AIN NEWS 1 लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव 2025 से पहले गांवों को हरित और स्वच्छ बनाने की दिशा में एक अहम पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में “ग्रीन चौपाल” का आयोजन किया जाएगा, जो हर महीने के तीसरे शुक्रवार को अनिवार्य रूप से होगी। इस चौपाल के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण, पौधरोपण और जलवायु जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है ग्रीन चौपाल और कब होगी इसकी बैठक?
‘ग्रीन चौपाल’ एक पर्यावरणीय बैठक होगी जो हर महीने के तीसरे शुक्रवार को आयोजित की जाएगी। यदि किसी कारणवश उस दिन राजकीय अवकाश होता है तो बैठक अगले दिन अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य है गांवों में हरियाली बढ़ाना, जनता को पर्यावरणीय योजनाओं से जोड़ना, और सामूहिक सहभागिता से ग्रामीण भारत को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना।
ग्राम प्रधान होंगे ग्रीन चौपाल के अध्यक्ष
हर गांव में ग्रीन चौपाल की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को दी गई है। वे न केवल इस बैठक के अध्यक्ष होंगे, बल्कि इसका संचालन भी खुद करेंगे। साथ ही:
सेक्शन/बीट अधिकारी: सदस्य सचिव
ग्राम पंचायत अधिकारी: संयोजक
इसके अतिरिक्त ग्रीन चौपाल में शामिल होंगे:
3 ग्राम पंचायत सदस्य (कम से कम एक महिला)
स्वयं सहायता समूह की महिला प्रतिनिधि
प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक
आंगनबाड़ी सहायिका
रोजगार सेवक
प्रगतिशील किसान
स्थानीय एनजीओ या पर्यावरणविद्
जैव विविधता प्रबंधन समिति के सदस्य
साथ ही, संबंधित विभागों के प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
स्कूलों में भी चलेगा पर्यावरण का पाठ
गांव के स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों को पर्यावरण, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक किया जाएगा। नुक्कड़ नाटक, रैलियां, गोष्ठियां आदि माध्यमों से प्रचार-प्रसार होगा, जिससे बच्चों में बचपन से ही हरित सोच विकसित हो सके।
ग्राम हरित निधि की स्थापना और निगरानी
ग्रीन चौपाल का एक अहम उद्देश्य ग्राम हरित निधि (Village Green Fund) की स्थापना और उसका संचालन है। यह निधि गांव में पौधरोपण, रखरखाव और हरित विकास पर खर्च होगी।
इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में माइक्रोप्लान बनेगा और उसी के अनुसार रिक्त भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे। चौपाल यह सुनिश्चित करेगी कि जो भी पौधे लगाए जाएं, उनकी सुरक्षा और देखभाल नियमित रूप से हो।
प्रचार-प्रसार और जनभागीदारी
ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं जैसे:
स्वच्छ भारत मिशन
जल जीवन मिशन
मनरेगा
वन्यजीव संरक्षण
जलवायु परिवर्तन से संबंधित योजनाएं
वैकल्पिक ऊर्जा और कार्बन क्रेडिट जागरूकता
इन सभी विषयों पर सरल भाषा और लोक शैली में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए स्थानीय एनजीओ, शिक्षकों और पर्यावरणविदों का सहयोग लिया जाएगा।
ग्रीन चौपाल के कार्यों की निगरानी कौन करेगा?
जिला वृक्षारोपण समिति पूरे जिले में ग्रीन चौपाल के कामों की निगरानी करेगी। इसके अलावा:
मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के निर्देशन में हर महीने चौपाल की रिपोर्ट तैयार होगी।
यह रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा एकत्र की जाएगी।
प्रभागीय वन अधिकारी इस कार्यक्रम के समन्वयक होंगे।
अच्छा काम करने वालों को मिलेगा राज्य स्तरीय सम्मान
जो ग्रीन चौपाल सर्वोत्तम कार्य करेंगी, उन्हें जिला पर्यावरण समिति द्वारा चिन्हित किया जाएगा। इनके नाम वन एवं पर्यावरण विभाग को भेजे जाएंगे और राज्य स्तर पर इनका सम्मान किया जाएगा। यह सम्मान ग्राम पंचायतों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।
Ahead of the Uttar Pradesh Panchayat elections, the Yogi Adityanath-led government has launched a rural eco-initiative called Green Chaupal. This monthly event, headed by Gram Pradhans, will promote plantation, environmental awareness, and public participation in every village. With the involvement of local school teachers, NGOs, and department officials, the initiative focuses on water conservation, biodiversity, and climate change. The program also includes the establishment of a Village Green Fund to ensure sustained green development across UP’s gram panchayats.