टी-20 वर्ल्ड कप आपके लिए ही भारत-पाक का मुकाबला नहीं है! एड वर्ल्ड के लिए भी 33% व्यूअरशिप वाला भारत-पाक मैच ही है असली वर्ल्ड कप

50-50 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान का मुकबला पहली बार 1992 में हुआ था। तब से लेकर अब तक वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप दोनों को मिलाकर 13 बार दोनों टीमों का मुकाबला हो चुका है।

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AIN NEWS 1: 50-50 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान का मुकबला पहली बार 1992 में हुआ था। तब से लेकर अब तक वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप दोनों को मिलाकर 13 बार दोनों टीमों का मुकाबला हो चुका है। इनमें से 1992 से 2019 तक हुए जितनी बार भी दोनों टीमों के 50-50 वर्ल्ड कप में मैच हुए हैं उन सभी में जीत का सेहरा भारत के सिर बंधा है। इस मुकाबले का लोगों में इतना क्रेज होता है कि भारत के जीतते ही वो कहने लगते हैं कि हमने तो विश्व कप जीत लिया। इसके बाद अब भारत फाइनल तक पहुंचे, वर्ल्ड कप जीते या हारे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन भारत-पाक के इन मैचों ने दुनियाभर की किक्रेट को कितना अमीर बनाया है ये समझने में ICC को 24 साल लग गए। यानी 2015 से ही वनडे वर्ल्ड कप के हर टूर्नामेंट में भारत-पाक मैच रखने की शुरुआत की गई थी। हालांकि इसके पीछे दोनों मुल्कों के खराब संबंध की भी बड़ी भूमिका रही है।

2015 वर्ल्ड कप से पहले संयोग से वन डे में भिड़े भारत-पाक

2015 वर्ल्ड कप के पहले ICC टूर्नामेंट्स में भारत-पाक मैच का होना महज संयोग था। इसमें 7 बार वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप में दोनों का मुकाबला हुआ। इनमें से 6 बार नॉकआउट राउंड या सुपर-6 में भिड़ंत हुई थी। केवल एक बार, 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज में मुकाबला हुआ था। तब भी टीमों की ग्रुपिंग रैंकिंग के आधार पर की गई थी और संयोगवश भारत-पाकिस्तान एक समूह में आए थे। 2012 से दोनों के बीच द्विपक्षीय सीरीज बंद होने के बाद ICC ने तय किया कि अब हर टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान का एक मैच जरूर होगा जिससे वो रोमांच का फायदा उठा सके।

पूरे टूर्नामेंट की 33% व्यूअरशिप भारत-पाक मैच में होती है

किसी भी विश्व कप में ग्रुप स्टेज में भारत-पाक मुकाबला होने से टूर्नामेंट को नॉकआउट राउंड से पहले ही रफ्तार मिल जाती है। 2019 वनडे वर्ल्ड कप के सभी मैच को कुल 70.6 करोड़ दर्शक मिले थे। टूर्नामेंट के कुल 48 मैचों में एवरेज 1.47 करोड़ दर्शक का था। इसी टूर्नामेंट में भारत-पाक मैच को 27 करोड़ दर्शक मिले थे जो टूर्नामेंट के कुल दर्शकों का लगभग 35% है। 2019 से पहले 2011 के सेमीफाइनल में भारत-पाक मैच को 49.5 करोड़ लोगों ने देखा था क्योंकि ये एक नॉकआउट मुकाबला था।

ब्रॉडकास्टर्स की मांग पर ICC बनाता है शेड्यूल!

ICC ने 2024 से 2027 तक के मीडिया राइट्स लगभग 24 हजार करोड़ रुपए में बेचे हैं। पिछली बार ये राइट्स लगभग 12 हज़ार करोड़ में बिके थे। इतनी बड़ी फीस चुकाने के बाद ब्रॉडकास्टर्स चाहते हैं कि ICC टूर्नामेंट्स में भारत-पाक मैच केवल नॉकआउट राउंड के भरोसे ना रहे बल्कि ग्रुप स्टेज में भी भारत-पाक को खेलते हुए लोग देखें जिससे उन्हें तगड़ी व्यूअरशिप मिले और उनका निवेश नुकसान में बदलने की जगह बंपर मुनाफे की वजह बन जाए। दरअसल, ब्रॉडकास्टर्स हर मैच के एड स्लॉट्स की नीलामी करते हैं जिससे तय होता है कि मैच के दौरान प्रत्येक 10 सेकेंड के विज्ञापन से कितने पैसे मिलेंगे। भारत-पाक मैच के एड स्लॉट बाकी मैचों के मुकाबले तीन से चार गुना ज्यादा महंगे होते हैं। इसका मुकाबला केवल वो सेमीफाइनल या फाइनल मैच कर पाते हैं जिसमें भारतीय टीम खेलती है।

आयोजक शहर को मिलता है क्रिकेट टूरिज्म का लाभ

भारत-पाकिस्तान मैच देखने विश्व भर से भारतीय और पाकिस्तानी उस शहर में पहुंचते हैं जहां यह मैच होता है। मेलबर्न में लगभग 30 हजार भारतीय और पाकिस्तानी केवल एक मैच को देखने के लिए पहुंच गए हैं। इनमें भारतीयों की संख्या ज्यादा है। इस तरह का लाभ किसी भी विश्व कप में भारत-पाक मैच आयोजित करने वाले शहर को मिलता है।

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