नमस्कार,
कल की बड़ी खबर भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला से जुड़ी रही। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गए हैं। दूसरी बड़ी खबर चीन में हुई SCO की बैठक को लेकर रही। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने PAK रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं की।
⏰ आज का प्रमुख इवेंट:
- ओडिशा के पुरी में रथयात्रा शुरू होगी। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ तैयार हो चुके हैं। हर साल 45 फीट ऊंचे तीनों रथ 200 से ज्यादा लोग सिर्फ 58 दिनों में तैयार करते हैं।
📰 कल की बड़ी खबरें:
शुभांशु शुक्ला पहुंचे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, अंतरिक्ष से कहा- ‘यहां एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं’
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28 घंटे की यात्रा के बाद शुभांशु सहित चार एस्ट्रोनॉट्स पहुंचे ISS
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अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश के बाद अन्य क्रू मेंबर्स से गर्मजोशी से मिले
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शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वे अमेरिका की नासा और भारत की इसरो के संयुक्त मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। शुभांशु के साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी ISS पहुंचे।
28 घंटे के सफर के बाद अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे
यह मिशन बुधवार को शुरू हुआ था। करीब 28 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा के बाद गुरुवार शाम 6 बजे स्पेस स्टेशन का हैच खोला गया, और सभी अंतरिक्ष यात्री स्टेशन के अंदर दाखिल हुए। अंदर पहुंचते ही उन्होंने वहां मौजूद ISS क्रू मेंबर्स से गर्मजोशी से गले मिलकर अभिवादन किया।
अंतरिक्ष से शुभांशु का संदेश
स्पेसक्राफ्ट से लाइव टेलीकास्ट के जरिए शुभांशु ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा,
“नमस्कार फ्रॉम स्पेस! यहां एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं कि अंतरिक्ष में कैसे चलना और खाना है।”
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय
शुभांशु शुक्ला स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले, 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी। लगभग 41 वर्षों बाद एक बार फिर किसी भारतीय ने अंतरिक्ष में कदम रखा है, लेकिन इस बार वह अमेरिका और भारत के सहयोग से हुआ मिशन है।
यह उपलब्धि न केवल शुभांशु की, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।
SCO बैठक में राजनाथ सिंह ने पाक रक्षा मंत्री से नहीं की मुलाकात, संयुक्त बयान पर साइन करने से इनकार
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राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से दूरी बनाए रखी
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संयुक्त बयान में पहलगाम हमले का जिक्र न होने पर भारत ने दस्तावेज पर साइन नहीं किया
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राजनाथ ने सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया
चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध फिर सामने आए।
बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ दोनों मौजूद थे, लेकिन राजनाथ ने पाकिस्तानी समकक्ष से मुलाकात करने से इनकार कर दिया।
इसके अलावा, भारत ने SCO के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। इसका कारण यह था कि संयुक्त दस्तावेज में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं था, जबकि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुई आतंकी घटना को शामिल किया गया था।
राजनाथ सिंह का सख्त बयान:
बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा,
“कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति बना चुके हैं। वे आतंकवादियों को शरण देते हैं और फिर इससे इनकार करते हैं। ऐसे दोहरे मापदंड (डबल स्टैंडर्ड) को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। अब आतंकवाद के केंद्र सुरक्षित नहीं हैं। SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।”
क्या है SCO?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने की थी।
2017 में भारत और पाकिस्तान, और 2023 में ईरान इसके सदस्य बने। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।
इस बैठक में भारत की स्पष्ट नीति और आतंकवाद पर स्पष्ट रुख ने एक बार फिर यह जाहिर कर दिया कि भारत आतंकवाद के मसले पर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।
हिमाचल में 5 जगह बादल फटे, 5 की मौत; सूरत में गर्भवती महिला का रेस्क्यू, हाईवे पर लंबा जाम
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हिमाचल के कुल्लू में बादल फटने की 5 घटनाएं, 5 की मौत, 7 से अधिक लापता
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सूरत में 3-4 फीट पानी में डूबे इलाके से गर्भवती महिला को सुरक्षित निकाला गया
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वडोदरा में भारी बारिश से अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर 15 किमी लंबा ट्रैफिक जाम
मानसून अब देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंच चुका है और इसके साथ ही बाढ़ जैसी स्थितियां भी पैदा हो गई हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं।
हिमाचल में सबसे बड़ा नुकसान
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में हुआ है, जहां 5 अलग-अलग जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 7 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। स्थानीय प्रशासन और राहत टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
गुजरात में बारिश का कहर
गुजरात के अहमदाबाद में तेज बारिश के कारण एक बाइक सवार पानी के तेज बहाव में ड्रेनेज लाइन में गिर गया। करीब 9 घंटे बाद उसका शव बरामद किया गया।
सूरत के गीतानगर इलाके में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। इसी इलाके में एक गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने पर फायर ब्रिगेड टीम ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया।
हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम
वडोदरा में भारी बारिश के कारण अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। वाहनों की आवाजाही बाधित रही और लोग घंटों तक फंसे रहे।
राज्यों में अलर्ट जारी
हिमाचल, उत्तराखंड और गुजरात में मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
खामेनेई ने कहा- इजराइल को बचाने जंग में कूदा अमेरिका; ट्रम्प बोले- ईरान ने बहादुरी से लड़ी जंग
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खामेनेई बोले- अमेरिका को डर था कि इजराइल पूरी तरह तबाह न हो जाए
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ट्रम्प ने कहा- ईरान को ऑयल बेचने से नहीं रोकेंगे, बहादुरी से लड़ा
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ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत ने 4244 नागरिकों को सुरक्षित निकाला
ईरान और इजराइल के बीच हालिया संघर्ष के बाद बयानबाजी तेज हो गई है।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि “ईरान ने इजराइल को कुचल दिया, और अमेरिका केवल इसलिए इस जंग में कूदा क्योंकि उसे डर था कि इजराइल पूरी तरह खत्म हो सकता है।”
उन्होंने लिखा कि,
“अमेरिका को कुछ हासिल नहीं हुआ। ईरान ने अमेरिका के चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा।”
ईरान की चेतावनी:
खामेनेई ने दावा किया कि ईरान ने अमेरिकी एयरबेस पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा,
“हम मिडिल ईस्ट में अमेरिका के सभी अहम ठिकानों तक पहुंच रखते हैं। अगर कोई हमला हुआ, तो दुश्मन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
ट्रम्प की प्रतिक्रिया:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नीदरलैंड में नाटो समिट के दौरान कहा कि
“ईरान ने जंग में बहादुरी दिखाई है।”
उन्होंने यह भी कहा,
“ईरान को अब ऑयल बेचने से नहीं रोका जाएगा। अगर चीन या कोई और देश ईरान से तेल खरीदना चाहता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।”
जंग के बाद के तीन अहम अपडेट:
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ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत ने ईरान और इजराइल से अब तक 4,244 भारतीयों को सुरक्षित निकाला है।
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फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने दावा किया कि फ्रांस ने इजराइल पर ईरान के ड्रोन हमलों को रोका।
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ट्रम्प ने कहा कि अब ईरान से परमाणु समझौते की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम नष्ट हो चुका है।
ईरान-इजराइल संघर्ष में भले ही सीजफायर लागू हो गया हो, लेकिन बयानबाजी और क्षेत्रीय तनाव अभी भी चरम पर है।
अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कॉलर ट्यून बंद, सिंधिया बोले थे- इससे मैं भी परेशान हूं
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साइबर फ्रॉड जागरूकता के लिए शुरू हुई थी कॉलर ट्यून
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लोगों को इमरजेंसी में कॉल करने में हो रही थी दिक्कत
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सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए अमिताभ बच्चन, खुद दी सफाई
बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन की आवाज में बजने वाली कॉलर ट्यून को अब बंद कर दिया गया है। यह कॉलर ट्यून सितंबर 2024 में साइबर फ्रॉड के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन समय के साथ यह आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई।
केंद्रीय मंत्री ने भी जताई नाराजगी:
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में इंदौर में कहा था,
“इस कॉलर ट्यून से मैं भी परेशान हूं।”
इसके बाद सरकार ने इसे हटाने का फैसला लिया।
इमरजेंसी कॉलिंग में आ रही थी दिक्कत:
लोगों का कहना था कि इमरजेंसी में कॉल करते वक्त कॉलर ट्यून समय खराब करती है, जिससे मदद देर से मिलती है। शिकायतों का सिलसिला बढ़ने पर सरकार को यह कदम उठाना पड़ा।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना:
इस कॉलर ट्यून के चलते अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे थे।
23 जून को एक यूजर ने X पर लिखा,
“सर, कॉल पर बोलना बंद करिए।”
इस पर बच्चन ने जवाब देते हुए लिखा,
“सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा तो हमने किया।”
अब इस ट्यून को हटा दिया गया है, लेकिन यह घटना यह दिखाती है कि जागरूकता अभियान कितने संतुलित ढंग से और समय की आवश्यकता को समझकर चलाए जाने चाहिए।
कांग्रेस की चुनाव आयोग से मांग: पहले दें डिजिटल वोटर लिस्ट, राहुल गांधी को भेजा था EC ने चर्चा का बुलावा
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कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर EC को पत्र लिखा
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एक हफ्ते में डिजिटल वोटर्स लिस्ट और वोटिंग डे की वीडियो फुटेज मांगी
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EC ने राहुल गांधी को 12 जून को चर्चा के लिए बुलाया था
महाराष्ट्र चुनाव 2024 में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग (EC) को पत्र भेजा है।
कांग्रेस ने मांग की है कि उन्हें एक सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र की डिजिटल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई जाए।
साथ ही, महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए मतदान के दिन की वीडियो फुटेज भी मांगी गई है, ताकि पार्टी डेटा का विश्लेषण कर सके और इसके बाद चुनाव आयोग से औपचारिक चर्चा की जा सके।
राहुल गांधी को भेजा गया था EC का पत्र:
चुनाव आयोग ने 12 जून को राहुल गांधी को एक पत्र भेजा था, जिसमें उनसे चुनाव में धांधली के आरोपों पर चर्चा के लिए उपस्थित होने को कहा गया था।
राहुल ने चुनाव में “मैच फिक्सिंग” जैसे आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था,
“महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग की गई थी। इसी तरह की फिक्सिंग अब बिहार में होगी, और फिर उन सभी जगहों पर, जहां भाजपा हारती दिखेगी।”
कांग्रेस की इस नई मांग से स्पष्ट है कि पार्टी अब चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर सक्रियता से सवाल उठा रही है और ठोस तकनीकी डेटा के आधार पर आयोग से जवाब मांग रही है।
BRICS समिट में शामिल नहीं होंगे शी जिनपिंग, मोदी को डिनर पर बुलाने से नाराज
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शी जिनपिंग पहली बार BRICS समिट में शामिल नहीं होंगे
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नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर पर बुलाने से जिनपिंग नाराज
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चीन ने जिनपिंग के बिजी शेड्यूल को बताया वजह
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाली BRICS समिट में हिस्सा नहीं लेंगे।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग की नाराजगी की वजह है कि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने समिट के बाद होने वाले स्टेट डिनर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है।
सूत्रों का कहना है कि जिनपिंग को यह आशंका है कि डिनर के दौरान उन्हें मोदी के मुकाबले कम तवज्जो दी जाएगी, जिससे वे असहज महसूस कर सकते हैं।
चीन ने दी औपचारिक सफाई:
हालांकि आधिकारिक रूप से चीन ने शी जिनपिंग के बिजी शेड्यूल का हवाला देते हुए उनके BRICS समिट में न शामिल होने की सूचना दी है।
यह पहली बार होगा जब शी जिनपिंग अपने 12 साल के राष्ट्रपति कार्यकाल में BRICS सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं।
BRICS समिट 6-7 जुलाई को:
इस बार BRICS का 17वां सम्मेलन 6-7 जुलाई को ब्राजील में आयोजित हो रहा है, जिसमें सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग, विकास और वैश्विक संतुलन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी है।
शी जिनपिंग की गैरहाजिरी से संकेत मिलता है कि भारत-चीन संबंधों में तनाव अभी भी बरकरार है, और यह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी असर डाल रहा है।