Prateek Yadav Extortion Case: ₹4 Crore Demand, POCSO Threat and Real Estate Fraud in Lucknow
लखनऊ में प्रतीक यादव से 4 करोड़ की रंगदारी का सनसनीखेज मामला, पॉक्सो एक्ट में फंसाने की धमकी से मचा हड़कंप
AIN NEWS 1: लखनऊ में एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव ने 4 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और पॉक्सो एक्ट में फंसाने की धमकी दिए जाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में प्रतीक यादव ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में FIR दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला?
प्रतीक यादव ने एफआईआर में बताया कि साल 2011-12 में उनकी मुलाकात कृष्णानंद पांडे नामक व्यक्ति से हुई थी। धीरे-धीरे कृष्णानंद ने प्रतीक यादव से करीबी बढ़ाई और रियल एस्टेट में निवेश का प्रस्ताव दिया। प्रतीक यादव ने भरोसा जताते हुए उनके साथ मिलकर 2015 में Monal Infratech Private Limited नामक कंपनी की स्थापना की, जिसमें उन्होंने निवेश किया और कृष्णानंद को डायरेक्टर नियुक्त किया।
करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप
प्रतीक का कहना है कि कंपनी में निवेश के बाद कृष्णानंद ने व्यावसायिक जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया और कंपनी के पैसे का दुरुपयोग शुरू कर दिया। इसके अलावा, निजी समस्याओं का बहाना बनाकर भी उन्होंने बार-बार बड़ी रकम उधार ली, जिसे लौटाने का वादा कभी पूरा नहीं किया।
स्वास्थ्य खराबी और अवसर का लाभ
वर्ष 2020 में प्रतीक यादव कोरोना संक्रमित हो गए और उनकी तबीयत लंबे समय तक खराब रही। इसी दौरान उनके माता, पिता और मामा का भी निधन हो गया, जिससे मानसिक रूप से भी वह कमजोर हो गए। इसका फायदा उठाकर कृष्णानंद और उनके परिवार—पत्नी वंदना पांडे और पिता अशोक पांडे—ने और भी आर्थिक फायदा उठाने की कोशिश की।
धमकी और ब्लैकमेलिंग
जब प्रतीक यादव ने उनसे हिसाब-किताब मांगना शुरू किया, तो कृष्णानंद ने जवाब में उन्हें झूठे पॉक्सो केस में फंसाने की धमकी दी। इसके अलावा, उन्होंने मीडिया में फर्जी ऑडियो क्लिप वायरल करने की धमकी भी दी, जिससे प्रतीक यादव और उनके परिवार की छवि खराब की जा सके।
प्रतीक यादव का कहना है कि उन्हें व्हाट्सएप और ईमेल के ज़रिये धमकियां दी गईं, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत तनाव में आ गए।
दर्ज हुई एफआईआर
13 जुलाई 2025 को रात करीब 11:56 बजे गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें IPC की धारा 308(3), 318(4) और IT एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज हुआ है। जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस संबंधित दस्तावेज़ व इलेक्ट्रॉनिक सबूत जुटा रही है।
आरोपी कौन हैं?
इस मामले में तीन प्रमुख नाम सामने आए हैं:
1. कृष्णानंद पांडे – मुख्य आरोपी, जिन पर धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग और रंगदारी का आरोप है।
2. वंदना पांडे – कृष्णानंद की पत्नी, जिन्हें षड्यंत्र में शामिल बताया गया है।
3. अशोक पांडे – कृष्णानंद के पिता, जिन पर परिवारिक समर्थन देने और प्रलोभन में शामिल होने का आरोप है।
सामाजिक छवि का दुरुपयोग
प्रतीक यादव एक समाजसेवी और उद्यमी के रूप में जाने जाते हैं। वह कई एनजीओ से जुड़े हुए हैं और समाज में एक सकारात्मक छवि रखते हैं। उनका कहना है कि कृष्णानंद ने इसी छवि का लाभ उठाकर उनसे नजदीकियां बढ़ाईं और फिर उनके सामाजिक संपर्कों का गलत फायदा उठाया।
अब आगे क्या?
पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। डिजिटल सबूत, ईमेल और व्हाट्सएप चैट की फॉरेंसिक जांच के साथ-साथ आर्थिक लेन-देन और कंपनी दस्तावेज़ भी खंगाले जा रहे हैं।
प्रतीक यादव ने न्याय की उम्मीद जताई है और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है।
1.यह मामला केवल एक आर्थिक घोटाले का नहीं, बल्कि विश्वासघात, मानसिक शोषण और ब्लैकमेलिंग का भी है। एक सामाजिक व्यक्ति की छवि को धूमिल करने की जो साजिश रची गई, उसने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। पुलिस की निष्पक्ष जांच और न्यायिक प्रक्रिया से ही इस मामले का सच्चा समाधान सामने आ सकेगा।
The Prateek Yadav extortion case has shocked political and business circles in Lucknow. Allegedly threatened with a fake POCSO case and manipulated in a ₹4 crore business fraud, Prateek—husband of UP Women Commission Vice Chairperson Aparna Yadav—filed a serious FIR. The real estate fraud involving Krishna Pandey, Vandana Pandey, and Ashok Pandey adds a dramatic layer to this high-profile scandal, raising questions on trust in business partnerships.