AIN NEWS 1 | ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब ईरान ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया है कि अमेरिकी हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने अल जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में इस बात की पुष्टि की है।
बघाई ने हमलों की विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि, “हमारे परमाणु ठिकानों को गहरी क्षति पहुंची है, इसमें कोई शक नहीं।” ये हमले रविवार को अमेरिका के B-2 स्टेल्थ बमवर्षकों द्वारा किए गए थे।
💣 कैसे हुआ इतना बड़ा नुकसान?
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने इन हमलों में खास तरह के ‘बंकर बस्टर बमों’ का इस्तेमाल किया, जो खासतौर पर जमीन के नीचे बने सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाए जाते हैं। यही कारण है कि ईरान के गुप्त और मजबूत परमाणु ठिकाने भी इस हमले में क्षतिग्रस्त हो गए।
⚠️ वैश्विक चिंता और परमाणु तनाव
इस हमले ने दुनिया भर में चिंता की लहर दौड़ा दी है। पहले से ही पश्चिमी देश आशंका जता रहे थे कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अब जब ईरान खुद कह रहा है कि उसके ठिकानों को नुकसान हुआ है, तो यह मुद्दा और संवेदनशील हो गया है।
🛰 IAEA की मांग: परमाणु ठिकानों की फिर से निगरानी हो
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता है कि उनके जांच अधिकारी एक बार फिर ईरान के परमाणु ठिकानों तक पहुंच सकें। वह यह देखना चाहते हैं कि हमले के बाद कितना संवर्धित यूरेनियम बचा है और कौन-कौन सी साइट प्रभावित हुई हैं।
🌐 इंटरनेट ब्लैकआउट भी बना मुद्दा
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, ईरान के संचार मंत्री सत्तार हाशेमी ने दावा किया है कि देश की इंटरनेट सेवा अब सामान्य हो गई है। उन्होंने कहा कि 17 जून को इंटरनेट स्लो किया गया था ताकि संभावित साइबर हमलों से निपटा जा सके, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट पूरी तरह बंद हो गया था। अब हालात सामान्य बताए जा रहे हैं।
Iran has officially confirmed severe damage to its nuclear sites following the recent US B-2 bomber strikes amid escalating Iran-Israel tensions in 2025. This marks the first acknowledgment from Iranian officials about the impact of bunker buster bombs used by the US military. As global concerns over Iran’s nuclear enrichment intensify, the IAEA is now seeking access to the damaged sites to assess the situation thoroughly.