Ainnews1.com: बताते चले खुद के घर का सपना हर कोई देखता है, लेकिन महंगाई के इस दौर में ये सपना पूरा कर पाना हर किसी के लिए भी संभव नहीं हो पाता. इस कारण तमाम लोगों को किराए के मकान में रहकर गुजारा करना ही पड़ता है. वहीं तमाम लोग अपने घर से दूर दूसरे शहरों में रहकर ही नौकरी करते हैं, ऐसे में भी उन्हें किराए पर मकान या फ्लैट लेकर रहना पड़ता है. बस यही वजह है कि महानगरों में तो किरायेदारी भी एक उद्योग की तरह बन चुका है, जहां तमाम घरों में सिर्फ किराए के बलबूते पर ही कमाई की जाती है.लेकिन कई बार मकान मालिक किराएदार की मजबूरी का जमकर फायदा भी उठाते हैं. अचानक से किराया भी बढ़ा दिया जाता है, अचानक से घर खाली करने को भी कह दिया जाता है या मकान मालिक का व्यवहार किराएदार के साथ बहुत ज्यादा खराब भी होता है. इन स्थितियों में किराएदार को काफी परेशानी भी झेलनी पड़ जाती है. इसलिए किराएदारों के लिए ये बहुत जरूरी है। कि वे अपने अधिकार जानें, ताकि मकान मालिक आपका गलत फायदा न उठा सके.
Model Tenancy Act के तहत रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किराएदार को अपने घर से तब तक नहीं निकाल सकता. यदि किराएदार ने 2 महीने का रेंट नहीं दिया है या घर को कॉमर्शियल काम के लिए या किसी अन्य गलत काम के लिए इस्तेमाल कर रहा है और ये बातें एग्रीमेंट में नहीं लिखी गईं हैं, तब वो किराएदार से मकान खाली करवा सकता है. लेकिन मकान मालिक के लिए ये जरूरी है कि वो किराएदार को घर खाली करने के लिए कम से कम 15 दिन का नोटिस जरूर दे.कानून कहता है कि किराएदारों की सिक्योरिटी मनी दो महीने के किराये से ज्यादा नहीं हो सकती. यदि इससे ज्यादा सिक्योरिटी ली जा रही है तो उसका जिक्र एग्रीमेंट में होना बहुत जरूरी है. इसके अलावा घर खाली करने पर मकान मालिक को एक महीने के भीतर यह रकम लौटानी भी होगी.यदि मकान मालिक को किराया बढ़ाना है तो इसके लिए उसे किराएदार को तीन महीने पहले नोटिस भी देना होगा. हालांकि अगर मकान मालिक मकान में कुछ सुधार कराता है तो उसे रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद किराया बढ़ाने की इजाजत होगी. लेकिन इसके लिए किराएदार की भी सलाह लेनी होगी.इसके अलावा रेंट एग्रीमेंट लागू होने के बाद भी अगर मकान का ढांचा खराब हो जाता है ।और मकान मालिक उसे रेनोवेट कराने की स्थिति में नहीं है, तो किराएदार मकान का किराया कम करने के लिए भी कह सकता है. किसी विवाद की स्थिति में किराएदार रेंट अथॉरिटी से भी संपर्क कर सकता है.किराएदार को हर महीने किराया देने पर रसीद लेने का भी अधिकार है. अगर मकान मालिक उस समय से पहले किराएदार को निकालता है तो कोर्ट में रसीद को सबूत के तौर पर दिखाया भी जा सकता है.अगर किराएदार घर में नहीं है तो मकान मालिक उसके घर के ताले को नहीं तोड़ सकता है और न ही उसका सामान घर से बाहर निकाल सकता है. इसके अलावा मकान मालिक बिना बताए किराएदार के घर पर आ भी नहीं सकता. अगर मकान मालिक किराएदार के घर रिपेयर से जुड़े किसी काम या दूसरे मकसद से घर आना चाहता है तो उसे कम से कम 24 घंटे पहले किराएदार को लिखित नोटिस देकर सूचित भी करना चाहिए.