Operation Kaalnemi: Crackdown on Fake Babas in Uttarakhand Begins with 38 Arrests
उत्तराखंड में फर्जी बाबाओं पर चला “ऑपरेशन कालनेमी”, पहले ही दिन 38 पकड़े गए
AIN NEWS 1: उत्तराखंड में अब उन लोगों की खैर नहीं जो साधु-संतों की वेशभूषा ओढ़कर लोगों की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं। राज्य की पुलिस ने एक विशेष अभियान “ऑपरेशन कालनेमी” शुरू किया है, जिसके पहले ही दिन देहरादून और हरिद्वार से 38 फर्जी बाबाओं को पकड़ा गया है।
इन पकड़े गए लोगों में एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जो अवैध रूप से भारत में रहकर खुद को बाबा बताकर लोगों को ठग रहा था। यह अभियान उन नकली संतों और ढोंगी बाबाओं को बेनकाब करने के लिए शुरू किया गया है जो धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं का शोषण करते हैं।
ऑपरेशन ‘कालनेमी’ क्यों रखा गया नाम?
रामायण में “कालनेमी” एक ऐसा राक्षस था जो वेश बदलने में माहिर था। वह जब चाहता तब रूप बदलकर सामने आता, और छल-कपट के जरिए दूसरों को भ्रमित करता। ठीक उसी तरह आज भी कुछ लोग धर्म और साधु-संतों की छवि को ढाल बनाकर लोगों को धोखा देने में लगे हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड पुलिस ने इस अभियान को “ऑपरेशन कालनेमी” नाम दिया — एक ऐसा नाम जो सीधे तौर पर धोखे और छल का प्रतीक है।
कहां-कहां हुई कार्रवाई?
ऑपरेशन की शुरुआत देहरादून और हरिद्वार से हुई। दोनों ही शहर धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं और लाखों श्रद्धालु हर साल यहां आते हैं। इन पवित्र नगरों में ही फर्जी बाबाओं का सबसे ज्यादा जमावड़ा देखा गया, जो तीर्थ यात्रियों को अपना शिकार बनाते हैं।
पुलिस ने इन इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया इनपुट्स के आधार पर छापेमारी की। जिन लोगों को पकड़ा गया, उनके पास न कोई वैध पहचान पत्र था, न कोई आध्यात्मिक पृष्ठभूमि। कुछ तो किसी अन्य राज्यों या देशों से आए थे, और फर्जी आश्रम बनाकर खुद को बाबा कहकर प्रचार कर रहे थे।
कैसे हुई पहचान?
इन बाबाओं की पहचान और गिरफ्तारी में स्थानीय नागरिकों की शिकायतें, खुफिया रिपोर्ट, और कुछ गोपनीय वीडियो फुटेज का सहारा लिया गया। कई बाबा खुद को चमत्कारी, सिद्ध या अवतारी बताते थे, जबकि असलियत में वे आम अपराधी या ठग निकले।
इनके ठिकानों से पुलिस को नकदी, संदिग्ध दस्तावेज, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी ने खोली बड़ी परतें
गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिक की पहचान छिपाई जा रही है, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में घुसा था और पिछले कुछ महीनों से हरिद्वार में फर्जी बाबा बनकर रह रहा था। वह खुद को “तपस्वी बाबा” कहता था और दावा करता था कि उसे स्वर्ग से संदेश आते हैं।
जांच एजेंसियों को शक है कि उसके तार आतंकी फंडिंग या अवैध गतिविधियों से भी जुड़े हो सकते हैं, इसलिए उसके खिलाफ विदेशी नागरिक कानून और गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
जनता को क्या सलाह दी गई है?
उत्तराखंड पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी बाबा या साधु पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। अगर कोई बाबा दावा करता है कि वह चमत्कार कर सकता है, बीमारी ठीक कर सकता है, या भविष्य बता सकता है, तो पहले उसकी पृष्ठभूमि और प्रमाण जांचें।
पुलिस हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, जिस पर कोई भी नागरिक संदिग्ध बाबाओं की जानकारी दे सकता है। पुलिस का कहना है कि इस अभियान को पूरे राज्य में आगे बढ़ाया जाएगा और हर फर्जी बाबा को पकड़कर सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
आगे की योजना: प्रदेशभर में चलेगा अभियान
यह ऑपरेशन केवल एक शुरुआत है। आने वाले हफ्तों में इसे उत्तरकाशी, ऋषिकेश, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे दूसरे धार्मिक स्थलों तक भी बढ़ाया जाएगा। हर जिले में विशेष टीम गठित की जा रही है जो स्थानीय साधु-संतों की सूची तैयार करेगी और फर्जी बाबाओं की पहचान कर कार्रवाई करेगी।
आस्था की रक्षा के लिए जरूरी है यह पहल
आज के समय में जहां धर्म और श्रद्धा लोगों की सबसे बड़ी ताकत हैं, वहीं कुछ लोग इसे कमजोर करने में जुटे हैं। “ऑपरेशन कालनेमी” न सिर्फ इन ढोंगियों के खिलाफ कार्रवाई है, बल्कि यह एक संदेश भी है — धर्म को व्यापार न बनाएं, और ना ही श्रद्धा को ठगने का ज़रिया।
उत्तराखंड पुलिस की यह पहल उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है जो संतों की आड़ में अधर्म कर रहे हैं। साथ ही यह उन असली साधु-संतों की प्रतिष्ठा की रक्षा का प्रयास भी है, जिनकी छवि ऐसे फर्जी लोगों की वजह से धूमिल होती है।
अगर आप किसी ऐसे बाबा के बारे में जानते हैं जो संदिग्ध है, तो तुरंत नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें। धर्म की रक्षा हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
अगर इस लेख को पसंद आया तो साझा करें और फर्जी बाबाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाएं। 🙏
Uttarakhand Police has launched Operation Kaalnemi to crack down on fake babas who disguise themselves as saints and misuse religion for personal gain. In just the first phase, 38 imposters, including one Bangladeshi national, were arrested from Haridwar and Dehradun. This operation is inspired by the character Kaalnemi from Ramayan, symbolizing deception and disguised evil. This move aims to restore the purity of spiritual practices and protect devotees from exploitation.