कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे शहर में मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैफे ‘कैप्स कैफे’ पर हाल ही में हुई फायरिंग की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हरजीत सिंह लड्डी ने ली है। यह वही लड्डी है जो भारत की सबसे वांछित आतंकियों में से एक है और उस पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
हरजीत सिंह लड्डी प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा हुआ है और फिलहाल जर्मनी में रह रहा है। यह आतंकी पहले भी एक हाई-प्रोफाइल हत्या में शामिल रह चुका है। NIA की चार्जशीट के अनुसार, 13 अप्रैल 2024 को पंजाब के रूपनगर के नांगल इलाके में विश्व हिंदू परिषद के नेता विकास प्रभाकर उर्फ बग्गा की हत्या में उसका नाम सामने आया था। यह साजिश पाकिस्तान में बैठे बब्बर खालसा के चीफ वाधवा सिंह बब्बर और जर्मनी में मौजूद हरजीत लड्डी ने मिलकर रची थी।
हाल ही में कैफे पर हुए हमले का एक CCTV वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति कार से बाहर निकलकर फायरिंग करता नजर आ रहा है। प्रारंभिक जांच में कहा जा रहा है कि लड्डी, कपिल शर्मा के किसी पुराने बयान से नाराज था, इसलिए उसने इस हमले को अंजाम दिया।
यह हमला न केवल कपिल शर्मा जैसे लोकप्रिय हस्ती के लिए चिंता की बात है, बल्कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक चेतावनी है। दरअसल, बब्बर खालसा वही संगठन है जिसने 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट कनिष्क को बम से उड़ाया था, जिसमें 329 लोगों की जान चली गई थी। यह वही संगठन है जिसने पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या आत्मघाती हमले में की थी।
अगर अब एक बार फिर बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियाँ तेज हो रही हैं, तो यह भारत समेत पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत है। फिलहाल कनाडा पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।
Kapil Sharma’s Caps Cafe in Surrey, Canada, was attacked in a shocking shooting incident for which Khalistani terrorist Harjeet Singh Laddi has claimed responsibility. Laddi, a most-wanted terrorist linked to Babbar Khalsa International, is accused of orchestrating violent acts including the killing of VHP leader Vikas Prabhakar. The NIA has placed a ₹10 lakh bounty on him. This incident not only puts celebrities at risk but also highlights the resurfacing threat of Khalistani extremism on global platforms.