AIN NEWS 1 | हाल ही में फेसबुक और इसकी पेरेंट कंपनी मेटा से जुड़ा एक संदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस संदेश में दावा किया जा रहा है कि मेटा ने नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत कंपनी आपके प्रोफाइल पर मौजूद फोटो, वीडियो और निजी जानकारी का इस्तेमाल आपकी अनुमति के बिना कर सकती है।
संदेश में यह भी कहा जा रहा है कि अगर आपने इस मैसेज को कॉपी करके अपने प्रोफाइल पर पोस्ट नहीं किया, तो इसे आपकी अनुमति मान लिया जाएगा।
वायरल संदेश का एक उदाहरण इस तरह है:
“मैं, पं. रंजीत कुमार पांडेय, स्पष्ट करता हूं कि मैं फेसबुक/मेटा को अपनी निजी जानकारी और तस्वीरों के उपयोग की अनुमति नहीं देता। कल से नए नियम लागू होंगे, जिनके तहत आपकी तस्वीरों और डाटा का इस्तेमाल किया जाएगा। कृपया इस संदेश को कॉपी करें और अपने प्रोफाइल पर पेस्ट करें, वरना माना जाएगा कि आपने अनुमति दे दी है।”
असलियत क्या है?
तथ्यों की जांच के बाद साफ है कि यह दावा पूरी तरह फर्जी और भ्रामक है। फेसबुक की गोपनीयता नीति (Privacy Policy) के अनुसार, आपके डाटा का इस्तेमाल केवल उन्हीं शर्तों के तहत होता है, जिनसे आप खाता बनाते समय सहमत होते हैं।
किसी “घोषणा पोस्ट” को अपने प्रोफाइल पर डालने से इन शर्तों में कोई बदलाव नहीं होता। यानी, इस तरह के मैसेज का आपकी प्राइवेसी पर शून्य असर है।
फैक्ट-चेक
फेसबुक ऐसे नियम अचानक नहीं बदलता — गोपनीयता नीति में किसी भी बदलाव की आधिकारिक जानकारी फेसबुक की वेबसाइट, नोटिफिकेशन और ईमेल के माध्यम से दी जाती है।
“कल से नए नियम” वाली बात झूठ है — मेटा ने इस तरह का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया।
यह एक पुरानी अफवाह है — यह मैसेज पिछले कई सालों से अलग-अलग रूप में सोशल मीडिया पर फैलता रहा है।
आपके डाटा का नियंत्रण आपके पास है — प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर आप तय कर सकते हैं कि आपकी पोस्ट और फोटो कौन देख सकता है।
यह अफवाह कैसे फैलती है?
सोशल मीडिया पर ऐसे मैसेज डर और असुरक्षा फैलाकर वायरल किए जाते हैं। लोग बिना तथ्यों की जांच किए इन्हें शेयर कर देते हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि यह कानूनी घोषणा है।
कई लोग मानते हैं कि इसे पोस्ट करने से वे सुरक्षित हो जाएंगे।
नतीजा यह होता है कि एक गलत जानकारी लाखों यूजर्स तक पहुंच जाती है।
असल में, इस तरह के मैसेज का कोई कानूनी महत्व नहीं होता।
फेसबुक की असली गोपनीयता पॉलिसी
फेसबुक (मेटा) अपनी Terms of Service और Privacy Policy में साफ लिखता है:
आपका कंटेंट (फोटो, वीडियो, पोस्ट) आपका ही रहेगा।
फेसबुक केवल प्लेटफॉर्म पर सेवा देने, दिखाने और तकनीकी सुधार के लिए इसका उपयोग करता है।
अगर आप अपना अकाउंट डिलीट करते हैं, तो आपका अधिकांश डेटा उनके सर्वर से हटा दिया जाता है, हालांकि बैकअप कॉपी कुछ समय तक रह सकती है।
इसका मतलब है कि फेसबुक आपके अधिकार नहीं छीनता, बल्कि आपकी अनुमति के बिना आपके डाटा को किसी और मकसद के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।
अपने डाटा को सुरक्षित रखने के आसान तरीके
अगर आप अपनी जानकारी को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं, तो ये कदम अपनाएं:
प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें — तय करें कि आपकी पोस्ट कौन देख सकता है (Public, Friends, Only Me)।
टाइमलाइन और टैग सेटिंग्स अपडेट करें — तय करें कि कौन आपको टैग कर सकता है और आपकी टाइमलाइन पर पोस्ट कब दिखेगी।
लोकेशन शेयरिंग बंद करें — केवल जरूरत होने पर ही लोकेशन ऑन करें।
ऐप परमिशन चेक करें — थर्ड-पार्टी ऐप्स की एक्सेस सीमित करें और गैर-जरूरी ऐप्स हटा दें।
दोस्तों को जागरूक करें — उन्हें समझाएं कि ऐसे मैसेज बेकार और झूठे होते हैं।
क्यों जरूरी है सही जानकारी फैलाना
डिजिटल दौर में गलत सूचना (Misinformation) सिर्फ एक मजाक नहीं है — यह आपकी सुरक्षा और गोपनीयता के लिए खतरा बन सकती है।
फर्जी खबरें लोगों को भ्रमित करती हैं।
बेकार मैसेज शेयर करने से असली सुरक्षा टिप्स अनदेखी रह जाती हैं।
समय और ध्यान दोनों बर्बाद होते हैं।
फेसबुक पर वायरल हो रहा यह गोपनीयता दावा पूरी तरह से झूठा है। मेटा आपके डाटा का इस्तेमाल केवल उनकी आधिकारिक नीतियों के अनुसार करता है, और किसी “कॉपी-पेस्ट” पोस्ट से आपके अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ता।
सुरक्षा के लिए असली कदम यह हैं — अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें, ऐप परमिशन्स चेक करें और फर्जी संदेशों से बचें।
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