Sanjay Nirupam slams Congress over Kanhaiya Kumar and Pappu Yadav insult during Bihar Bandh
बिहार में कन्हैया और पप्पू यादव को नजरअंदाज किए जाने पर संजय निरुपम भड़के, बोले- “एक-एक करके सबकी बारी आएगी”
AIN NEWS 1 मुंबई/पटना — बिहार में हाल ही में हुए “बिहार बंद” कार्यक्रम के दौरान दो कद्दावर नेताओं—कन्हैया कुमार और पप्पू यादव—को मंच से दूर रखने को लेकर राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है। इस मुद्दे पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है।
क्या हुआ था बिहार बंद के दिन?
बुधवार को देशभर में केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित हड़ताल के दौरान बिहार में ‘इंडिया गठबंधन’ ने सड़कों पर उतरकर चक्का जाम किया। इस मौके पर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की अगुवाई में एक रथ यात्रा निकाली गई। लेकिन इस रथ में कांग्रेस के युवा चेहरा कन्हैया कुमार और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को न तो मंच मिला, न ही रथ पर चढ़ने की अनुमति दी गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही कन्हैया कुमार रथ पर चढ़ने लगे, मौके पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तुरंत नीचे उतार दिया। ठीक वैसा ही व्यवहार पप्पू यादव के साथ भी हुआ जब उन्हें मंच पर जाने से रोक दिया गया।
संजय निरुपम का दर्द: “एक-एक की बारी आएगी”
इस घटना से नाराज़ संजय निरुपम ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,
“आरजेडी के दबाव में कांग्रेस ने आज पप्पू यादव और कन्हैया कुमार की इज्जत सरेआम उतार दी। जैसे पिछले साल उद्धव ठाकरे गुट के दबाव में मुझे अपमानित किया गया था, ठीक वैसे ही आज इन दोनों नेताओं को बेइज्जती का सामना करना पड़ा।”
निरुपम ने कांग्रेस पार्टी को “लाचार” बताते हुए कहा कि वह सहयोगी दलों के आगे घुटने टेक चुकी है क्योंकि अधिकांश राज्यों में पार्टी की राजनीतिक ज़मीन लगभग समाप्त हो चुकी है।
कांग्रेस की रणनीति पर उठे सवाल
पप्पू यादव और कन्हैया कुमार दोनों ही बिहार में कांग्रेस के लिए अहम चेहरों में माने जाते हैं। पप्पू यादव ने हाल ही में निर्दलीय जीत के बावजूद कांग्रेस का समर्थन किया था। वहीं कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने बिहार में युवाओं को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।
ऐसे में इन दोनों नेताओं को मंच से दूर रखने का फैसला कई सवाल खड़े करता है। क्या यह सब आरजेडी के इशारे पर हुआ? क्या कांग्रेस अपने सहयोगियों को खुश करने के लिए अपने ही नेताओं को हाशिये पर डाल रही है?
पप्पू यादव और कन्हैया की चुप्पी
इस घटना पर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार ने अभी तक खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों नेता अंदरखाने इस व्यवहार से नाराज़ हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में वे इस मुद्दे को लेकर कोई राजनीतिक कदम उठाते हैं या नहीं।
महाराष्ट्र से उठी बिहार की सियासी गूंज
संजय निरुपम की टिप्पणी सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रही। उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र की राजनीति पर भी निशाना साधा। वर्तमान में महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद चल रहा है, और निरुपम लगातार उत्तर भारतीयों के अधिकारों की बात कर रहे हैं।
उनकी यह छवि मुंबई में एक मजबूत उत्तर भारतीय नेता की बनी हुई है और ऐसे में बिहार के नेताओं के अपमान पर उनकी प्रतिक्रिया एक भावनात्मक और राजनीतिक दोनों संदेश लिए हुए है।
बिहार बंद की रैली में पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को नजरअंदाज किया जाना न केवल व्यक्तिगत अपमान की तरह देखा जा रहा है, बल्कि इससे कांग्रेस की सहयोगी दलों के सामने बेबस होती छवि भी सामने आई है। संजय निरुपम की यह चेतावनी—“एक-एक करके सबकी बारी आएगी”—कांग्रेस के भीतर बढ़ती नाराजगी और असंतोष की एक झलक है। आने वाले विधानसभा चुनावों में यह अंदरूनी टकराव पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
Shiv Sena leader Sanjay Nirupam has strongly criticized the Congress party for allegedly humiliating Kanhaiya Kumar and Pappu Yadav during the recent Bihar Bandh event organized by the INDIA alliance. Nirupam accused the Congress of bowing down to RJD’s pressure and sidelining key north Indian leaders ahead of the crucial Bihar elections 2025. This political controversy adds to growing tensions within the alliance and raises questions about Congress’ internal dynamics.