AIN NEWS 1 | गाजियाबाद में अब विकास की रफ्तार तेज होगी — और इसका रास्ता निकला है जोन सिस्टम को सेक्टरों में बदलने से। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने शहर की प्लानिंग और मैनेजमेंट को और मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसमें बड़े जोनों को अब छोटे-छोटे सेक्टरों में बांटा जाएगा।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
अब तक GDA गाजियाबाद को 8 बड़े जोनों में बांटकर काम कर रहा था। लेकिन इन जोनों में क्षेत्रों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि निगरानी, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइटिंग और अवैध निर्माणों पर कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो रहा था।
छोटे सेक्टर बनाने से हर इलाके पर ज़्यादा बारीकी से नजर रखी जा सकेगी। इससे स्थानीय समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सकेगा।
शुरुआत कहां से होगी?
GDA ने इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जोन-1 से शुरू किया है। इसमें राजनगर एक्सटेंशन, नंदग्राम, और आसपास के गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों को चार छोटे सेक्टरों में बांटा गया है।
हर सेक्टर के लिए एक टीम बनाई गई है जिसमें शामिल होंगे:
सुपरवाइजर
अवर अभियंता
सहायक अभियंता
यह टीम हर दिन सेक्टर का दौरा करेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी जिसमें निम्न मुद्दों को कवर किया जाएगा:
सड़क और नालियों की स्थिति
स्ट्रीट लाइट की कार्यशीलता
साफ-सफाई और कूड़ा प्रबंधन
अवैध निर्माण की निगरानी
क्या होंगे इस योजना के फायदे?
✅ अवैध निर्माण पर सख्ती:
छोटे सेक्टरों में तेजी से अवैध निर्माण पकड़े जाएंगे और तुरंत कार्रवाई होगी।✅ सफाई व्यवस्था बेहतर होगी:
हर दिन की निगरानी से साफ-सफाई का स्तर ऊंचा होगा।✅ स्ट्रीट लाइट और कूड़ा निस्तारण का बेहतर प्रबंधन:
अगर किसी लाइट में खराबी है या कूड़ा नहीं उठ रहा, तो टीम उसी दिन रिपोर्ट भेजेगी।✅ विकास कार्य समय पर पूरे होंगे:
जब निगरानी मजबूत होगी तो प्रोजेक्ट्स की प्रगति भी तेज होगी।✅ टीम की जवाबदेही बढ़ेगी:
हर टीम अपने सेक्टर की ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएगी।
भविष्य की योजना
GDA का इरादा है कि अगर यह पायलट मॉडल सफल रहा, तो इसे गाजियाबाद के बाकी सभी सात जोनों में लागू किया जाएगा। इससे पूरा शहर संगठित और अनुशासित तरीके से विकसित किया जा सकेगा।
प्राधिकरण का मानना है कि सेक्टर आधारित मॉडल में नागरिकों की शिकायतों का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।
क्या बोले GDA उपाध्यक्ष?
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा:
“हम गाजियाबाद को एक प्लान्ड और स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं। जोन-1 में सेक्टर आधारित मॉडल लागू करके हम इसका परीक्षण कर रहे हैं। यदि यह सफल रहा, तो पूरे शहर में इसे लागू किया जाएगा।”
जोन से सेक्टर की ओर बढ़ता GDA का यह कदम गाजियाबाद को एक तेज़, स्वच्छ और स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है। अब हर गली, हर मोहल्ले की देखरेख संभव होगी — वो भी समय पर।
जहां पहले एक जोन में कई मोहल्लों की जिम्मेदारी होती थी, अब हर सेक्टर में छोटी टीम लगेगी जो प्रतिदिन निरीक्षण करेगी और कार्रवाई करेगी।
यह नया मॉडल न केवल शहर की गुणवत्ता जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा, बल्कि निवेश, प्लानिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ के लिए भी रास्ता खोलेगा।
📌 अगर आप गाजियाबाद के निवासी हैं, या यहां प्रॉपर्टी या व्यवसाय में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो GDA की यह योजना आपके लिए बहुत अहम हो सकती है। यह शहर की सूरत और सिस्टम — दोनों बदलने वाला है।
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