AIN NEWS 1: लखनऊ में ‘घर वापसी’ कार्यक्रम के तहत 11 से अधिक लोगों ने फिर से अपनाया हिंदू धर्म, जिसमें विश्व हिंदू रक्षा परिषद की प्रमुख भूमिका रही। यह कार्यक्रम राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित डिगडिगा गांव के शिव भोला मंदिर में संपन्न हुआ। धार्मिक रीति-रिवाजों और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ इन लोगों का शुद्धिकरण किया गया।
संगठन की मांग और आरोप
विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि राज्य में हो रहे अवैध धर्मांतरण पर कठोर कार्रवाई की जाए। संगठन ने यह भी कहा कि गजवा-ए-हिंद जैसे संगठनों के जरिए हिंदुओं को बहलाकर, फुसलाकर या पैसों का लालच देकर धर्म बदलवाने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने आरोप लगाया कि अब तक उत्तर प्रदेश में करीब दस हजार हिंदुओं का जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। इसके लिए उन्होंने खासकर एक व्यक्ति छांगुर पीर का नाम लिया, जो गजवा-ए-हिंद से जुड़ा हुआ बताया गया।
गजवा-ए-हिंद पर गंभीर आरोप
परिषद का दावा है कि गजवा-ए-हिंद संगठन को भारत के बाहर से हर साल लगभग 100 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलती है, जिसका उपयोग मतांतरण गतिविधियों में हो रहा है। संगठन के नेता बाबी गुप्ता ने कहा कि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य राज्यों में भी अपनी गतिविधियां फैला चुका है।
एक पीड़ित की गवाही
एक व्यक्ति, जिसने अपनी पहचान जाहिर नहीं की, ने बताया कि वह खुद इस नेटवर्क का शिकार हो चुका है। उसके अनुसार, गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोग गरीब, असहाय और जरूरतमंद हिंदुओं को निशाना बनाते हैं, और पैसों या सामाजिक दबाव का इस्तेमाल कर उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम युवकों के जरिए हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका भी धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
पुलिस और एसटीएफ पर सवाल
विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने यह भी चिंता जताई कि पुलिस और एसटीएफ के पास जानकारी होने के बावजूद गजवा-ए-हिंद से जुड़े प्रमुख लोगों जैसे छांगुर पीर, मोहम्मद अहमद खान और अब्दुल माबूद रजा उर्फ आकिब को गिरफ्तार नहीं किया गया। परिषद ने इसे प्रशासन की लापरवाही करार दिया और सख्त कदम उठाने की मांग की।
घर वापसी करने वाले लोगों की पहचान
इस कार्यक्रम में 11 लोगों ने सार्वजनिक रूप से हिंदू धर्म अपनाया। इनमें शामिल हैं:
मंडवी शर्मा (पूर्व नाम: जैनब), औरैया
सोनू रानी, सहारनपुर
मालती, सिद्धार्थनगर
रीना, मुरादाबाद
पल्लवी मन्नत आब्दी
हरजीत कश्यप
संचित गौतम
राम नरेश मौर्य, बलरामपुर
नरेंद्र मिश्रा
हरजीत सिंह
मूर्ति देवी
इनमें से अधिकतर लोगों के नाम धर्मांतरण के बाद बदल दिए गए थे। घर वापसी के बाद उन्हें उनके मूल नाम और पहचान फिर से दी गई।
पीड़ित की आपबीती: संपत्ति पर कब्जा
सहारनपुर से आए एक और पीड़ित शाहबुद्दीन ने बताया कि धर्म बदलने के बाद उनके अपने ही समुदाय के लोगों ने उनके घर पर कब्जा कर लिया और उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने सरकार से अपील की कि धर्मांतरण का शिकार लोगों की सामाजिक और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
लखनऊ में हुआ यह घर वापसी अभियान केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर विषय बन चुका है। विश्व हिंदू रक्षा परिषद और पीड़ितों की ओर से लगाए गए आरोप इस ओर इशारा करते हैं कि धर्मांतरण अब एक संगठित नेटवर्क बन गया है, जिसे रोकने के लिए प्रशासन को सख्ती से कदम उठाने होंगे।
अगर आप भी इस मुद्दे पर जानकारी साझा करना चाहते हैं या किसी प्रकार की सहायता चाहते हैं, तो नजदीकी प्रशासनिक इकाई या सामाजिक संगठन से संपर्क करें।
In a significant Ghar Vapsi event held in Lucknow, the Vishwa Hindu Raksha Parishad reconverted over a dozen individuals back to Hinduism. The reconversion ceremony took place at the Shiv Bhola temple in Digdiga village. The organization raised serious allegations about illegal religious conversions orchestrated by Ghazwa-e-Hind and demanded strong action from Chief Minister Yogi Adityanath. This reconversion drive in Lucknow brings to light concerns about forced conversions, religious identity, and national security.