AIN NEWS 1 | अमेरिकी राजनीति और वैश्विक कूटनीति उस समय सुर्खियों में आ गई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। इस बैठक के बाद ट्रंप ने अमेरिकी न्यूज़ चैनल फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में इसे “बेहद सफल और सकारात्मक” करार दिया।
उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह इस मुलाकात को 10 में से 10 अंक देंगे। ट्रंप के मुताबिक बातचीत का माहौल गर्मजोशी भरा था और कई अहम मुद्दों पर दोनों देशों में सहमति बनने की दिशा में प्रगति हुई।
ट्रंप ने क्या कहा मुलाकात पर?
ट्रंप ने अपने इंटरव्यू में कहा –
“आज हमारी बेहद अच्छी मुलाकात हुई। हालांकि, कोई भी सौदा तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक सभी बिंदुओं पर सहमति न हो जाए। हमने काफी प्रगति की है, लेकिन यह देखना होगा कि आखिरकार क्या हम वास्तविक डील तक पहुंच पाते हैं या नहीं। मेरी सबसे बड़ी इच्छा यही है कि लोग मरना बंद करें।”
उनका यह बयान सीधे-सीधे यूक्रेन युद्ध और रूस-अमेरिका संबंधों से जुड़ा हुआ माना जा रहा है।
पुतिन की तारीफ सुनकर खुश हुए ट्रंप
बैठक के दौरान पुतिन ने ट्रंप से कहा कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो मौजूदा युद्ध (यूक्रेन संघर्ष) कभी शुरू ही नहीं होता। इस टिप्पणी पर ट्रंप visibly भावुक और खुश दिखे।
उन्होंने कहा –
“यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह युद्ध कभी नहीं होता। यह मेरे लिए सम्मान की बात है।”
इस बयान ने अमेरिकी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि ट्रंप खुद को मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की तुलना में अधिक सक्षम मानते हैं।
असहमतियों पर ट्रंप का जवाब
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने पुतिन के साथ किसी बात पर असहमति जताई, तो ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा –
“नहीं, मैं इस समय कुछ भी सार्वजनिक नहीं करना चाहता। किसी न किसी तरह यह बात सामने आ ही जाएगी। लेकिन फिलहाल मैं यह देखना चाहता हूं कि हम बातचीत को आगे कहां तक ले जा सकते हैं।”
ट्रंप के इस बयान से साफ है कि वे कूटनीतिक रणनीति अपनाते हुए किसी भी मतभेद को सार्वजनिक नहीं करना चाहते।
जेलेंस्की और पुतिन की मुलाकात कराने का वादा
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि वह जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और पुतिन की मुलाकात कराएंगे।
उन्होंने कहा –
“हमें इस समझौते को पूरा करने का अच्छा मौका है। यह दो बहुत अहम देशों की एक गर्मजोशी भरी बैठक थी। जब वे एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध रखते हैं तो यह पूरी दुनिया के लिए सकारात्मक होता है। मुझे लगता है कि हम डील के काफी करीब हैं। अब देखना यह है कि यूक्रेन इसे मानता है या नहीं।”
जेलेंस्की के लिए ट्रंप का सीधा संदेश
ट्रंप ने पुतिन के साथ मीटिंग खत्म करने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को सीधा संदेश दिया –
“समझौता कर लो।”
यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि यह संकेत देता है कि ट्रंप युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
अगली मीटिंग कहां होगी?
बैठक के अंत में जब ट्रंप ने कहा कि आगे भी उनकी पुतिन से मीटिंग होगी, तो इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जवाब दिया –
“अगली मुलाकात मॉस्को में होगी।”
इस तरह यह संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में अमेरिका-रूस संबंधों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर असर
यह मुलाकात केवल अमेरिका और रूस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर वैश्विक राजनीति और यूक्रेन युद्ध पर पड़ेगा।
यदि ट्रंप और पुतिन की बातचीत किसी सकारात्मक समझौते तक पहुंचती है तो इसका फायदा पूरी दुनिया को होगा।
वहीं, ट्रंप का जेलेंस्की को दिया गया संदेश यह दर्शाता है कि वे रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहते हैं।
अमेरिकी राजनीति में यह मुलाकात चुनावी बहस का हिस्सा भी बन सकती है, क्योंकि ट्रंप खुद को एक मजबूत वैश्विक नेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्रंप और पुतिन की यह मुलाकात न केवल अमेरिका-रूस संबंधों बल्कि दुनिया की राजनीति के लिए बेहद अहम है। ट्रंप का इसे 10/10 अंक देना उनकी संतुष्टि को दर्शाता है, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या यह बातचीत वास्तव में किसी ठोस शांति समझौते का रास्ता खोलेगी या फिर सिर्फ कूटनीतिक बयानों तक ही सीमित रह जाएगी।
आने वाले दिनों में इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी।