AIN NEWS 1 | झारखंड के वरिष्ठ और अनुभवी नेता शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया।
वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत, खासकर झारखंड और आदिवासी समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
शिबू सोरेन, जिन्हें लोग ‘गुरुजी’ के नाम से जानते थे, तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वे केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके थे। उनका राजनीतिक जीवन संघर्ष, आंदोलन और सेवा से भरा हुआ रहा।
राजनीतिक सफर: आदिवासी समाज की आवाज़ बने
शिबू सोरेन का जीवन झारखंड के अलग राज्य बनने की मांग से गहराई से जुड़ा रहा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक नेताओं में से एक रहे शिबू सोरेन ने आदिवासी अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
उन्होंने केंद्र सरकार में कोयला मंत्री और श्रम मंत्री जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय भी संभाले।
हालांकि, उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कितनी थी शिबू सोरेन की कुल संपत्ति?
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान दायर चुनावी हलफनामे के अनुसार शिबू सोरेन के पास 7 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति थी।
चुनावी संस्था MyNeta.info पर मौजूद जानकारी के मुताबिक:
उनके पास एक लग्जरी कार थी जिसकी कीमत करीब 25 लाख रुपये थी।
उनके नाम पर 25 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पंजाब नेशनल बैंक में थी।
कोई ज्वेलरी (सोना/चांदी) उनके पास नहीं थी।
शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं था।
यह जानकारी दर्शाती है कि उन्होंने एक साधारण लेकिन पारदर्शी आर्थिक जीवन जिया।
आय विवरण: सीमित लेकिन ईमानदार आमदनी
शिबू सोरेन ने अपने हलफनामे में बीते वर्षों की आय का विवरण भी दिया था।
आयकर विवरण के अनुसार:
वर्ष 2014-15 में उनकी कुल आय लगभग 6.5 लाख रुपये थी।
वर्ष 2015-16 में यह आय थोड़ी बढ़कर 6.52 लाख रुपये हो गई।
वर्ष 2017-18 में उनकी सालाना आय लगभग 7 लाख रुपये रही।
इन आंकड़ों से पता चलता है कि राजनीति में रहते हुए भी उन्होंने आय के सीमित और पारदर्शी स्रोतों पर भरोसा रखा।
दिल्ली और गाजियाबाद में थी संपत्ति, झारखंड में नहीं
हलफनामे के अनुसार, शिबू सोरेन के नाम पर दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में एक फ्लैट था जिसकी अनुमानित कीमत 66 लाख रुपये थी।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दो नॉन-एग्रीकल्चरल जमीनें भी उनके नाम दर्ज थीं।
अचरज की बात यह है कि झारखंड में, जहां उन्होंने दशकों तक राजनीति की, उनके नाम पर कोई अचल संपत्ति नहीं थी।
सादगीपूर्ण जीवन और पारदर्शिता की मिसाल
शिबू सोरेन भले ही देश और राज्य की राजनीति में बड़े नाम रहे हों, लेकिन उनकी संपत्ति और जीवनशैली से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने सादगी और ईमानदारी को हमेशा प्राथमिकता दी।
जहां आज के समय में नेताओं पर अपार संपत्ति अर्जित करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं, वहीं शिबू सोरेन का जीवन इन सब से दूर नजर आता है।
राजनीतिक हस्तियों ने जताया शोक
उनके निधन की खबर फैलते ही देशभर के नेताओं ने शोक और संवेदना व्यक्त की।
झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री, विपक्षी नेता, और केंद्रीय नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।
देश ने खोया एक अनुभवी नेता
शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे झारखंड आंदोलन और आदिवासी अधिकारों की पहचान थे।
उनका निधन झारखंड के राजनीतिक इतिहास में एक युग का अंत है।
देश ने एक ऐसा नेता खो दिया है जिसने सत्ता में रहकर भी सिद्धांतों और सादगी को महत्व दिया।
Shibu Soren, former Chief Minister of Jharkhand and a veteran tribal leader, passed away on August 4, 2025, in Delhi. Known for his simplicity and long political career, Soren had declared a net worth of over ₹7 crore in his 2019 election affidavit. He owned a property in South Extension, Delhi, and two plots in Ghaziabad but no assets in Jharkhand. He had no investments in jewelry or stock markets. Despite holding high positions, including Union Minister, Soren maintained a modest lifestyle. His death marks the end of an era in Jharkhand politics.



















