AIN NEWS 1 | अमेरिका की पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते दशकों पुराने दोस्ती और भरोसे की नींव पर टिके हैं, इसलिए मौजूदा विवादों को बातचीत के जरिए हल करना बेहद जरूरी है।
हेली का कहना है कि भारत को रूसी तेल खरीद और व्यापारिक मतभेदों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द से जल्द व्हाइट हाउस के साथ मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए। उनके मुताबिक, भारत और अमेरिका दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और अगर दोनों एकजुट होकर काम करें तो चीन जैसी ताकत का मुकाबला करना आसान होगा।
व्यापार और रूसी तेल विवाद
हाल ही में अमेरिका और भारत के बीच तनाव बढ़ा है। भारत बड़ी मात्रा में रूस से तेल खरीद रहा है, जिससे व्लादिमीर पुतिन को आर्थिक सहारा मिल रहा है। इसी वजह से ट्रंप प्रशासन ने भारत को 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यह शुल्क पहले से लागू 25% शुल्क के ऊपर होगा। हेली ने कहा कि भारत पारंपरिक रूप से एक “संरक्षणवादी अर्थव्यवस्था” रहा है। साल 2023 में भारत का औसत टैरिफ अमेरिका से लगभग पांच गुना अधिक था।
भारत को चीन से अलग समझना होगा
निक्की हेली ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को चीन जैसा नहीं समझा जा सकता। चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन उसे किसी तरह के प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ा है। अगर भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास आई तो यह 25 साल की मेहनत और साझेदारी को कमजोर करेगा और सबसे बड़ा फायदा चीन को मिलेगा।
सप्लाई चेन और रक्षा में भारत की अहमियत
हेली ने कहा कि अल्पकाल में भारत अमेरिका के लिए बेहद जरूरी साझेदार है। अमेरिका कई उत्पाद जैसे कपड़ा, सस्ते मोबाइल फोन और सोलर पैनल तुरंत अपने देश में बड़े पैमाने पर नहीं बना सकता, जिनका विकल्प भारत ही दे सकता है।
रक्षा क्षेत्र में भी भारत की भूमिका अहम है। भारत अमेरिकी रक्षा उपकरणों के लिए तेजी से बढ़ता बाजार है और मध्य पूर्व को स्थिर बनाने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा, भारत की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चीन की ऊर्जा और व्यापार मार्गों के केंद्र में आता है। हेली के मुताबिक, अगर भविष्य में कोई बड़ा संघर्ष हुआ, तो भारत चीन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।



















