Monday, February 24, 2025

शाही जामा मस्जिद के नवीनीकरण पर विवाद: एएसआई और कोर्ट का फैसला?

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Shahi Jama Masjid Renovation Issue: ASI’s Role and Court Order

शाही जामा मस्जिद के नवीनीकरण पर रोक: एएसआई की भूमिका और कोर्ट का आदेश

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के नवीनीकरण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मस्जिद कमेटी ने इसकी मरम्मत की अनुमति मांगी है, लेकिन यह संरचना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन है, और कोर्ट ने इस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

मामले की पृष्ठभूमि

शाही जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक संरचना है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा अधिग्रहित किया गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मस्जिद कमेटी ने इस धार्मिक स्थल की सफाई और पेंटिंग करने की अनुमति के लिए स्थानीय प्रशासन को आवेदन दिया। प्रशासन ने यह आवेदन एसडीएम (उप-जिला मजिस्ट्रेट) के माध्यम से एएसआई को भेज दिया है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेन्सिया ने कहा,

“यह विवादित संरचना आज ASI की संपत्ति है और अदालत ने इस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से रोक लगा दी है। इसी कारण एसडीएम को मस्जिद की सफाई और पेंटिंग के लिए एक आवेदन मिला था, जिसे बिना किसी संशोधन के एएसआई को भेज दिया गया है।”

कोर्ट का आदेश और कानूनी स्थिति

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से इस संरचना पर किसी भी प्रकार के बदलाव या निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। इसका अर्थ यह है कि बिना ASI और कोर्ट की अनुमति के मस्जिद के रखरखाव से संबंधित कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता। यह मामला भारतीय पुरातत्व कानूनों से भी जुड़ा हुआ है, जो ऐतिहासिक संरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

एएसआई की भूमिका

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का मुख्य कार्य भारत की ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों की देखरेख करना है। यदि कोई इमारत ASI के अधीन आ जाती है, तो उसके किसी भी प्रकार के नवीनीकरण या बदलाव के लिए ASI की अनुमति आवश्यक होती है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इस मामले में स्थानीय समुदाय की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग चाहते हैं कि मस्जिद की साफ-सफाई और मरम्मत हो, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि अदालत के आदेशों का पालन किया जाना चाहिए और कोई भी कार्य तभी किया जाए जब ASI इसकी अनुमति दे।

आगे की स्थिति

यह मामला अब ASI और अदालत के आदेशों पर निर्भर करता है। यदि ASI अनुमति देता है और कोर्ट भी सहमति जताता है, तभी मस्जिद की मरम्मत और सफाई का कार्य शुरू हो सकता है। फिलहाल, प्रशासन ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए एएसआई को आवेदन भेज दिया है, और सभी की नजरें अब उनके फैसले पर टिकी हैं।

यह खबर ऐतिहासिक इमारतों और उनके संरक्षण से जुड़े कानूनों की जटिलताओं को दर्शाती है। ASI और अदालत की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण है, और आने वाले दिनों में इस पर क्या निर्णय लिया जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

The Shahi Jama Masjid in Sambhal, UP, has become a topic of discussion as its committee seeks permission for renovation. However, the Archaeological Survey of India (ASI) owns the structure, and a court order has halted any action on it. The local administration, including the SDM, has forwarded the request for cleaning and painting to the ASI. This case highlights the legal and historical significance of protected monuments in India. Stay updated on the latest developments regarding the mosque renovation controversy.

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AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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