AIN NEWS 1 | नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025 – पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के भारत के खिलाफ परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को “परमाणु हथियारों वाला गैर-जिम्मेदार देश” करार दिया और चेतावनी दी कि वहां परमाणु हथियार गैर-राज्य तत्वों (आतंकी समूहों) के हाथ में जाने का गंभीर खतरा है।
धमकी की पृष्ठभूमि
हाल ही में अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, जनरल आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ बेहद आक्रामक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत द्वारा सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों पर बनाए जा रहे बांधों के पूरा होने का इंतजार करेगा और फिर मिसाइलों से उन्हें नष्ट कर देगा। यह बयान अमेरिकी धरती पर दिया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चर्चा छिड़ गई।
भारत की कड़ी आपत्ति
भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने ऐसी परमाणु धमकी दी हो। जब भी अमेरिका पाकिस्तान सेना का समर्थन करता है, इस तरह की बयानबाजी देखने को मिलती है। सूत्रों ने कहा:
“पाकिस्तान में लोकतंत्र का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है। वहां सेना ही सत्ता की बागडोर संभालती है। ऐसे माहौल में परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है।”
‘गैर-जिम्मेदार देश’ की संज्ञा
भारत ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान का आचरण एक गैर-जिम्मेदार परमाणु ताकत जैसा है। परमाणु हथियारों का जिक्र करके बार-बार धमकी देना न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह वैश्विक शांति व्यवस्था को भी चुनौती देता है।
सेना और आतंकी समूहों की मिलीभगत
विदेश मंत्रालय ने भी जनरल मुनीर की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा:
“पाकिस्तान में सेना और आतंकी समूहों के बीच लंबे समय से मिलीभगत रही है। ऐसे देश में परमाणु कमान और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर संदेह होना स्वाभाविक है।”
यह बयान इस आशंका को और मजबूत करता है कि पाकिस्तान में परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता वाजिब है।
जम्मू-कश्मीर हमले से जुड़ाव
भारत ने यह भी आरोप लगाया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के पीछे भी पाकिस्तान की उकसाने वाली बयानबाजी थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जनरल मुनीर ने उस समय ऐसा भाषण दिया था, जिससे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा मिला।
अमेरिका की भूमिका और कूटनीतिक समीकरण
जनरल मुनीर का यह बयान उस समय आया है जब भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया व्यापार नीतियों से नई दिल्ली नाराज है। खास बात यह है कि 19 जून को ट्रंप ने ही मुनीर की मेजबानी की थी, जिससे भारत के रणनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं।
भारत का मानना है कि अमेरिकी समर्थन मिलने पर पाकिस्तान का रवैया और आक्रामक हो जाता है। परमाणु धमकी देना इसका ताजा उदाहरण है।
कूटनीतिक संकेत
भारत की ओर से दिए गए इस कड़े बयान का संदेश साफ है – पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत तभी संभव है, जब वह आतंकी समूहों से दूरी बनाए और परमाणु हथियारों को जिम्मेदारी से संभाले।
कूटनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की धमकियां पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को और नुकसान पहुंचाती हैं। इसके अलावा, यह भारत को अपने सुरक्षा ढांचे और कूटनीतिक रणनीतियों को और मजबूत करने की ओर प्रेरित करता है।
पाकिस्तान सेना प्रमुख की यह परमाणु धमकी भले ही भारत के लिए नई न हो, लेकिन समय और मंच इसे बेहद गंभीर बनाते हैं। अमेरिकी धरती पर दिया गया यह बयान न केवल दक्षिण एशिया की सुरक्षा के लिए खतरे का संकेत है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय को भी चेतावनी देता है कि पाकिस्तान की परमाणु नीति कितनी अस्थिर और खतरनाक हो सकती है।
भारत का कड़ा जवाब इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह ऐसे बयानों को हल्के में नहीं लेगा और हर मंच पर पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदार परमाणु नीति को उजागर करेगा।
India has sharply condemned Pakistan Army Chief Asim Munir for issuing a nuclear threat against Indian infrastructure projects on the Sindhu River. Calling Pakistan an irresponsible nuclear state, New Delhi warned of the danger of nuclear weapons falling into terrorist hands due to the Pakistan Army’s collusion with militant groups. The remarks, made on US soil, come amid tense India-US relations and have reignited global concerns about nuclear security in South Asia.