AIN NEWS 1 उज्जैन, मध्य प्रदेश: सावन का महीना आते ही उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में आस्था की लहर दौड़ जाती है। देशभर से श्रद्धालु यहां भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। इस पावन अवसर पर हर साल सावन और भाद्रपद माह में बाबा महाकाल की भव्य सवारी यात्रा निकाली जाती है, जो न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
महाकाल सवारी: एक प्राचीन परंपरा
मान्यता है कि राजा भोज के शासनकाल में इस सवारी की शुरुआत हुई थी। उस समय से लेकर आज तक यह परंपरा पूरे श्रद्धा और भव्यता के साथ निभाई जा रही है। बाबा महाकाल को रथ पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाता है, जिसमें हाथी, घोड़े, तलवारबाज और भक्तों की भारी भीड़ शामिल होती है।
यह यात्रा शक्ति और महिमा का प्रतीक मानी जाती है और इसे देखने-सुनने मात्र से भक्तों को दिव्यता का अनुभव होता है।
महाकाल सवारी 2025 की तिथियां
साल 2025 में महाकाल की सवारी कुल 6 बार निकाली जाएगी:
क्रम | तिथि (2025) | दिन |
---|---|---|
1. | 14 जुलाई | सोमवार |
2. | 21 जुलाई | सोमवार |
3. | 28 जुलाई | सोमवार |
4. | 4 अगस्त | सोमवार |
5. | 11 अगस्त | सोमवार |
6. | 18 अगस्त | सोमवार |
हर सोमवार को होने वाली इस यात्रा के दौरान उज्जैन शहर का माहौल भक्तिमय और उत्सव जैसा हो जाता है।
धार्मिक महत्व
महाकाल की सवारी सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि भगवान शिव की नगर परिक्रमा है। इस यात्रा को देखने और इसमें भाग लेने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। यात्रा के दौरान “जय महाकाल” के नारे गूंजते हैं और हर ओर भक्ति की लहर दौड़ जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. महाकाल की सवारी क्या है?
👉 यह भगवान महाकालेश्वर की एक भव्य शोभायात्रा है, जो सावन और भाद्रपद के सोमवारों को उज्जैन में निकाली जाती है।
Q2. 2025 में महाकाल की सवारी कितनी बार निकलेगी?
👉 कुल 6 बार – 14, 21, 28 जुलाई और 4, 11, 18 अगस्त को।
Q3. इस परंपरा की शुरुआत किसने की थी?
👉 राजा भोज द्वारा की गई थी।
Mahakal Sawari 2025 is one of the most revered religious processions in Ujjain, Madhya Pradesh. Scheduled to be held six times during Sawan and Bhadrapad, the event celebrates the divine journey of Mahakaleshwar Jyotirling. Thousands of devotees participate in the grand rath yatra that highlights spiritual significance, history by Raja Bhoj, and deep cultural heritage associated with the temple city of Ujjain.