AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश में 2025 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारी तेज़ हो गई है। हाल ही में ग्राम पंचायतों का परिसीमन पूरा किया गया है और अब सरकार का फोकस आरक्षण प्रक्रिया पर है। इसी को लेकर पंचायती राज विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है।
विभाग ने पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के लिए 6 सदस्यीय आयोग का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। इस आयोग का काम होगा जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत सदस्यों तक की सीटों पर आरक्षण तय करना।
📊 कैसे होगी आरक्षण प्रक्रिया?
कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद आयोग गठित किया जाएगा।
आयोग ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों के लिए जनसंख्या आधारित डाटा तैयार करेगा।
इसी डाटा के आधार पर तय होगा कि किन वर्गों को कौन सी सीटों पर आरक्षण मिलेगा।
🏡 ग्राम पंचायतों की संख्या में बदलाव
नए परिसीमन के बाद 504 ग्राम पंचायतें घटा दी गई हैं, जिससे अब पूरे राज्य में 57695 ग्राम पंचायतें रह गई हैं। इसके बाद अगला चरण होगा सीटों पर आरक्षण तय करने का।
📅 कब शुरू होगी आरक्षण प्रक्रिया?
माना जा रहा है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अक्टूबर 2024 तक आरक्षण प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
अभी तक कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन विभागीय स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
चुनाव की संभावित तिथि अप्रैल-मई 2025 मानी जा रही है।
The Yogi government has accelerated preparations for the UP Panchayat Elections 2025 by proposing a six-member commission to handle the reservation process for Gram, Kshetra, and Zila Panchayat seats. After completing the delimitation of Gram Panchayats, reducing their number to 57,695, the government plans to determine seat reservations based on updated population data. The reservation process may begin by October 2024, pending cabinet approval of the OBC commission proposal.