AIN NEWS 1: आज 1 अगस्त 2025 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों में भूकंप और रासायनिक आपदा से निपटने के लिए बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन, बचाव एजेंसियां और नागरिक बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया दे सकें।
मॉक ड्रिल क्यों जरूरी है?
देश में अक्सर भूकंप, रासायनिक रिसाव, औद्योगिक हादसे और प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाएं होती रही हैं। ऐसी आपदाओं में जनहानि और आर्थिक नुकसान से बचने के लिए समय पर और सही प्रतिक्रिया बेहद महत्वपूर्ण होती है।
मॉक ड्रिल इसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें वास्तविक आपदा जैसी स्थिति तैयार की जाती है और संबंधित विभागों की तैयारी को परखा जाता है।
ड्रिल के दौरान क्या होगा?
प्रशासन की ओर से सायरन बजाए जाएंगे और विभिन्न क्षेत्रों में लाउडस्पीकर के जरिए घोषणाएं की जाएंगी।
फायर ब्रिगेड, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, एनडीआरएफ (NDRF) और अन्य बचाव एजेंसियां मौके पर मौजूद रहेंगी।
कुछ क्षेत्रों में नकली दुर्घटना स्थल तैयार किए जाएंगे, जहां बचाव कर्मी घायलों को निकालने और प्राथमिक उपचार देने का अभ्यास करेंगे।
जनता से क्या अपेक्षा है?
1. घबराएं नहीं: यदि सायरन या लाउडस्पीकर से आपदा जैसी घोषणा सुनाई दे तो इसे वास्तविक खतरा न समझें।
2. अफवाह न फैलाएं: इस ड्रिल का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण और जागरूकता बढ़ाना है, इसलिए सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से कोई गलत सूचना न फैलाएं।
3. प्रशासन का सहयोग करें: जिन इलाकों में ड्रिल हो रही है, वहां मौजूद लोग बचाव कर्मियों के कार्य में बाधा न डालें और निर्देशों का पालन करें।
सरकारी संदेश
जिला प्रशासन का कहना है कि ऐसी मॉक ड्रिल्स लोगों को सतर्क करने और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। इससे नागरिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि वास्तविक संकट के समय क्या कदम उठाने चाहिए।
लोगों की प्रतिक्रिया
पिछले वर्षों में भी ऐसे अभ्यास किए गए हैं और आम जनता ने प्रशासन को अच्छा सहयोग दिया है। इस बार भी प्रशासन को उम्मीद है कि लोग न केवल सहयोग करेंगे, बल्कि इससे सीख लेकर अपनी व्यक्तिगत आपदा-प्रबंधन क्षमता भी बढ़ाएंगे।
मॉक ड्रिल को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह पूरी तरह एक योजनाबद्ध अभ्यास है, जिसका मकसद लोगों की सुरक्षा को मजबूत करना है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम हमें सिखाते हैं कि किसी भी आकस्मिक आपदा के समय घबराने के बजाय संयम से काम लें और बचाव एजेंसियों का सहयोग करें।
A large-scale earthquake and chemical disaster mock drill is being conducted in Gautam Buddha Nagar and Ghaziabad on 1st August 2025. The exercise involves sirens, loudspeaker announcements, and rescue operations to assess emergency preparedness. Authorities urge citizens not to panic, avoid spreading rumors, and fully cooperate with officials. This disaster management drill helps strengthen emergency response and public awareness.