Ainnews1.com : बताते चले मोदी सरकार ने 8 साल पहले सत्ता में आने के बाद दिल्ली-एनसीआर में कनेक्टिविटी सुधारने पर बेहद खासा ध्यान दिया है. सरकार की प्राथमिकता वाली ऐसी ही एक योजना है दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल योजना . दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ को जोड़ने वाली यह रेल लाइन कई मायनों में बहुत अनोखी और ऐतिहासिक साबित होगी. सरकार की कोशिश है कि साहिबाबाद से दुहाई के बीच के पहले फेज को अगले साल तक ही शुरू कर दिया जाए, जिससे हजारों लोगों को इसका लाभ मिल सके अगर इस रेल लाइन योजना की खूबियों की बात करें तो इसकी बनावट और डिजाइन मेट्रो ट्रेन की तरह ही रखा गया है. पूरी तरह वातानुकूलित इस ट्रेन में मेट्रो की तरह बड़ी-बड़ी विंडो भी होंगी, जिससे आप बाहर का नजारा साफ-साफ देख सकेंगे. ट्रेन में बैठने के लिए मेट्रो की तरह स्टील की चेयर होंगी. दिल्ली से मेरठ तक का पूरा रूट एलिवेटेड यानी पिलर पर बनाया जा रहा है. इसके चलते इस ट्रेन के चलने से नीचे के ट्रैफिक पर भी कोई भी असर नहीं पड़ेगा और लोग बिना किसी झंझट में फंसे अपनी मंजिल पर पहुंच सकेंगे. इस दिल्ली मेरठ रैपिड रेल परियोजना का टिकट सिस्टम भी अपने आप में ही बेहद खास होगा. मेट्रो की तरह आपको स्टेशन पर टोकन भी मिल सकेगा. साथ ही पैसेंजर चाहे तो एनसीएमसी कार्ड का भी इस्तेमाल कर सकेगा. इस परियोजना में चलाई जाने वाली ट्रेनों में अलग-अलग तरह के कोच भी लगे होंगे. पैसेंजर अपनी पसंद और बजट के अनुसार टोकन लेकर कोच में बैठ सकेगा. फिलहाल बस के जरिए दिल्ली से मेरठ जाने पर अभी लगभग 2 से ढाई घंटे का समय लगता है लेकिन इस रेल के शुरू होने पर केवल पौने घंटे में आप दिल्ली से मेरठ जा सकेंगे.इस ट्रेन में प्रीमियम कोच भी होगा, जिसका टिकट सबसे ज्यादा महंगा होगा. इस कोच में एंट्री के लिए टिकट को ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट (AFC) पर 2 बार पंच करना होगा. यात्रा पूरी करने के बाद पैसेंजर प्लेटफॉर्म के प्रीमियम लाउंज में ही उतरेगा और दोबारा से एएफसी पर टच करेगा.
कोई पैसेंजर अगर क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके यात्रा करना चाहता है तो उसे प्लेटफार्म पर बने काउंटर से अपनी पसंद के कोच का टिकट खरीदना होगा. वहीं ई-वॉलेट का इस्तेमाल करने वाले यात्री सीधे प्लेटफॉर्म पर पहुंचकर पसंदीदा कोच में भी यात्रा कर सकेंगे. वे जिस कोच में भी यात्रा करेंगे, उनके वॉलेट से उसी के हिसाब से पैसे कट जाएंगे.