AIN NEWS 1: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल आतंक के कारण कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। लेकिन सरकार की नई पहल ने इन गांवों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। राज्य सरकार ने बीजापुर जिले में बस सेवा शुरू की है, जो सात पंचायतों को जोड़ती है। इस सेवा के जरिए सबसे दूरस्थ गांव पामेड़ (Pamed) तक बस पहुंच रही है, जहां अब तक लोगों के लिए परिवहन के साधन बहुत सीमित थे।
पुरानी चुनौतियां और नई शुरुआत
बीजापुर जिला लंबे समय से नक्सली हिंसा से प्रभावित रहा है। इस वजह से इस क्षेत्र में विकास कार्यों की गति धीमी रही। गांवों तक सड़कें तो बनीं, लेकिन परिवहन सेवाएं शुरू नहीं हो पाईं। लोगों को अपने कामों के लिए कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता था। खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
लेकिन अब सरकार ने नक्सलियों के खौफ को दरकिनार करते हुए इन इलाकों में बस सेवा शुरू कर दी है।
कौन-कौन से गांव होंगे लाभान्वित?
यह बस सेवा बीजापुर से शुरू होकर सात पंचायतों को जोड़ती है, जिनमें शामिल हैं:
पामेड़ (Pamed)
मद्देड़ (Madded)
पुसगुड़ी (Pusgudi)
कोत्तापल्ली (Kottapalli)
दुसारास (Dusaras)
माटवाही (Matwahi)
पेद्दापल्ली (Peddapalli)
बस सेवा का रूट और समय
बस प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे बीजापुर से रवाना होती है और दोपहर 1:30 बजे पामेड़ पहुंचती है। वापसी में बस शाम तक बीजापुर लौट आती है। इस दौरान बस करीब 70-80 यात्रियों को लेकर जाती है।
बस सेवा के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जाती है ताकि नक्सली हमलों का खतरा न रहे।
यात्रियों में खुशी की लहर
यात्रियों ने इस नई सुविधा को लेकर खुशी जाहिर की है। एक यात्री लोकश साहू ने बताया,
“इस बस सेवा से गांव वालों में बहुत उत्साह है। पहले इन गांवों तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किल होती थी। अब बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और दैनिक जरूरतों के लिए सफर करना आसान हो गया है।”
बस ड्राइवर महेंद्र ने भी बताया कि हर दिन बस में 70-80 यात्री यात्रा करते हैं और लोगों में इस सेवा को लेकर काफी खुशी है।
नक्सल आतंक पर पड़ा असर
यह बस सेवा सिर्फ एक परिवहन सुविधा नहीं है, बल्कि यह नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की विकास योजनाओं की एक बड़ी सफलता है। सरकार का मानना है कि इस तरह की सेवाओं से नक्सलवाद का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म होगा।
भविष्य की योजनाएं
स्थानीय लोगों की मांग है कि आने वाले समय में इन बसों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि और भी ज्यादा गांवों को इसका लाभ मिल सके। सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि अगर लोगों की संख्या बढ़ती है तो बसों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल बीजापुर जिले के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो रही है। यह बस सेवा सिर्फ यात्रा की सुविधा नहीं है, बल्कि यह दूरदराज के गांवों के लिए विकास और नई उम्मीदों की शुरुआत है। आने वाले समय में इस सेवा के विस्तार से शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
The Chhattisgarh government has introduced a bus service in Bijapur district, connecting seven panchayats including the remote Pamed village. This new bus service is breaking the shackles of Maoist insurgency by providing better transport connectivity to people in naxal-affected areas. Villagers now have improved access to education, healthcare, and other essential services. This initiative marks a significant step towards the development of remote regions in Chhattisgarh and is expected to boost the area’s socio-economic growth.