AIN NEWS 1: भारत सरकार ने जमीन और संपत्ति की खरीद-फरोख्त से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव का मकसद काले धन पर रोक लगाना, बेनामी संपत्तियों को चिन्हित करना और रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाना है। अब कोई भी व्यक्ति अगर जमीन, मकान या फ्लैट खरीदना या बेचना चाहता है, तो उसे कुछ ज़रूरी दस्तावेज देने होंगे। बिना इन दस्तावेजों के अब रजिस्ट्री नहीं होगी।
क्या है जमीन रजिस्ट्री का नया नियम?
सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी प्रकार की जमीन या अचल संपत्ति की रजिस्ट्री तभी होगी जब पैन कार्ड का सत्यापन हो जाएगा। यानी अब सिर्फ पैन नंबर देना काफी नहीं होगा, बल्कि उसकी वैधता (Verification) भी जरूरी होगी।
रजिस्ट्री कार्यालय अब आयकर विभाग के डेटाबेस से जुड़कर यह जांच करेगा कि पैन कार्ड असली है या नहीं। इसके लिए पैन कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा और अन्य दस्तावेजों से नाम व जन्मतिथि मिलाई जाएगी।
इस नियम के पीछे सरकार का उद्देश्य क्या है?
सरकार ने ये बदलाव काले धन और बेनामी संपत्तियों की बढ़ती समस्या को देखते हुए किया है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
1. काले धन पर लगाम लगाना:
नकद में होने वाले बड़े सौदों को नियंत्रित करना और टैक्स चोरी को रोकना।
2. बेनामी संपत्तियों की पहचान:
जो लोग दूसरों के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं, उनकी पहचान हो सके।
3. डेटा का डिजिटलीकरण:
एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस बनाना जिससे संपत्तियों का लेखाजोखा आसानी से ट्रेस किया जा सके।
4. टैक्स चोरी पर रोक:
जो लोग अपनी असली आय छुपाकर नकद में संपत्ति खरीदते हैं, उन्हें पकड़ा जा सके।
किन दस्तावेजों के बिना नहीं होगी अब जमीन की रजिस्ट्री?
नई व्यवस्था के तहत निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य कर दिए गए हैं:
पैन कार्ड (PAN Card):
खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए जरूरी।
आधार कार्ड (Aadhaar Card):
पहचान पत्र और पते के प्रमाण के लिए जरूरी।
जमीन से संबंधित दस्तावेज:
जैसे कि खसरा नंबर, खतौनी, जमीन का नक्शा आदि।
सेल एग्रीमेंट:
जो रजिस्ट्री से पहले का आपसी सहमति का दस्तावेज होता है।
टैक्स स्लिप (यदि पहले टैक्स दिया गया है):
पुराने टैक्स भुगतान के प्रमाण।
पासपोर्ट साइज फोटो:
खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए।
कहां-कहां लागू होगा ये नियम?
यह नया नियम पूरे देश में लागू किया जा रहा है। सरकार ने सभी राज्यों को इसके निर्देश दे दिए हैं और कुछ राज्यों में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है। अब सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को आयकर विभाग की प्रणाली से जोड़ा जा रहा है ताकि पैन कार्ड की जांच आसानी से हो सके।
पैन कार्ड सत्यापन कैसे होगा?
पैन कार्ड की पुष्टि के लिए रजिस्ट्री कार्यालय निम्न प्रक्रिया अपनाएगा:
1. पैन से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा।
2. पैन कार्ड पर अंकित नाम और जन्म तिथि का मिलान किया जाएगा।
3. अन्य दस्तावेजों से जानकारी की तुलना की जाएगी।
4. यदि कोई जानकारी गलत पाई गई तो रजिस्ट्री रोक दी जाएगी।
किन लोगों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
1. सामान्य खरीदार:
उन्हें अब हर दस्तावेज ठीक से रखना होगा, गलती की गुंजाइश नहीं होगी।
2. रियल एस्टेट एजेंट:
जो लोग पहले बेनामी सौदे या नकली पैन कार्ड का इस्तेमाल करते थे, अब पकड़े जाएंगे।
3. टैक्स चोरी करने वाले:
उनके लिए अब संपत्ति खरीद कर आय छुपाना आसान नहीं होगा।
4. रजिस्ट्रेशन विभाग:
अब यह विभाग और अधिक तकनीकी और डिजिटल हो जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
पुराने सिस्टम की क्या कमियां थीं?
कैश में भारी रकम देकर संपत्ति खरीदी जाती थी।
फर्जी पैन कार्ड से रजिस्ट्री हो जाती थी।
एक ही व्यक्ति कई नामों से संपत्ति खरीदता था।
सरकार के पास संपत्तियों का पूरा डाटा नहीं होता था।
सरकार का यह कदम सही दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे जहां ईमानदार नागरिकों को सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी, वहीं काले धन और फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सकेगी। यह बदलाव देश के रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक व्यवस्थित और जवाबदेह बनाएगा।
अगर आप जमीन या मकान खरीदने की सोच रहे हैं तो इन दस्तावेजों को तैयार रखें ताकि रजिस्ट्री में कोई परेशानी न हो। नियम का पालन करना अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन चुका है।
The Government of India has implemented new Land Registry Rules to bring transparency in property transactions and tackle black money and benami property. According to these updated rules, PAN card verification is now mandatory for land or property registration in India. This measure aims to ensure authenticity and traceability in real estate deals. The new guidelines also require documents like Aadhaar, property maps, and tax slips. Learn more about how this change will impact buyers, sellers, and real estate agents in India.