AIN NEWS 1 मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) — कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर में एक नया विवाद सामने आया है। स्वामी यशवीर महाराज द्वारा शुरू किए गए अभियान को लेकर अब मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। बताया गया है कि यशवीर महाराज की टीम के कार्यकर्ता कांवड़ मार्ग पर दुकानों, ढाबों और होटलों की जांच कर रहे थे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई व्यक्ति फर्जी नाम या पहचान के जरिए तो व्यवसाय नहीं कर रहा है।
हालांकि, इसी जांच के दौरान एक दुकानदार के साथ कथित रूप से गलत व्यवहार का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि टीम के कुछ सदस्यों ने एक दुकानदार की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उसकी पैंट उतरवाने की कोशिश की। इस घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई।
इस मामले में नई मंडी कोतवाली पुलिस ने संज्ञान लेते हुए स्वामी यशवीर महाराज की टीम के छह सदस्यों को नोटिस जारी किया है और उन्हें तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। पुलिस ने संकेत दिए हैं कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इस नोटिस से नाराज़ होकर स्वामी यशवीर महाराज ने पुलिस को खुली चुनौती दे दी है। उन्होंने साफ कहा कि अगर उनकी टीम के किसी भी सदस्य पर एफआईआर दर्ज की गई, तो वो पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने कहा, “हमारा आंदोलन सिर्फ मुजफ्फरनगर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे देश में फैलेगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “थूक जिहाद”, “मूत्र जिहाद” जैसी गतिविधियों से हिंदू धर्म की पवित्रता को चोट पहुंचाई जा रही है और अब समय आ गया है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसे लोगों को देवी-देवताओं के नाम की आड़ में दुकान नहीं चलाने देंगे, चाहे इसके लिए उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों और होटलों पर नाम पट्ट लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य यह है कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु यह जान सकें कि वे किसके यहां भोजन या ठहराव कर रहे हैं। स्थानीय दुकानदारों ने भी इस नियम का समर्थन किया है, लेकिन इस अभियान की आड़ में कथित बदसलूकी की घटनाओं से हालात संवेदनशील बन गए हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और धार्मिक भावना का संतुलन बनाए रखना प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। स्वामी यशवीर महाराज की नीयत चाहे सही हो, लेकिन अगर उसकी अभिव्यक्ति असंवैधानिक या अमानवीय रूप में हो रही है, तो इस पर गंभीर विचार होना चाहिए। पुलिस को भी चाहिए कि वह निष्पक्ष जांच करे ताकि किसी निर्दोष को न सजा मिले और दोषियों को भी छोड़ा न जाए।
The Muzaffarnagar Kanwar Yatra controversy has sparked a political storm as Swami Yashveer Maharaj’s team allegedly forced a shopkeeper to prove his identity by inappropriate means. The UP Police has issued a notice to six members of his group, giving them three days to respond. Yashveer Maharaj has warned of a massive protest across Uttar Pradesh if an FIR is filed. This incident on the Kanwar Yatra route raises serious questions about religious surveillance, police action, and growing tensions during the annual pilgrimage.