AIN NEWS 1 | केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स बिल 2025 को फिलहाल लोकसभा से वापस ले लिया है। इसके स्थान पर सरकार अब इसका संशोधित संस्करण लेकर आएगी, जिसे 11 अगस्त 2025 को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
यह फैसला तब आया है जब फरवरी 2025 में पेश किए गए इस बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास समीक्षा के लिए भेजा गया था और अब समिति की सिफारिशों के आधार पर इसमें बदलाव किए गए हैं।
बिल का सफर – फरवरी से अगस्त तक
13 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स बिल को लोकसभा में पेश किया था। उसी दिन इसे बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली सेलेक्ट कमिटी को भेजा गया।
लगभग पांच महीने की समीक्षा के बाद, समिति ने 22 जुलाई 2025 को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की। इस रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए, जिनमें से अधिकतर को सरकार ने स्वीकार कर लिया।
क्यों वापस लिया गया बिल?
वित्त मंत्री ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच स्पष्ट किया कि बिल को वापस लेना एक औपचारिक प्रक्रिया है ताकि नए संशोधनों के साथ इसका अपडेटेड वर्जन पेश किया जा सके।
यह विधेयक 6 दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 को बदलने वाला है, इसलिए इसमें कई तकनीकी, कानूनी और प्रक्रियागत बदलाव करना जरूरी था।
टैक्स स्लैब को लेकर स्थिति साफ
लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही था – क्या नए बिल में टैक्स स्लैब बदले जाएंगे?
इस पर आयकर विभाग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस नए बिल में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा।
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य है:
भाषा को आसान बनाना ताकि आम करदाता भी कानून को आसानी से समझ सके।
अनावश्यक प्रावधानों को हटाना जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बने।
सेलेक्ट कमिटी की अहम सिफारिशें
सेलेक्ट कमिटी ने कई सुझाव दिए, जिनमें एक महत्वपूर्ण है –
आईटीआर (आयकर रिटर्न) दाखिल करने की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी टैक्सपेयर्स को बिना किसी पेनल्टी के टीडीएस रिफंड का दावा करने की अनुमति दी जाए।
यह बदलाव करदाताओं के लिए राहतभरा साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो समय पर आईटीआर दाखिल नहीं कर पाते लेकिन उनके पैसे सरकार के पास फंसे रहते हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में बिल की वापसी
बिल को वापस लेने की घोषणा उस समय हुई जब लोकसभा में बिहार की वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने शोर-शराबा किया।
इसके बावजूद, संसद ने वित्त मंत्री को बिल वापस लेने की मंजूरी दे दी।
11 अगस्त को नया ड्राफ्ट – क्या उम्मीद करें?
अब सभी की नजरें 11 अगस्त 2025 पर टिकी हैं, जब इस बिल का नया संस्करण पेश किया जाएगा।
संभावित बदलाव:
करदाता हित में प्रक्रियात्मक सुधार
भाषा और प्रावधानों का सरलीकरण
आईटीआर और टीडीएस से जुड़ी समय सीमा में लचीलापन
पुराने कानूनों के स्थान पर आधुनिक और डिजिटल-फ्रेंडली प्रावधान
क्यों ऐतिहासिक है यह बदलाव
आयकर अधिनियम 1961 को पूरी तरह बदलने का प्रयास भारत के टैक्स सिस्टम में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
यह न केवल कर प्रणाली को आधुनिक बनाएगा, बल्कि डिजिटल युग में पारदर्शिता और सरलता भी लाएगा।
सरकार का यह कदम दर्शाता है कि वह करदाताओं की सुविधा के साथ-साथ कानून को समयानुकूल बनाने के लिए गंभीर है।
हालांकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन प्रक्रियागत सुधारों से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
अब देखना यह है कि 11 अगस्त को पेश होने वाले नए बिल में और क्या बदलाव शामिल किए जाते हैं।
The Government of India has withdrawn the Income Tax Bill 2025 from the Lok Sabha and will present its updated version on August 11, 2025. This revised bill, aimed at replacing the six-decade-old Income Tax Act of 1961, incorporates most recommendations from the Select Committee led by BJP MP Baijayant Panda. While the income tax slabs remain unchanged, the bill focuses on simplifying legal language, removing redundant provisions, and offering taxpayer-friendly measures such as allowing TDS refunds even after the ITR deadline without penalties.