AIN NEWS 1 | भारतीय चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि संस्थान को बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता। आयोग ने स्पष्ट किया कि वह निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों पर काम करता है और रोज़-रोज़ के राजनीतिक हमलों के बीच भी अपने कर्तव्यों से नहीं डिगेगा।
राहुल गांधी का बड़ा दावा: चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोट चोरी
1 अगस्त 2025 को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है, और यह बात वे हल्के में नहीं कह रहे। राहुल का दावा है कि उनके पास इस संबंध में पुख्ता सबूत हैं, और जो भी लोग इस प्रक्रिया में ऊपर से नीचे तक शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
ECI का जवाब: हम ऐसे आरोपों को गंभीरता से नहीं लेते
चुनाव आयोग ने बयान जारी करते हुए कहा,
“हर दिन बेवजह के आरोप लगाए जा रहे हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज करते हैं। इसके बावजूद हमारे अधिकारी पूरी निष्ठा और पारदर्शिता से चुनाव प्रक्रिया में लगे हुए हैं।”
ECI ने साफ किया कि उनके कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे राजनीतिक दबाव या बयानबाज़ी की परवाह न करें, और अपने कार्य को नियमों के अनुसार निष्पक्षता से करें।
राहुल गांधी की अपनी ‘जांच’ और उसके निष्कर्ष
राहुल गांधी ने कहा कि जब मध्यप्रदेश विधानसभा और लोकसभा चुनावों के परिणाम सामने आए, तो विपक्ष को चुनाव प्रणाली पर संदेह हुआ। लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उनके संदेह को ठोस आधार मिला। उनका कहना है कि एक करोड़ नए मतदाताओं को अचानक अंतिम मतदाता सूची में जोड़ दिया गया, जिससे पूरे चुनावी तंत्र पर सवाल खड़े हो गए।
उन्होंने कहा कि चूंकि उन्हें लगा कि चुनाव आयोग खुद कोई कार्रवाई नहीं करेगा, इसलिए उन्होंने और उनकी टीम ने खुद जांच शुरू की। राहुल ने इस जांच को ‘परमाणु बम’ की तरह विस्फोटक करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब इसकी सच्चाई सामने आएगी, तो चुनाव आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी।
INDIA गठबंधन की प्रतिक्रिया: बिहार SIR पर तीखी आपत्ति
राहुल गांधी के आरोपों को लेकर विपक्षी INDIA गठबंधन भी मुखर है। गठबंधन ने बिहार एसआईआर (Special Investigation Report) को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया है और चुनाव आयोग से इसमें त्वरित दखल की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इन मुद्दों को नहीं रोका गया, तो भारतीय लोकतंत्र को गहरा नुकसान हो सकता है।
लोकतंत्र में जवाबदेही ज़रूरी, लेकिन तथ्य भी अहम
चुनाव आयोग की साख और स्वतंत्रता लोकतंत्र की रीढ़ है। ऐसे में, जब बड़े नेता गंभीर आरोप लगाते हैं, तो उन्हें तथ्यों और प्रमाणों के साथ सार्वजनिक करना आवश्यक हो जाता है। वहीं, आयोग जैसी संस्था को भी पारदर्शिता बनाए रखते हुए जनता का भरोसा कायम रखना होता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी अपने दावों को किस स्तर तक साबित कर पाते हैं और क्या आयोग उनके दावों की जांच के लिए तैयार होता है या नहीं।
The Election Commission of India has firmly rejected the recent vote theft allegations made by Congress MP Rahul Gandhi, calling them baseless and irresponsible. In response to Rahul Gandhi’s accusations involving the Bihar SIR and sudden voter list additions, the ECI reaffirmed its commitment to fair and transparent electoral processes. The opposition’s INDIA alliance has termed the alleged manipulation as a threat to democracy. This controversy adds fuel to the political discourse ahead of the 2025 elections, raising questions about electoral integrity, fake voters, and the role of the Election Commission in India.