AIN NEWS 1: व्रज चौरासी कोस यात्रा हिंदू धर्म की एक अत्यंत पवित्र तीर्थयात्रा है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी स्थलों को समर्पित है। इस यात्रा में भक्तजन मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, और राधा कुंड जैसे पवित्र स्थलों की परिक्रमा करते हैं।
यह यात्रा लगभग 252 किलोमीटर (84 कोस) में फैली हुई है और इसमें 12 वनों, 24 उपवनों, और सैकड़ों तीर्थ स्थलों का समावेश होता है। ऐसा माना जाता है कि इस यात्रा को पूरी श्रद्धा से करने पर भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
व्रज यात्रा के प्रमुख स्थल
1. मथुरा: श्रीकृष्ण की जन्मभूमि, जहां कृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है।
2. वृंदावन: रासलीला स्थली, जहां प्रेम मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर प्रसिद्ध हैं।
3. गोवर्धन: गोवर्धन पर्वत, जिसे श्रीकृष्ण ने इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए उठाया था।
4. बरसाना: राधारानी की जन्मभूमि, जहां लठमार होली विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
5. नंदगांव: श्रीकृष्ण के बाल्यकाल का महत्वपूर्ण स्थल।
6. राधा कुंड और श्याम कुंड: पवित्र कुंड, जहां राधा-कृष्ण ने दिव्य स्नान किया था।
7. गोकुल: जहां नंद बाबा ने श्रीकृष्ण का लालन-पालन किया।
8. बल्देव: दाऊजी मंदिर, जो बलरामजी को समर्पित है।
9. कमवन: यह वह स्थान है, जहां भगवान कृष्ण ने बाल्यकाल में विभिन्न लीलाएं की थीं।
10. चरण पहाड़ी: इस पहाड़ी पर श्रीकृष्ण के चरण चिह्न विद्यमान हैं।
11. भांडीर वन: यह स्थान श्रीकृष्ण और राधारानी के विवाह का साक्षी माना जाता है।
12. सुरभि कुंड: यह कुंड गोवर्धन पर्वत के पास स्थित है और गायों से जुड़ा एक पवित्र स्थल है।
व्रज यात्रा कैसे करें?
व्रज यात्रा पैदल, साइकिल, या वाहन द्वारा की जा सकती है। भक्तजन गोवर्धन परिक्रमा के अलावा अन्य प्रमुख स्थलों की परिक्रमा भी करते हैं। इस यात्रा को करने का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है, जब मौसम सुहावना होता है।
यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
यात्रा के दौरान शुद्ध शाकाहारी भोजन करें और धार्मिक भावना बनाए रखें।
प्लास्टिक और कचरा फैलाने से बचें, क्योंकि यह क्षेत्र पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील है।
स्थानीय गाइड या मंदिर के पुजारियों से मार्गदर्शन लें, ताकि धार्मिक महत्व को गहराई से समझा जा सके।
श्रद्धालु यात्रा के दौरान “राधे-राधे” और “जय श्रीकृष्ण” का जाप करते रहें।
The Vraj 84 Kos Yatra is a sacred pilgrimage covering Mathura, Vrindavan, Govardhan, Barsana, Nandgaon, and Radha Kund. Devotees embark on this spiritual journey to experience Krishna Bhakti and visit significant sites like Govardhan Parikrama, Radha Kund, and the temples of Vrindavan. This traditional pilgrimage, spanning 252 km, is believed to grant moksha and divine blessings. Pilgrims walk through Braj Bhoomi, immersing themselves in the stories of Lord Krishna’s leelas. If you are planning a Hindu pilgrimage in India, this journey is an unmissable experience.
यह मार्गदर्शिका व्रज यात्रा के भक्तों के लिए एक उपयोगी स्रोत है, जिससे वे अपनी यात्रा को सही तरीके से प्लान कर सकते हैं और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।