Mystery of Fake Aadhaar Cards and Caste Claims: Etawah Preacher Accused of Molestation
इटावा में कथावाचक पर जाति धोखाधड़ी और छेड़खानी के आरोप, दो आधार कार्ड से खुला राज
AIN NEWS 1 इटावा, उत्तर प्रदेश — इटावा जिले में कथावाचक को लेकर एक विवाद गहराता जा रहा है, जिसमें दो अलग-अलग नामों वाले आधार कार्ड, कथित ब्राह्मण पहचान का फर्जी दावा और एक महिला द्वारा लगाए गए छेड़खानी के गंभीर आरोप शामिल हैं।
गांव की रहने वाली महिला रेनू तिवारी और उनके पति जय प्रकाश तिवारी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से मुलाकात कर कथावाचकों के खिलाफ छेड़खानी और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कथावाचक खुद को ब्राह्मण बताकर गांव में कथा करने आए थे, लेकिन बाद में सामने आया कि उन्होंने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर अपनी जाति छिपाई थी।
क्या है पूरा मामला?
रेनू तिवारी के अनुसार, कथावाचक उनके गांव में कथा करने आए थे। कथा के पहले दिन जब कार्यक्रम के बाद भोजन चल रहा था, तब कथावाचक ने रेनू तिवारी की उंगली पकड़कर अशोभनीय हरकत की और छेड़खानी की। रेनू ने तुरंत अपने पति को इसकी जानकारी दी। इसके बाद गांव के कुछ लड़कों ने कथावाचक से विरोध जताया और मामला बढ़ गया।
रेनू ने आगे बताया कि जब विरोध किया गया, तो कथावाचक ने खुद को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का करीबी बताते हुए धमकी दी कि वे उन्हें घर से उठा लेंगे।
दो आधार कार्ड, एक ही फोटो, अलग नाम
इस मामले को और जटिल बना दिया कथावाचक के दो आधार कार्डों ने। दोनों कार्डों पर एक ही फोटो है लेकिन नाम अलग-अलग हैं। इसका मतलब यह हुआ कि एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग पहचान पत्र बनवाकर अपनी पहचान और जाति को लेकर गुमराह किया।
ब्राह्मण समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने आरोप लगाया है कि कथावाचकों ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर ब्राह्मण बनकर कथा करना शुरू किया। उन्होंने कहा, “हम लोग मारपीट की घटना की निंदा करते हैं, लेकिन महिला के साथ जो हुआ, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”
पीड़िता का परिवार डरा-सहमा
पीड़िता के पति जय प्रकाश तिवारी, जो हरिद्वार में प्राइवेट नौकरी करते हैं, ने कहा कि वे इस बात से अंजान थे कि कथावाचक की असल पहचान क्या है। “जैसे ही मेरी पत्नी ने घटना बताई, हमने विरोध किया लेकिन हमें धमकियां मिलने लगीं। ये लोग यादव निकले और कहने लगे कि हमारे ऊपर राजनीतिक संबंध हैं।” उन्होंने बताया कि गांव में रहने वाले उनके बच्चे और परिवार अब डर के माहौल में हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले में कहा, “महिला द्वारा कुछ आरोप लगाए गए हैं, जिसकी जांच की जा रही है। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि दो आधार कार्डों के जरिए किस तरह फर्जी पहचान बनाई गई और इसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या नहीं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि भी जुड़ी
यह मामला तब और विवादास्पद हो गया जब यह सामने आया कि कथावाचकों को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में सम्मानित किया था। अब इस मामले में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
ब्राह्मण समाज के कुछ प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि जाति का झूठ बोलकर कथावाचक समाज को गुमराह कर रहे थे और यह केवल एक महिला से छेड़छाड़ का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक धोखाधड़ी भी है।
इस मामले ने इटावा समेत पूरे प्रदेश में कथावाचन के नाम पर धोखाधड़ी और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार पर नई बहस छेड़ दी है। एक तरफ कथावाचक खुद को धार्मिक कार्यकर्ता बताते हैं, वहीं दूसरी ओर उन पर जातीय छल, महिलाओं के प्रति अशोभनीय व्यवहार और राजनीतिक संरक्षण जैसे आरोप लग रहे हैं।
अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और प्रशासन की निष्पक्ष कार्रवाई पर टिकी हैं।
📌 नोट: अगर आप इस घटना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं या अपनी राय साझा करना चाहते हैं, तो हमें जरूर बताएं।
In a shocking development from Etawah, a preacher has been accused of molestation and caste misrepresentation by using two Aadhaar cards with different names but the same photo. The alleged fraud involves claims of Brahmin identity, triggering outrage after SP Chief Akhilesh Yadav honored the preachers in Lucknow. The woman complainant, Renu Tiwari, and her husband have demanded a fair investigation. The case has gained political attention and the Etawah SSP has confirmed an inquiry is in progress.