AIN NEWS 1 | इन दिनों सोशल मीडिया पर एक भ्रामक दावा तेजी से फैल रहा है कि सितंबर 2025 से ₹500 के नोट बंद कर दिए जाएंगे। इस खबर ने आम लोगों के बीच असमंजस और घबराहट का माहौल बना दिया है। कई लोगों ने बिना सत्यापन के इस संदेश को फॉरवर्ड कर दिया, जिससे यह अफवाह वायरल हो गई।
कैसे शुरू हुई अफवाह?
व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर (अब X) जैसे प्लेटफॉर्म पर एक दावा वायरल हुआ जिसमें कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सितंबर से ₹500 के नोटों को बंद करने जा रहा है। इसमें यह भी कहा गया कि एटीएम से ₹500 के नोट निकलना बंद हो जाएगा।
इस तरह के संदेशों ने लोगों में भ्रम और चिंता फैला दी। कुछ लोग तो अपने पास रखे ₹500 के नोटों को बदलवाने के बारे में सोचने लगे।
PIB फैक्ट चेक ने किया साफ
सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इस वायरल दावे की सच्चाई जानने के बाद तुरंत अपने आधिकारिक हैंडल से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह खबर पूरी तरह से फर्जी है।
PIB ने स्पष्ट किया कि RBI ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है और न ही ₹500 के नोट बंद करने की कोई योजना है।
RBI का क्या कहना है?
भारतीय रिजर्व बैंक, देश में मुद्रा छपाई और प्रचलन को नियंत्रित करने वाला सबसे बड़ा संस्थान है। फिलहाल RBI ने ₹500 के नोट को वैध मुद्रा बनाए रखने का निर्णय लिया है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
जब भी कोई मुद्रा या नोट बंद किया जाता है, तो इसकी घोषणा RBI या वित्त मंत्रालय द्वारा आधिकारिक रूप से की जाती है। इस मामले में ऐसा कोई भी बयान सामने नहीं आया है।
पुरानी घटनाओं से तुलना
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की अफवाह फैली है। इससे पहले जब ₹2,000 के नोट चलन से बाहर किए गए थे, तब भी कई फेक न्यूज और अफवाहें सामने आई थीं।
अब उसी तरह ₹500 के नोट को लेकर ग़लत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं। जबकि सच यह है कि ₹500 के नोट पूरी तरह वैध हैं और उनका चलन जारी है।
फेक न्यूज कैसे फैलती है?
आज के डिजिटल युग में खबरें पल भर में वायरल हो जाती हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर खबर सही हो। कई बार आधी-अधूरी या पूरी तरह झूठी जानकारी को लोग जांचे बिना शेयर कर देते हैं।
ऐसे मामलों में, सरकारी फैक्ट चेकिंग यूनिट जैसे PIB का काम होता है कि वह सच्चाई सामने लाए और जनता को भ्रामक सूचना से बचाए।
जनता को सतर्क रहने की जरूरत
हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि किसी भी वायरल मैसेज या वीडियो पर आंख बंद कर विश्वास न करे। विशेष रूप से जब विषय नोटबंदी, बैंकों, या सरकार की नीतियों से जुड़ा हो, तो जरूरी है कि केवल आधिकारिक स्रोतों से ही पुष्टि की जाए।
PIB, RBI और सरकार की आधिकारिक वेबसाइटें ही इस तरह की जानकारी के लिए सही और भरोसेमंद माध्यम हैं।
सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग जरूरी
सरकारी एजेंसियां अब सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हो चुकी हैं। PIB का फैक्ट चेक डिवीजन लगातार ऐसे फेक दावों पर नजर रखता है और तुरंत सही जानकारी लोगों तक पहुंचाता है।
इससे यह साफ है कि सरकार भी फेक न्यूज के खतरे को गंभीरता से ले रही है और इसके खिलाफ ठोस कदम उठा रही है।
₹500 के नोट सितंबर से बंद नहीं हो रहे हैं। यह सिर्फ एक अफवाह है जो सोशल मीडिया के ज़रिये फैल रही है। न तो RBI ने ऐसा कोई निर्णय लिया है और न ही सरकार की ओर से कोई अधिसूचना जारी हुई है।
PIB ने इस फेक खबर को खारिज करते हुए लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें।
आप क्या कर सकते हैं?
किसी भी वायरल मैसेज को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जांचें।
RBI या PIB की आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि करें।
दूसरों को भी जागरूक करें और फेक न्यूज फैलाने से बचाएं।
A misleading viral post on social media claimed that ₹500 rupee notes would be banned from September 2025 and that ATMs would stop dispensing them. PIB Fact Check intervened and clarified that RBI has issued no such order and ₹500 notes remain legal and valid. This highlights the importance of verifying currency ban news with trusted sources like PIB and RBI before believing or sharing viral messages.



















