Delhi Budget Crisis: ₹2500 Scheme for Women & Financial Challenges Explained
दिल्ली सरकार का बजट संकट: क्या महिलाओं को ₹2500 मंथली मिल पाएंगे?
AIN NEWS 1: दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा ‘महिला समृद्धि योजना’ की हो रही है। इस योजना के तहत दिल्ली की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2500 देने का वादा किया गया था। लेकिन क्या सरकार के पास इतने पैसे हैं? क्या दिल्ली का बजट इस योजना को झेल सकता है? आइए विस्तार से जानते हैं।
महिला समृद्धि योजना: क्या है और कितने पैसे की जरूरत होगी?
दिल्ली में करीब 38 लाख महिलाएं इस योजना के लिए पात्र मानी जा रही हैं। अगर प्रत्येक महिला को हर महीने ₹2500 दिए जाएं तो:
मासिक खर्च: ₹950 करोड़
वार्षिक खर्च: ₹11,400 करोड़
दिल्ली सरकार का मौजूदा बजट ₹77,000 करोड़ का है। यानी इस योजना पर कुल बजट का 15% खर्च होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार इस पैसे का इंतजाम कैसे करेगी?
दिल्ली का खजाना खाली? सरकार और विपक्ष आमने-सामने
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि AAP सरकार ने खजाना खाली छोड़ दिया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि उन्होंने एक मजबूत वित्तीय स्थिति में सरकार सौंपी थी और बीजेपी को अब बहाने बनाने की बजाय अपने वादों को पूरा करना चाहिए।
AAP का कहना है कि जब 2015 में सरकार बनी थी तब दिल्ली का बजट ₹30,000 करोड़ था, जिसे 10 सालों में ₹77,000 करोड़ तक बढ़ाया गया। ऐसे में दिल्ली की वित्तीय स्थिति खराब नहीं हो सकती।
क्या सरकार इस योजना के लिए पैसा जुटा पाएगी?
सरकार के पास पैसे जुटाने के कुछ प्रमुख विकल्प हैं:
1. टैक्स कलेक्शन: वैट, स्टैंप ड्यूटी, मोटर वाहन कर जैसे टैक्स बढ़ाए जा सकते हैं।
2. केंद्र सरकार की मदद: दिल्ली में अब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, ऐसे में केंद्र से अतिरिक्त मदद मिलने की उम्मीद है।
3. गैर-टैक्स राजस्व: लाइसेंस फीस, बिजली बिक्री से आय और अन्य सरकारी शुल्क से पैसे आ सकते हैं।
4. कर्ज: सरकार बॉन्ड्स जारी कर सकती है या वित्तीय संस्थानों से लोन ले सकती है।
अगर पैसा नहीं आया तो क्या होगा?
अगर सरकार इस योजना को लागू करने के लिए कर्ज लेती है या अन्य क्षेत्रों से फंड डायवर्ट करती है, तो इसका असर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर पड़ सकता है। दिल्ली सरकार अभी तक राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) वाले राज्यों में गिनी जाती रही है। लेकिन कर्ज लेने से यह स्थिति बिगड़ सकती है।
भाजपा सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती
26 साल बाद दिल्ली में भाजपा सत्ता में लौटी है। उसने 70 में से 48 सीटें जीतकर AAP का 10 साल पुराना शासन खत्म कर दिया। अब जनता की नजर इस पर है कि क्या सरकार अपने वादों को पूरा कर पाएगी?
अगर भाजपा योजना लागू करती है तो पैसे का इंतजाम सबसे बड़ी चुनौती होगी।
अगर योजना में देरी होती है तो विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेगा।
‘महिला समृद्धि योजना’ भाजपा का एक बड़ा चुनावी वादा था। अगर यह योजना लागू होती है, तो यह महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा देने में मदद करेगी। लेकिन इसके लिए जरूरी वित्तीय संसाधन जुटाना सरकार के लिए कठिन चुनौती साबित हो सकता है।
दिल्ली की जनता अब यह देख रही है कि क्या भाजपा सरकार अपने वादे पूरे कर पाएगी, या फिर यह योजना सिर्फ एक चुनावी जुमला बनकर रह जाएगी? आने वाले दिनों में इसका फैसला होगा।
The Delhi Budget crisis has raised concerns about the implementation of the ₹2500 Women Scheme under the BJP Government. The Women Samriddhi Yojana aims to provide monthly financial aid to eligible women, but its feasibility depends on the state’s economic condition. With an estimated annual cost of ₹11,400 crore, this scheme could significantly impact Delhi’s economy, revenue sources, and fiscal deficit. The political debate between AAP vs BJP continues as Delhi awaits clarity on this ambitious welfare plan.