AIN NEWS 1 | गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद ने सुरक्षा के मामले में देश के सभी बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे सुरक्षित शहर बनने का खिताब हासिल किया है। हाल ही में यूरोप की प्रतिष्ठित संस्था न्यूमबियो (Numbeo) ने 2025 के अपराध और सुरक्षा सूचकांक (Crime and Safety Index) की रिपोर्ट जारी की, जिसमें अहमदाबाद को यह गौरव प्राप्त हुआ।
अहमदाबाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग
इस वैश्विक रैंकिंग में अहमदाबाद को दुनिया में 77वां सबसे सुरक्षित शहर घोषित किया गया है। वहीं, जयपुर को 95वां स्थान मिला है और वह देश में दूसरे नंबर पर है। दुनिया भर में अबू धाबी पहले स्थान पर है, जबकि दोहा दूसरे स्थान पर।
अहमदाबाद ने किन शहरों को पीछे छोड़ा
इस रिपोर्ट में अहमदाबाद ने सुरक्षा के मामले में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। यह उपलब्धि अहमदाबाद के लिए गर्व की बात है, खासकर इसलिए क्योंकि यह शहर तेज़ी से बढ़ती आबादी और उद्योगों के बावजूद सुरक्षा के मोर्चे पर मजबूती से खड़ा है।
अहमदाबाद पुलिस की रणनीति
अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि इस सफलता के पीछे कई ठोस कदम उठाए गए हैं।
स्थानांतरण नीति (Transfer Policy) – पुलिस विभाग में पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए 6,500 से अधिक पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया।
पुलिस बल की संख्या में वृद्धि – पिछले दो सालों में पुलिस थानों में 80% अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति हुई।
पुलिस की पहुंच बढ़ाना – नागरिकों तक पुलिस की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तय समय सीमा बनाई गई, जिससे लोगों को त्वरित सहायता मिल सके।
तकनीक और निगरानी में बड़ा निवेश
अहमदाबाद में 25,000 से अधिक CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से 22,000 कैमरे गुजरात लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत नागरिकों ने स्वयं लगाए। बाकी कैमरे गृह विभाग, अहमदाबाद नगर निगम और निर्भया पहल के तहत लगाए गए।
यह व्यापक निगरानी नेटवर्क अपराध की रोकथाम और त्वरित कार्रवाई में अहम भूमिका निभा रहा है।
नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग
ज्ञानेंद्र सिंह मलिक के अनुसार, अहमदाबाद पुलिस ने “सिटिजन-सेंट्रिक पुलिसिंग” को अपनी प्राथमिकता बनाया है। इसमें आम नागरिकों को सुरक्षा प्रयासों में साझेदार बनाया जाता है। यह न सिर्फ अपराध पर अंकुश लगाता है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता भी मजबूत करता है।
नेतृत्व और सहयोग का महत्व
कमिश्नर ने बताया कि इस उपलब्धि में मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री, गुजरात के पुलिस महानिदेशक और अहमदाबाद नगर पुलिस के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का योगदान है। इसके अलावा, शहर के नागरिकों का सक्रिय सहयोग अहमदाबाद को यह मुकाम दिलाने में अहम रहा।
अहमदाबाद के लिए इसका क्या मतलब है
यह रैंकिंग न केवल शहर की सुरक्षा व्यवस्था की सफलता को दर्शाती है, बल्कि निवेश, पर्यटन और नागरिक जीवन की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक असर डालेगी। सुरक्षित माहौल निवेशकों और पर्यटकों के लिए अहमदाबाद को एक आकर्षक गंतव्य बनाता है।
मुख्य बिंदु
अहमदाबाद – भारत का सबसे सुरक्षित शहर (दुनिया में 77वां स्थान)
जयपुर – देश में दूसरा सुरक्षित शहर (दुनिया में 95वां स्थान)
अबू धाबी – दुनिया का सबसे सुरक्षित शहर
अहमदाबाद में 25,000 से अधिक CCTV कैमरे
6,500 पुलिस अधिकारियों का तबादला और 80% अधिक नियुक्तियां
नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग और सामुदायिक सहयोग का बड़ा योगदान
अहमदाबाद की यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि सुव्यवस्थित रणनीति, तकनीकी निवेश और नागरिकों के सहयोग से किसी भी शहर को सुरक्षित बनाया जा सकता है। आने वाले समय में यह मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।
Ahmedabad has been ranked as the safest city in India in the Numbeo 2025 Crime and Safety Index, surpassing major cities like Mumbai, Delhi, Bengaluru, and Hyderabad. Positioned 77th globally, the city owes its achievement to an effective transfer policy, 80% increase in police staffing, over 25,000 CCTV cameras, and citizen-led safety initiatives. Jaipur secured the second spot in India, while Abu Dhabi topped the global list. The success of Ahmedabad’s safety measures highlights the power of technology, community participation, and proactive policing in urban security.