AIN NEWS 1 – समाजवादी पार्टी से कौशांबी की चायल सीट की विधायक पूजा पाल के निष्कासन के बाद पार्टी के भीतर सियासी माहौल गर्म हो गया है. इस मामले पर सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और सीधे तौर पर पूजा पाल पर पार्टी के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया.
रागिनी सोनकर का तंज – “कौन हैं पूजा पाल?”
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान जब रागिनी सोनकर से पूजा पाल पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा,
“कौन पूजा पाल? पूजा पाल किस पार्टी में हैं? अच्छा हुआ आपने बताया, क्योंकि मुझे तो यह पता ही नहीं था. जनता भी इस कारण नाराज़ है.”
उनके इस बयान से यह साफ झलकता है कि सपा विधायक, पूजा पाल के रुख और उनके हालिया बयानों से बेहद असंतुष्ट हैं.
“पार्टी के भरोसे जीतीं, लेकिन दिया धोखा”
रागिनी सोनकर ने कहा कि पूजा पाल जिस समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं, उसी पार्टी के सिद्धांतों और भरोसे को तोड़ा है.
“जब जनता और पार्टी को भरोसा था कि वो हमारे सदस्य को चुनकर भेजेंगी, तब उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा दिखानी चाहिए थी. लेकिन उन्होंने इसके विपरीत कदम उठाया. ऐसे में पार्टी का एक्शन पूरी तरह सही है.”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यहां मामला महिला या पुरुष का नहीं है, बल्कि सही और गलत का है. “जो गलत है, वो गलत है और जो सही है, वो सही है.”
विवाद की जड़ – सीएम योगी की तारीफ
पूजा पाल पर यह कार्रवाई तब हुई जब उन्होंने यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ कर दी. गुरुवार को हुए सत्र में उन्होंने सीएम योगी के कामकाज की सराहना की, जो सपा की लाइन से बिल्कुल अलग थी.
इस बयान के बाद पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दिए बिना ही निष्कासित कर दिया. सपा का मानना है कि यह पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है.
पूजा पाल का पलटवार – “वोट बैंक की राजनीति”
निष्कासन के बाद पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि यह कार्रवाई एक खास वर्ग को खुश करने के लिए की गई है. उन्होंने कहा,
“जब मैं माफिया अतीक अहमद से नहीं डरी, तो अब सच बोलने से कैसे हार मान लूं? मैंने केवल वही कहा जो मुझे सही लगा.”
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के भीतर “वोट बैंक की राजनीति” हावी है और यह कार्रवाई उसी का नतीजा है.
रागिनी सोनकर का जवाब – “बयानबाज़ी बनावटी”
पूजा पाल के इन आरोपों पर रागिनी सोनकर ने कहा कि यह तर्क बनावटी हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
“जब उन्होंने गलत वोट डाला, तब पार्टी नाराज़ नहीं हुई, लेकिन एक बयान से नाराज़ हो गई – यह कहना सही नहीं है. पार्टी का हर निर्णय विचार-विमर्श के बाद होता है.”
अंदरूनी संदेश – अनुशासन से समझौता नहीं
पूरे घटनाक्रम से साफ है कि समाजवादी पार्टी अपने नेताओं से अनुशासन और पार्टी लाइन पर बने रहने की सख्त उम्मीद करती है. चाहे विधायक हो या वरिष्ठ नेता, पार्टी के सिद्धांतों और सार्वजनिक बयानबाज़ी में किसी भी तरह का विरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा.
राजनीतिक असर
पूजा पाल का निष्कासन न केवल उनके राजनीतिक करियर पर असर डालेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि पार्टी में व्यक्तिगत राय रखने की एक सीमा है. साथ ही, रागिनी सोनकर का यह तीखा बयान दर्शाता है कि सपा के भीतर ऐसे मामलों पर समझौते की गुंजाइश कम है.
पूजा पाल और सपा के बीच यह टकराव बताता है कि राजनीति में पार्टी अनुशासन सबसे ऊपर रखा जाता है. जहां एक ओर पूजा पाल अपने बयानों को सच और स्वतंत्र सोच का प्रतीक बता रही हैं, वहीं पार्टी और उसके विधायक इसे विश्वासघात और सिद्धांतों से विचलन के रूप में देख रहे हैं. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला पूजा पाल के भविष्य को किस दिशा में ले जाता है.
Samajwadi Party MLA Ragini Sonkar strongly criticized expelled MLA Pooja Pal after she praised UP CM Yogi Adityanath in the Assembly. Sonkar accused Pal of betraying the party that helped her win, while Pooja Pal hit back, claiming the expulsion was due to vote bank politics. The controversy has stirred political debate on party discipline and loyalty in Uttar Pradesh politics.