1984 Anti-Sikh Riots: Former Congress MP Sajjan Kumar Sentenced to Life Imprisonment
1984 सिख विरोधी दंगा मामला: पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा
AIN NEWS 1: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 12 फरवरी 2025 को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था, और अब सजा का ऐलान कर दिया गया है। यह मामला दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में 1 नवंबर 1984 को दो सिख नागरिकों – जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है।
41 साल बाद न्याय, लेकिन पीड़ितों के घाव अब भी ताजा
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश, खासकर दिल्ली में, सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। हजारों सिख मारे गए, उनके घर जलाए गए और महिलाओं के साथ अत्याचार हुए। इन दंगों में कई बड़े कांग्रेस नेताओं का नाम सामने आया था, जिनमें सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और अन्य शामिल थे।
सज्जन कुमार को 2018 में भी एक अन्य सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराया गया था और उम्रकैद की सजा मिली थी। लेकिन इस मामले में न्याय मिलने में 41 साल लग गए।
SIT के गठन के बाद तेज हुई जांच
नरसंहार के कई पीड़ित परिवार दशकों तक न्याय के लिए भटकते रहे। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस मामले की दोबारा जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया। SIT ने कई गवाहों और सबूतों के आधार पर सज्जन कुमार को दोषी साबित किया।
सिख समुदाय ने की थी फांसी की मांग
सिख समुदाय के कई लोगों ने सज्जन कुमार के लिए फांसी की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। यह फैसला पीड़ितों के लिए एक संतोषजनक कदम माना जा सकता है, लेकिन कई लोगों को लगता है कि 1984 दंगों के बाकी दोषियों को भी सख्त सजा मिलनी चाहिए।
अब भी कई दोषी आजाद घूम रहे हैं
हालांकि सज्जन कुमार को सजा मिल गई है, लेकिन 1984 के दंगों में शामिल कई अन्य बड़े नेता अब भी आजाद हैं। जगदीश टाइटलर जैसे नेताओं पर भी आरोप लगे थे, लेकिन अब तक उन्हें सजा नहीं मिली है।
कांग्रेस की भूमिका पर सवाल
1984 के दंगों के समय कांग्रेस सत्ता में थी, और पार्टी के कई नेताओं पर सिखों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप है। सवाल यह भी उठता है कि जब 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
यह फैसला न्याय की जीत तो है, लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि हजारों सिख परिवार अब भी इंसाफ के इंतजार में हैं। मोदी सरकार और न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर दोषी को सजा मिले और पीड़ितों का पुनर्वास हो।
The 1984 anti-Sikh riots case has finally seen justice after 41 years as former Congress MP Sajjan Kumar has been sentenced to life imprisonment by the Delhi court. The 1984 Sikh massacre was one of the darkest chapters in India’s history, and many victims’ families are still awaiting justice. The Modi government had set up a Special Investigation Team (SIT) to reopen cases, leading to this landmark Sajjan Kumar conviction. While the verdict is significant, many 1984 riots accused are yet to be punished. The Sikh community continues to demand stricter action and justice for the innocent lives lost.