नमस्कार,
कल की बड़ी खबर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बहस की रही। एक खबर उत्तराखंड के चमोली में आए एवलांच की रही, 33 मजदूरों का रेस्क्यू हुआ, 22 अभी भी बर्फ में फंसे हुए हैं।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- PM मोदी ‘कृषि और ग्रामीण समृद्धि’ पर पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित करेंगे। इसमें कृषि मंत्री शिवराज चौहान समेत सभी केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे।
- चैंपियंस ट्रॉफी में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच कराची के नेशनल स्टेडियम मैच होगा। साउथ अफ्रीका जीता तो सेमीफाइनल में पहुंचेगा, वहीं इंग्लैंड को पहली जीत की तलाश है।
अब कल की बड़ी खबरें:
व्हाइट हाउस में ट्रम्प-जेलेंस्की की तीखी बहस: ‘या डील करें, या हम पीछे हटेंगे’
मुख्य बिंदु:
- व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बातचीत बहस में बदली।
- मिनरल डील को लेकर ट्रम्प ने दबाव बनाया, लेकिन जेलेंस्की नाराज होकर बैठक से बाहर निकल गए।
- ट्रम्प ने यूक्रेन को चेतावनी दी—या समझौता करें, या अमेरिका पीछे हट जाएगा।
व्हाइट हाउस में तनावपूर्ण बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक अचानक तीखी बहस में बदल गई। 45 मिनट की बातचीत के अंतिम 10 मिनट में दोनों नेता एक-दूसरे की ओर उंगली दिखाते नजर आए।
कैसे बढ़ा विवाद?
बातचीत की शुरुआत सामान्य रही, लेकिन अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक बयान से माहौल गर्म हो गया। वेंस ने जेलेंस्की से कहा—
“आपने अमेरिकी मीडिया के सामने युद्ध के मुद्दे पर हम पर आरोप लगाने की कोशिश की, यह अपमानजनक है।”
जेलेंस्की जवाब देने ही वाले थे कि ट्रम्प ने तेज आवाज में कहा—
“आप किसी भी डील की स्थिति में नहीं हैं। आपको हमारा शुक्रगुजार होना चाहिए। आप तीसरे विश्व युद्ध की संभावना के साथ खेल रहे हैं। या तो समझौता करें, या हम इससे बाहर हो रहे हैं।”
जेलेंस्की बैठक छोड़कर चले गए
ट्रम्प के सख्त लहजे से नाराज होकर जेलेंस्की बैठक से उठे और तुरंत अपनी काली SUV में बैठकर होटल के लिए रवाना हो गए। कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट किया—
“धन्यवाद अमेरिका, आपके समर्थन के लिए धन्यवाद, इस यात्रा के लिए धन्यवाद।”
क्या था विवाद का असली कारण?
इस बैठक में यूक्रेन और अमेरिका के बीच एक मिनरल डील तय होनी थी। यूक्रेन, अमेरिका को दुर्लभ खनिज (Rare Earth Materials) देने के लिए तैयार था, और इसके बदले अमेरिका यूक्रेन के पुनर्निर्माण (Re-development) में मदद करने वाला था।
लेकिन ट्रम्प पिछले एक महीने से इस डील को लेकर यूक्रेन पर दबाव बना रहे थे और चेतावनी दी थी कि अगर यूक्रेन सहमत नहीं हुआ तो अमेरिका उसकी आर्थिक सहायता रोक देगा।
अंततः यह डील कैंसिल हो गई और दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया।
उत्तराखंड में एवलांच: 55 मजदूर बर्फ में दबे, 33 रेस्क्यू, 22 अब भी फंसे
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड के चमोली में एवलांच, बद्रीनाथ से 3 किमी दूर माणा गांव में हुआ हादसा।
- अब तक 33 मजदूरों को बचाया गया, 22 मजदूर 6 फीट बर्फ के नीचे फंसे।
- मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा, बारिश और बर्फबारी जारी।
क्या हुआ हादसा?
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में एवलांच आने से 55 मजदूर बर्फ में दब गए। ये मजदूर 8 कंटेनरों और एक शेड में मौजूद थे। सेना, NDRF, SDRF, ITBP और BRO की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और अब तक 33 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
अब भी 22 मजदूर फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित
बाकी 22 मजदूर 6 फीट तक जमी बर्फ के नीचे फंसे हुए हैं। लगातार खराब मौसम और अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा। वहीं, बर्फीले तूफान के खतरे को देखते हुए बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।
मौसम बना बड़ी चुनौती
माणा गांव भारत का पहला गांव है, जो तिब्बत सीमा से सटा हुआ है। मौसम विभाग ने 1 मार्च तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 20 सेमी तक बारिश हो सकती है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन और मुश्किल हो सकता है।
बचाए गए मजदूरों का इलाज जारी
बचाए गए मजदूरों को जोशीमठ और माणा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं, खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर से बचाव कार्य नहीं किया जा सका।
सरकार और राहत एजेंसियां लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन बचाव कार्य मौसम पर निर्भर करेगा।
28 साल बाद बाजार में 5 महीने की लगातार गिरावट, ऑटो-FMCG सेक्टर 20% टूटा
मुख्य बिंदु:
- अक्टूबर 2024 से अब तक निफ्टी 12% गिरा, 1996 के बाद पहली बार ऐसा हुआ।
- ऑटो और FMCG सेक्टर में 20% से ज्यादा की गिरावट दर्ज।
- विदेशी निवेशकों ने 3.11 लाख करोड़ रुपए निकाले, बाजार में अनिश्चितता बढ़ी।
5 महीने से लगातार गिर रहा बाजार
अक्टूबर 2024 से निफ्टी हर महीने गिरावट के साथ बंद हो रहा है। बीते 5 महीनों में निफ्टी 12% तक गिर चुका है, जो 1996 के बाद पहली बार हुआ है। इससे पहले 1996 में जुलाई से नवंबर के बीच बाजार में लगातार गिरावट आई थी, तब निफ्टी 26% गिरा था।
सबसे ज्यादा नुकसान किन सेक्टर्स को?
इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर ऑटो और FMCG सेक्टर पर पड़ा है। इन दोनों सेक्टर्स में 20% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
बाजार में गिरावट की मुख्य वजहें
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विदेशी निवेशकों की निकासी:
- अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 3.11 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए।
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अर्थव्यवस्था की सुस्ती:
- हाल के महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी हुई है।
- वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की विकास दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो 4 साल में सबसे कम है।
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अमेरिकी टैरिफ नीति:
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत समेत अन्य देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
- इससे बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ रही है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में स्थिरता लाने के लिए सरकार को नीतिगत फैसले लेने होंगे। साथ ही, वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी होगा।
दिल्ली में CAG की रिपोर्ट पेश: अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स की कमी, मोहल्ला क्लीनिक बदहाल
मुख्य बिंदु:
- दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और ICU की भारी कमी।
- 21 मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट नहीं, 15 में बिजली, 6 में टेबल तक नहीं।
- AAP सरकार ने कोविड फंड का पूरा उपयोग नहीं किया, 787.91 करोड़ में से 582.84 करोड़ ही खर्च हुए।
CAG की रिपोर्ट में क्या सामने आया?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में CAG (कैग) की दूसरी रिपोर्ट पेश की, जिसमें दिल्ली के हेल्थ सिस्टम की खामियां उजागर हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और ICU बेड की भारी कमी है। एम्बुलेंस में जरूरी उपकरण भी नहीं हैं।
दिल्ली में 546 मोहल्ला क्लीनिक हैं, लेकिन इनमें भी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
- 21 क्लीनिकों में टॉयलेट नहीं।
- 15 में बिजली नहीं।
- 6 में टेबल तक नहीं।
CAG रिपोर्ट की बड़ी बातें
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कोविड फंड का सही इस्तेमाल नहीं हुआ
- 787.91 करोड़ के केंद्रीय फंड में से सिर्फ 582.84 करोड़ खर्च हुए।
- PPE किट, मास्क और दवाओं के लिए दिए गए 119.85 करोड़ में से 83.14 करोड़ खर्च नहीं किए गए।
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आयुष डिस्पेंसरी भी बदहाल
- 49 आयुष डिस्पेंसरी में से 17 में बिजली, 7 में टॉयलेट और 14 में पीने के पानी की सुविधा नहीं थी।
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बेड और अस्पतालों की हालत खराब
- सरकार ने 32,000 नए बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 बेड ही बढ़ाए गए।
- AAP सरकार के दौरान सिर्फ तीन नए अस्पताल बने, जिनमें से एक की लागत टेंडर से कहीं ज्यादा निकली।
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अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी
- 27 सरकारी अस्पतालों में से:
- 14 में ICU नहीं।
- 16 में ब्लड बैंक नहीं।
- 8 में ऑक्सीजन की कमी।
- 15 में मॉर्च्युरी नहीं।
- 12 अस्पतालों में एम्बुलेंस नहीं।
- 27 सरकारी अस्पतालों में से:
आगे क्या?
इस रिपोर्ट पर सोमवार को विधानसभा में चर्चा होगी। सरकार से जवाब मांगा जा सकता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
आगरा में TCS मैनेजर का लाइव सुसाइड: पत्नी पर प्रताड़ना और अफेयर का आरोप
मुख्य बिंदु:
- TCS के रिक्रूटमेंट मैनेजर ने पत्नी से परेशान होकर किया आत्महत्या।
- लाइव वीडियो में कहा- “मर्द बहुत अकेले होते हैं, कोई उनकी बात नहीं करता।”
- पत्नी बोली- “उसका अफेयर मेरा पास्ट था।”
क्या है पूरा मामला?
आगरा में TCS के रिक्रूटमेंट मैनेजर ने पत्नी पर प्रताड़ना और अफेयर का आरोप लगाते हुए लाइव वीडियो बनाकर आत्महत्या कर ली। वीडियो में उसने कहा-
“सॉरी मम्मी-पापा। मैं पत्नी से तंग आ चुका हूं। प्लीज, कोई मर्दों की भी सुने। हमें कोई सपोर्ट नहीं करता। मेरी पत्नी मुझे धमकाती है, उसका किसी और के साथ अफेयर है।”
हालांकि, पत्नी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि “वो मेरा पास्ट था।”
बेंगलुरु में भी हुआ था ऐसा मामला
इससे पहले, 9 दिसंबर को बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने पत्नी और सास पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी।
- सुसाइड से पहले 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो और 24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा।
- परिवार ने पत्नी निकिता और उसके परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया।
क्या कहती है यह घटनाएं?
इन मामलों ने पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके प्रति समाज के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और सही कानूनी प्रक्रिया जरूरी है ताकि कोई भी अन्याय का शिकार न हो।
कंगना ने जावेद अख्तर से मांगी माफी, 5 साल बाद कोर्ट में हुआ समझौता
मुख्य बिंदु:
- कंगना रनौत और जावेद अख्तर के बीच 5 साल से चल रहा मानहानि केस खत्म।
- कंगना ने कोर्ट में बयान दिया- “मेरी वजह से हुई असुविधा के लिए माफी मांगती हूं।”
- सुशांत सिंह राजपूत केस के दौरान कंगना ने जावेद अख्तर पर लगाए थे गंभीर आरोप।
क्या है पूरा मामला?
कंगना रनौत और जावेद अख्तर के बीच मानहानि का मामला 2020 से चल रहा था। एक्ट्रेस ने मुंबई के बांद्रा कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए कहा—
“मेरी वजह से जावेद अख्तर को जो असुविधा हुई, उसके लिए माफी मांगती हूं।”
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
- 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद, कंगना ने एक इंटरव्यू में महेश भट्ट, करण जौहर और जावेद अख्तर को “सुसाइड गैंग” कहा था।
- इसके बाद, एक अन्य इंटरव्यू में ऋतिक रोशन विवाद का जिक्र करते हुए कंगना ने कहा था—
“जब मेरा और ऋतिक रोशन का विवाद हुआ तो जावेद अख्तर ने मुझे घर बुलाकर धमकाया था। उन्होंने कहा कि रोशन परिवार बहुत पावरफुल है, अगर माफी नहीं मांगी तो जेल जाना पड़ेगा या फिर सुसाइड करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।”
5 साल बाद आखिरकार सुलह क्यों हुई?
- इस केस में लंबी कानूनी लड़ाई और विवाद के बाद, दोनों पक्षों ने आपसी समझौता कर लिया।
- जावेद अख्तर की ओर से भी कोई आगे की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
क्या कहती है यह सुलह?
बॉलीवुड में विवाद और मानहानि के मामले आम हैं, लेकिन यह केस साबित करता है कि अंत में समझौता और सुलह ही सबसे बेहतर रास्ता होता है।
चैंपियंस ट्रॉफी: बारिश के कारण ऑस्ट्रेलिया-अफगानिस्तान मैच बेनतीजा, दोनों को 1-1 अंक मिले
मुख्य बिंदु:
- ऑस्ट्रेलिया-अफगानिस्तान मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका।
- दोनों टीमों को 1-1 अंक मिला, ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पहुंचा।
- अफगानिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 273 रन बनाए।
- ऑस्ट्रेलिया 109/1 रन बना चुका था, तभी बारिश ने खेल रोक दिया।
मैच का संक्षिप्त विवरण:
🏏 अफगानिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की:
- सेदिकुल्लाह अटल – 85 रन
- अजमतुल्लाह ओमरजई – 67 रन
- बेन ड्वारशस (ऑस्ट्रेलिया) – 3 विकेट
🏏 ऑस्ट्रेलिया की पारी:
- ट्रैविस हेड – 40 गेंदों पर 59 रन
- स्टीव स्मिथ – 22 गेंदों पर 19 रन (नाबाद)
- स्कोर – 109/1 (बारिश के समय)
ऑस्ट्रेलिया की सेमीफाइनल में एंट्री
इस ड्रॉ के बाद ऑस्ट्रेलिया के कुल 4 अंक हो गए, जिससे टीम 16 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंच गई। अफगानिस्तान की टीम हालांकि सेमीफाइनल की दौड़ में बनी हुई है।