Ainnews1.com : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह आरोप लगाया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सत्ता की बेताबी के लिए शक्तिशाली प्रतिष्ठान (सेना) के साथ बातचीत के दरवाजे खोलने की कोशिश कर रहे हैं ।आसिफ का यह दावा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में एक रैली में किया.ख्वाजा का यह बयान इमरान की ओर से ही प्रतिष्ठान (सेना) को यह चेतावनी दिए जाने के कुछ दिन बाद आया है कि अगर देश और अर्थव्यवस्था मौजूदा सरकार के तहत और भी खराब स्थिति में भी पहुंचते हैं तो उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा. समा न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि, ‘एक तरफ, वह उस (प्रतिष्ठान) पर हमला भी कर रहे हैं और दूसरी तरफ, वह बातचीत के दरवाजे भी खोलना चाहते हैं.’ रक्षा मंत्री ने कहा है कि इमरान खान के बयान से पता चलता है कि वह बंदूक के बल पर और जबरन प्रतिष्ठान से बात करना चाहते हैं.दूसरी ओर, इमरान खान ने जल्द चुनाव कराए जाने की अपनी मांग को दोहराते हुए यह भी कहा हैं कि आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को नई सरकार के चुने जाने तक सेवा विस्तार दिया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नवंबर के अंत तक मौजूदा जनरल बाजवा के रिटायरमेंट से पहले नए सेना प्रमुख को चुनने के लिए भी तैयार हैं.
शरीफ पर निशाना साधते हुए इमरान ने यह भी कहा, ‘महज 85 सीटें ही हासिल करने वाला भगोड़ा कैसे नए सेना प्रमुख को नियुक्त कर सकता है.’ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद में रविवार को खान ने आरोप यह भी लगाया है कि सरकार निष्पक्ष चुनाव से भी डरती है और नए सेना प्रमुख की नियुक्ति तक चुनाव में देर भी कर रही है.
इमरान का जरदारी-शरीफ पर हमला
खान ने यह आरोप भी लगाया है कि,आसिफ अली जरदारी और नवाज शरीफ अपने चहेते को अगले सेना प्रमुख के रूप में भी लाना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जनता का भी पैसा चुराया है. उन्होंने कहा, उन्हें (जरदारी व शरीफ को) डर है कि जब देशभक्त सेना प्रमुख आएंगे तो वह उनसे उनकी लूट के बारे में भी पूछेंगे.
पाकिस्तानी सेना ने हालांकि इमरान के इस बयान पर कड़ी आपत्ति भी जताई है. सेना ने एक बयान में कहा है , ‘पाकिस्तानी सेना फैसलाबाद में एक राजनीतिक रैली के दौरान पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष की पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के बारे में अपमानजनक और गैरजरूरी बयान से भी व्यथित है