AIN NEWS 1 : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में बुधवार को राकेश टिकैत ने अपने आवास पर मीडिया से नवंबर में उनके द्वारा होने जा रहे किसान आंदोलन के बारे में बात की. इस दौरान उन्होंने पीएफआई पर लगे प्रतिबंध को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. पीएफआई (PFI) पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने पर राकेश टिकैत ने अपने अंदाज मे कहा, ‘ये पीएफआई क्या चीज है. हर किसी को नहीं पता है कि ये क्या बीमारी है. सरकार को संगठन और इसके लीडर की पूरी जानकारी देनी चाहिए.’
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किसान नेता बोले पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी पर यह
टिकैत ने कहा, ‘पीएफआई की जानकारी हर किसी व्यक्ति को नहीं है. लोग बहुत से ग्रुप से तो जुड़ जाते हैं. सरकार को अगर ऐसे इनपुट मिल रहे हैं तो इसको वो साफ़ साफ शब्दों में बताएं.’ टिकैत ने कहा कि सरकार को इस संगठन को लेकर लोगों में और अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए. हजारों-लाखों संस्थाएं देश में हैं अगर कोई प्रतिबंधित संस्था है तो उसके बारे में सरकार पूरी जानकारी दे कि वह प्रतिबंधित संस्था है. उनके लीडर को वेरिफाई करके उसकी तस्वीर चौराहे पर लगाए कि उनसे किसी को भी नहीं जुड़ना है. वहीं राकेश टिकैत ने पीएफआई से जुड़े लोगों की गिरफ़्तारी पर कहा कि पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ़्तार किया गया और चालान काटा गया. पूछताछ के बाद उनसे दो-दो लाख रुपये लेकर छोड़ भी दिया गया. क्या दिल्ली से आई टीम को भी इसकी जानकारी नहीं है?
राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान सभी राज्यों की राजधानी में 26 नवंबर को धरना-प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर स्थानीय प्रशासन के जरिए गर्वनर को ज्ञापन भी देंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि धरना खत्म करने को लेकर सरकार ने जो वादे किए थे वे आज तक पूरी तरह पूरे नहीं किए गए हैं और इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर से एक धरना बुलाया है. दिल्ली बॉर्डर पर 26 नवंबर को किसान आंदोलन शुरू करेंगे. सरकार बातचीत करने को तैयार नहीं है. लाठी की ताकत पर, बंदूक की ताकत पर, पुलिस की मदद से आंदोलन को सरकार दबाने का काम कर रही है.