Ainnews1.com: गोल्ड और चांदी की हॉलमार्किंग कराने के लिए अब लोगों को ज्यादा चार्ज देना होगा. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी BIS के एक नोटिफिकेशन के मुताबिक सोने और चांदी के गहनों के लिए अब पहले के मुकाबले 10 रुपए प्रति पीस ज्यादा हॉलमार्किंग चार्ज चुकाना होगा. भारतीय मानक ब्यूरो के हिसाब से नए चार्ज के तौर पर अब सोने की हॉलमार्किंग के लिए 35 रुपये की जगह 45 रुपये हॉलमार्किंग चार्ज का भुगतान करना होगा. वहीं चांदी की ज्वैलरी
और आर्टिफेक्ट्स के लिए हॉलमार्किंग फीस 25 रुपये से बढ़ाकर 35 रुपये प्रति आइटम कर दी गई है.
*ज्वैलरी की क्वालिटी की गारंटी है हॉलमार्किंग*
नवंबर 2019 में सरकार ने 15 जनवरी 2021 से देशभर में गोल्ड के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का एलान किया था. हालांकि, कोरोना महामारी की वजह से इस नियम को लागू करने के लिए ज्वैलर्स ने ज्यादा समय की मांग की थी. इसके बाद समय सीमा को बढ़ाकर जून 2021 कर दिया गया था और सबसे पहले 16 जून 2021 को इसे लागू किया गया था. शुरुआत में ये नियम केवल 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने पर ही लागू था. इसके बाद इस साल 4 अप्रैल से 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट सोने के गहनों के लिए भी हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद भी 19 या 21 कैरेट सोने की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग जरूरी नहीं थी जिससे ग्राहकों के ठगे जाने का रिस्क बना हुआ था. लेकिन 1 जून 2022 से हर तरह की प्योरिटी के सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई थी. इसके बाद ग्राहकों के लिए ये जानना आसान हो गया था कि वो किस क्वालिटी और शुद्धता का गहना खरीद रहे हैं. जून 2022 से सभी हॉलमार्क वाले सोने के गहनों में बीआईएस लोगो, शुद्धता का ग्रेड और छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है HUID होता है.
*अप्रैल-जुलाई में 3.7 करोड़ गहनों की हॉलमार्किंग हुई*
हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने से अब लोग तेजी से अपने घर में रखे सोने की भी क्वालिटी की जांच करवाकर सर्टिफिकेट ले रहे हैं. इसके अलावा ज्वैलर्स के लिए तो सोने को बगैर हॉलमार्किंग के बेचने पर रोक है. इसके असर से इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान 3.7 करोड़ गहनों की हॉलमार्किंग की गई है. BIS के मुताबिक 2021-22 में 8.68 करोड़ गहनों की हॉलमार्किंग की गई थी. इस रफ्तार के बढ़ने की एक बड़ी वजह BIS रजिस्टर्ड ज्वैलर्स की संख्या
बढ़ना रहा है. 1 जुलाई 2021 को देश में जहां 43,153 BIS रजिस्टर्ड ज्वैलर्स थे. वहीं 1 अगस्त 2022 को इनकी संख्या बढ़कर 1,43,497 हो गई है. मान्यता प्राप्त परख एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या भी 1 जुलाई 2021 के 948 से बढ़कर 31 जुलाई 2022 को 1,220 पर पहुंच गई है.
*देश के 288 जिलों में हॉलमार्किंग की सुविधा*
जून से लागू हुए सोने की हॉलमार्किंग के दूसरे चरण के लिए 32 और जिलों को इसमें शामिल किया गया था जिसके बाद पहले के 256 जिलों को मिलाकर कुल 288 जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर शुरु हो चुके हैं. अब इन सभी जिलों में एक परख एवं हॉलमार्क केंद्र यानी AHC लगाया गया है. आने वाले समय में देश के सभी जिलों में गोल्ड हॉलमार्किंग की जांच करने वाली सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. हॉलमार्किंग के बाद सोने की ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो
का तिकोना निशान बना दिया जाता है. इस लोगो के साथ ही सोने की प्योरिटी भी लिखी जाती है. हॉलमार्क सरकारी गारंटी होती है और ग्राहकों को नकली गहनों से बचाने और ज्वेलरी कारोबार की निगरानी में मददगार है. इसका ग्राहकों को सबसे बड़ा फायदा यह मिलता है कि जब वो गहने बेचने जाएंगे तो किसी तरह का डेप्रिसिएशन नहीं होगा यानी ग्राहक को सोने का वाजिब दाम मिल जाएगा.