Naresh Tikait Demands Ban on DJ and Daak Kanwar in Upcoming Yatra
कांवड़ यात्रा में डीजे और डाक कांवड़ पर लगे रोक: नरेश टिकैत की सख्त मांग
AIN NEWS 1: कांवड़ यात्रा, जो हर वर्ष उत्तर भारत में शिवभक्तों की आस्था का बड़ा पर्व मानी जाती है, इस बार एक नए सामाजिक विमर्श का हिस्सा बन गई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मशहूर खाप नेता नरेश टिकैत ने इस यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यात्रा की मूल भावना को बचाने के लिए डीजे कांवड़ और डाक कांवड़ पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
✳️ दिखावे ने छीनी श्रद्धा की सादगी
नरेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा हमेशा से सादगी, श्रद्धा और सेवा भाव की मिसाल रही है। लेकिन अब यह दिखावे, शोरगुल और प्रतियोगिता का मंच बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारी-भरकम डीजे, तेज़ लाइट्स और ऊंची-ऊंची आवाजों वाले कांवड़ वाहनों ने इस धार्मिक यात्रा के माहौल को दूषित कर दिया है।
उनके अनुसार, यात्रा में तेज आवाजों से न केवल आम जनता को असुविधा होती है, बल्कि कई बार इससे दुर्घटनाएं और सामाजिक तनाव भी पैदा होता है। भड़काऊ गाने और ऊंची आवाजें युवाओं को भटका रही हैं और श्रद्धा से भरे इस उत्सव का माहौल बिगाड़ रही हैं।
❌ डाक कांवड़ और DJ कांवड़ पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग
टिकैत ने डाक कांवड़, यानी वो कांवड़ जो तीव्र गति से मोटरसाइकिल या वाहनों के जरिए भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लाई जाती है, उस पर भी सवाल उठाया। उन्होंने इसे धार्मिक यात्रा की गरिमा के खिलाफ बताया और कहा कि इस पर भी पूर्ण प्रतिबंध आवश्यक है।
उनका कहना है कि यह यात्रा कोई दौड़ नहीं है, और इसे भीड़, शोर और प्रतिस्पर्धा से दूर रखना ही सही होगा।
🔇 शांति और धार्मिक भावना को प्राथमिकता देने की अपील
नरेश टिकैत ने कहा,
“कांवड़ यात्रा का उद्देश्य ईश्वर के प्रति भक्ति है, न कि शोरगुल और विवाद फैलाना। धर्म को धर्म ही रहने देना चाहिए, उसमें कोई सांप्रदायिक रंग या हिंसा नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कांवड़ की आत्मा विनम्रता और समर्पण में है। जो यात्री झगड़े-फसाद करते हैं, उनकी कांवड़ स्वतः ही अपवित्र मानी जाती है।
🕊️ सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
खाप नेता ने सभी धर्मों से इस यात्रा में सकारात्मक योगदान देने की अपील की। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के उस योगदान का उल्लेख किया जिसमें कुछ लोग कांवड़ियों की सेवा करते हैं। नरेश टिकैत ने खास तौर पर जाहिर फारूक का उदाहरण दिया जो वर्षों से कांवड़ यात्रियों को मुफ्त भोजन और सहायता प्रदान करते आ रहे हैं।
टिकैत ने कहा कि यही वह भावना है जो भारत को एकजुट करती है और यही समाज को आगे ले जाती है।
🗣️ विवादों पर भी ली स्पष्ट स्थिति
हाल ही में एक विवादित बयान आया था जिसमें कुछ संगठनों ने हिंदू नाम से होटल चलाने वाले मुस्लिमों पर आपत्ति जताई थी और खाने में थूकने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
नरेश टिकैत ने इन बातों को खारिज करते हुए कहा कि
“अगर ऐसे आरोप लगाए जाते हैं तो उसके पक्के सबूत भी पेश किए जाने चाहिए। बेबुनियाद बातें समाज में नकारात्मकता फैलाती हैं और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती हैं।”
🛣️ प्रशासन से नियमों के पालन की अपील
अपने बयान के अंत में टिकैत ने प्रशासन से आग्रह किया कि कांवड़ यात्रा के मार्गों पर कड़े नियम लागू किए जाएं। उन्होंने कहा कि यात्रा को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और धार्मिक भावना के अनुरूप बनाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है।
उन्होंने चेताया कि अगर समय रहते डीजे और डाक कांवड़ जैसे प्रदर्शनों पर रोक नहीं लगी, तो इससे कांवड़ यात्रा की साख को गंभीर नुकसान हो सकता है।
Bharatiya Kisan Union leader Naresh Tikait has called for a complete ban on DJ Kanwar and Daak Kanwar in the upcoming Kanwar Yatra 2025, citing concerns over public disturbance, communal tension, and deviation from the spiritual essence of the pilgrimage. He emphasized maintaining the peaceful, simple, and devotional nature of the Yatra while urging administrative enforcement of rules and promoting religious harmony. This statement is key amid rising noise pollution and disputes during recent Kanwar seasons.