Uttar Pradesh Government Cancels Integrated SOR, Ensures Fair Pricing
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: निर्माण सामग्री के रेट पारदर्शी होंगे, नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती होगी आसान
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में निर्माण कार्यों से संबंधित दरों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत एसओआर (स्टैंडर्ड शेड्यूल ऑफ रेट्स) को निरस्त कर दिया है। इसके अलावा, नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह निर्णय क्यों लिया गया और इसका क्या प्रभाव होगा।
निर्माण सामग्री के दामों में मनमानी पर लगाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यह पाया कि निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली सामग्री के रेट मनमाने ढंग से बढ़ाए जा रहे हैं। खासकर हॉट मिक्स प्लांट की दरों में अचानक 5.8 से 6.46 गुना तक वृद्धि कर दी गई थी। उदाहरण के तौर पर, जो दर पहले ₹13,938 प्रति घंटा थी, उसे अक्टूबर में बढ़ाकर ₹80,925 प्रति घंटा कर दिया गया।
जब यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया, तो उन्होंने तुरंत एकीकृत एसओआर को निरस्त करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद अब प्रदेश में निर्माण सामग्री की दरें पहले की तरह वित्तीय हस्तपुस्तिका (फाइनेंशियल हैंडबुक) के अनुसार तय की जाएंगी।
कौन कर सकता है दरें तय?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), सिंचाई विभाग, वन विभाग, बिजली विभाग और जल निगम को ही दरें निर्धारित करने का अधिकार है। नियोजन विभाग द्वारा जारी की गई एकीकृत एसओआर सूची नियमों के विपरीत थी, इसलिए इसे निरस्त कर दिया गया।
निर्माण कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी विभागों को निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री के रेट पारदर्शी और सटीक रखने होंगे। इस फैसले से ठेकेदारों और आम जनता को राहत मिलेगी, क्योंकि अब निर्माण कार्यों में कोई अनावश्यक बढ़ोतरी नहीं होगी और सरकारी खर्चों में भी संतुलन बना रहेगा।
नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया में बदलाव
सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को भी आसान बना दिया है। अब राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को संविदा पर नर्सिंग शिक्षकों की भर्ती करने का अधिकार दिया गया है।
क्या था पहले का नियम?
पहले, नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया राज्य स्तर पर आयोजित होती थी। इसमें लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और काउंसिलिंग के बाद उम्मीदवारों को कॉलेज आवंटित किए जाते थे। लेकिन इस प्रक्रिया में देरी होती थी और कई पद खाली रह जाते थे।
अब क्या होगा बदलाव?
सरकार ने नया शासनादेश जारी कर दिया है, जिसके अनुसार हर कॉलेज अपने स्तर पर नर्सिंग शिक्षकों की भर्ती कर सकेगा। इससे भर्ती प्रक्रिया तेज होगी और अस्पतालों और कॉलेजों में स्टाफ की कमी जल्द दूर की जा सकेगी।
23 नए नर्सिंग कॉलेज खुलने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 23 नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं, और अगले सत्र से 23 नए कॉलेज खोलने की योजना है। ऐसे में शिक्षकों की भारी आवश्यकता होगी, जिसे पूरा करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
सरकार के फैसले का असर
1. निर्माण कार्यों में लागत नियंत्रण – एसओआर को निरस्त करने से निर्माण सामग्री के दाम मनमाने ढंग से नहीं बढ़ेंगे, जिससे सरकारी परियोजनाओं पर अनावश्यक खर्च नहीं होगा।
2. पारदर्शिता और जवाबदेही – अब निर्माण दरें संबंधित विभाग ही तय करेंगे, जिससे अनियमितताओं की संभावना कम हो जाएगी।
3. नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा – नई भर्ती प्रक्रिया से अस्पतालों और नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षकों की कमी जल्दी पूरी होगी।
4. नई नौकरियों के अवसर – 23 नए नर्सिंग कॉलेजों के खुलने से स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार के इन फैसलों से निर्माण कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया सरल होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस नीति का उद्देश्य राज्य में विकास कार्यों की गुणवत्ता को बनाए रखना और जनता को अधिक सुविधाएं देना है।
The Uttar Pradesh government has taken a significant step by canceling the integrated SOR system, which had led to an unjustified increase in construction material rates. Chief Minister Yogi Adityanath’s strict action ensures fair pricing in public works, making procurement more transparent. Additionally, a new recruitment policy has been introduced for nursing colleges, simplifying contract-based hiring. This move aims to streamline governance, promote accountability, and prevent arbitrary price hikes in Uttar Pradesh.