती गर्मी तनाव, चिंता और डिप्रेशन का कारण बन सकती है।
गर्मी से बचाव के उपाय
1. ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दें: सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
2. वृक्षारोपण करें: ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
3. जीवाश्म ईंधनों का कम उपयोग करें: इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करें और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दें।
4. शीतलता बनाए रखने वाले कपड़े पहनें: हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनें जो शरीर को ठंडा रखें।
5. शरीर को हाइड्रेटेड रखें: गर्मी के दौरान अधिक पानी पिएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें।
6. घरों और कार्यस्थलों को ठंडा रखें: छतों पर सफेद पेंट करें और हवादार स्थानों में रहें।
7. शारीरिक गतिविधियों को सीमित करें: अत्यधिक गर्मी में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर के समय।
वैज्ञानिकों के निष्कर्ष
वैज्ञानिक टॉम मैथ्यूज के अनुसार:
यदि वैश्विक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है, तो इसके संभावित घातक परिणाम होंगे।
4 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ने पर धरती की 40% भूमि असहनीय गर्मी से प्रभावित होगी।
गर्मी की घटनाओं की तीव्रता बढ़ने से लाखों लोगों की जान पर खतरा मंडराएगा।
हमें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने होंगे।
गर्मी और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को रोकना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। वैज्ञानिकों की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए हमें व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर प्रयास करने होंगे। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में पृथ्वी पर जीवन मुश्किल हो सकता है। सरकारों, उद्योगों और आम जनता को मिलकर जलवायु संकट का समाधान खोजना होगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रह सकें।
Scientists have issued a critical warning about extreme heat and rising global temperatures, predicting that heat zones on Earth may triple by the end of this century. This rapid climate change poses severe risks to human survival, especially for the elderly and vulnerable populations. If global warming continues unchecked, large regions could become uninhabitable, leading to severe heatwaves and potential loss of life. Experts stress the importance of climate action to mitigate these risks and prevent dangerous temperature increases.