AIN NEWS 1 | रक्षाबंधन सिर्फ एक त्यौहार नहीं, भावनाओं का एक अटूट बंधन है। हर बहन इस दिन अपने भाई के लिए लंबी उम्र, सफलता और खुशहाली की कामना करती है। कुछ रिश्ते खून के नहीं होते, फिर भी उनमें प्यार, सम्मान और आशीर्वाद की गहराई होती है। ऐसा ही रिश्ता है अहमदाबाद की कमर मोहसिन शेख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच।
कमर मोहसिन शेख ने हाल ही में अपने दिल से जुड़ी एक भावनात्मक कहानी साझा की है, जो न सिर्फ इंसानी रिश्तों की गहराई दिखाती है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के जीवन की एक अलग और प्रेरणादायक झलक भी देती है।
शुरुआत एक पेंटिंग एग्जीबिशन से
कमर शेख ने बताया कि उनके पति मोहसिन शेख एक पेंटर हैं और उनकी कला प्रदर्शनियों के सिलसिले में वे दिल्ली जाया करते थे। वहां वे अक्सर एक मित्र दिलीप भाई के घर ठहरते थे, जहां नरेंद्र मोदी भी अक्सर आते थे।
कमर शेख याद करती हैं,
“हम पेंटिंग्स लेकर जाते थे और मोदी जी को दिखाते थे। उन्हें हमारी कला बहुत पसंद आती थी। धीरे-धीरे मुलाकातें बढ़ीं और रिश्ता गहराता गया।”
“कैसी हो बहन?” – पहली मुलाकात की याद
शेख ने अपनी पहली मुलाकात का किस्सा साझा करते हुए कहा,
“जब पहली बार मोदी जी से मिली, तो उन्होंने बड़े ही अपनापन भरे अंदाज़ में कहा – ‘कैसी हो बहन?’ और कंधे पर थपकी दी। मुझे उनका अंदाज़ बेहद पसंद आया और तभी से मैंने उन्हें अपना भाई मान लिया।”
पहली बार राखी और एक सच्चे दिल की दुआ
कमर शेख बताती हैं कि जब उन्होंने मोदी जी को पहली बार राखी बांधी थी, उन्होंने दिल से दुआ मांगी थी –
“भैया, मैं आपके लिए प्रार्थना करती हूं कि आप गुजरात के मुख्यमंत्री बनें।”
इस पर मोदी जी ने मुस्कराते हुए कहा,
“मैं तो संघ में अपने काम से संतुष्ट हूं, बहन। यह तो तुम बददुआ दे रही हो।”
लेकिन समय ने करवट ली और कुछ वर्षों बाद नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
सीएम से पीएम तक का सफर – दुआओं की मिसाल
कमर शेख आगे कहती हैं,
“जब वे मुख्यमंत्री बने और मैंने उन्हें राखी बांधी, तो उन्होंने खुद कहा – ‘तेरी दुआ कबूल हो गई बहन।’ फिर उन्होंने पूछा कि अब क्या दुआ करोगी? तो मैंने कहा – अब प्रार्थना है कि आप देश के प्रधानमंत्री बनें।”
मोदी जी ने हंसते हुए इस बात को टालने की कोशिश की, लेकिन कुछ समय बाद यह प्रार्थना भी पूरी हुई और वे भारत के प्रधानमंत्री बने।
“अब दुआ करती हूं कि आप दुनिया पर राज करें”
कमर शेख ने बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मोदी जी ने उन्हें बुलाया, तो उन्होंने भावुक होकर कहा –
“ये दुआ भी कबूल हो गई। अब क्या दुआ करोगी?”
इस पर कमर बहन ने कहा –
“अब मैं प्रार्थना करती हूं कि आप पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करें।”
और वाकई, मोदी के कार्यकाल में भारत ने वैश्विक मंचों पर अपनी पहचान बनाई है। कमर शेख का मानना है कि
“यह सब उनकी मेहनत का परिणाम है, मेरी दुआएं तो बस साथ थीं।”
“मोदी जी का कोई सगा भाई-बहन नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे बहन से भी बढ़कर सम्मान दिया”
शेख कहती हैं,
“मोदी जी का अपना कोई भाई-बहन नहीं था, इसलिए वे मेरे साथ बहुत स्नेह से पेश आते थे। उनकी बातें, उनका अपनापन दिल को छू जाता है। आज भी मैं हर रक्षाबंधन पर उनके लिए दुआ करती हूं कि वे स्वस्थ रहें, खुश रहें और देश के लिए अपना योगदान ऐसे ही देते रहें।”
एक राखी, एक रिश्ता, एक प्रेरणा
इस कहानी में न केवल एक भावुक रिश्ता छिपा है, बल्कि यह भी संदेश है कि प्रार्थनाएं और सच्चा रिश्ता किसी को भी बुलंदियों तक पहुंचा सकता है। कमर शेख और पीएम मोदी का यह बंधन आज हर भारतीय को प्रेरणा देता है कि सच्ची नीयत और अपनों का आशीर्वाद किसी भी इंसान की ज़िंदगी बदल सकता है।
रक्षाबंधन पर कमर मोहसिन शेख और प्रधानमंत्री मोदी के इस अनूठे रिश्ते की कहानी उन तमाम लोगों के लिए एक मिसाल है जो मानते हैं कि प्यार और दुआएं किसी भी रिश्ते को अमर बना सकती हैं।
Kamar Mohsin Sheikh, famously known as the woman who ties rakhi to PM Narendra Modi every year, recently shared her emotional journey with the Indian Prime Minister. In an exclusive retelling, she spoke about how her prayers led to Modi becoming the Chief Minister of Gujarat and then the Prime Minister of India. This Raksha Bandhan, her story reflects a touching bond that transcends blood relations and shows how support and belief can inspire greatness.